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Indore Child Marriage: मध्य प्रदेश में बाल विवाह से बचने के लिए 15 वर्षीय लड़की हल्दी की रस्म से पहले घर से भागी

Indore Child Marriage: मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में अभी भी चोरी-छुपे बाल विवाह होते हैं. सरकार इसे रोक पाने में पूरी तरह से सफल नहीं हो सकी है. ताजा मामला इंदौर का है जहा 15 साल की बच्ची की शादी उसकी उम्र से ठीक दोगुने पुरुष से कराई जा रही थी. इस दौरान मौका देख बच्ची शादी की बीच रस्म से भाग गई.

Indore minor girl flee from home
मध्य प्रदेश में बाल विवाह से बचने के लिए लड़की भागी
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Published : May 25, 2022, 11:50 PM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में 15 वर्षीय लड़की बुधवार को हल्दी की रस्म से ऐन पहले घर से भाग गई और स्थानीय प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई कि दोगुनी उम्र के शख्स के साथ उसका जबरन बाल विवाह कराया जा रहा है. बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के गठित उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी. (Indore Child Marriage) उन्होंने बताया, ‘‘हल्दी की रस्म से ऐन पहले घर से भागने के बाद नाबालिग लड़की ने हमें बताया कि उसका मामा 30 वर्ष के वर के साथ उसका जबरन बाल विवाह करा रहा है. हमने लड़की के मामा को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर उसका बाल विवाह रुकवा दिया.’’

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पाठक ने बताया कि बालिका वधू बनने से बची 15 वर्षीय लड़की से बातचीत के बाद उसे शहर के एक आश्रय स्थल भेजा गया है. उन्होंने बताया कि लड़की के पिता के निधन के बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी और तब से वह अपने मामा के एक मकान में अकेली रह रही थी. पाठक के मुताबिक वर पक्ष का दावा है कि लड़की के मामा ने उसे वधू की उम्र 21 वर्ष बताई थी.

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गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में 15 वर्षीय लड़की बुधवार को हल्दी की रस्म से ऐन पहले घर से भाग गई और स्थानीय प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई कि दोगुनी उम्र के शख्स के साथ उसका जबरन बाल विवाह कराया जा रहा है. बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के गठित उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी. (Indore Child Marriage) उन्होंने बताया, ‘‘हल्दी की रस्म से ऐन पहले घर से भागने के बाद नाबालिग लड़की ने हमें बताया कि उसका मामा 30 वर्ष के वर के साथ उसका जबरन बाल विवाह करा रहा है. हमने लड़की के मामा को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर उसका बाल विवाह रुकवा दिया.’’

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पाठक ने बताया कि बालिका वधू बनने से बची 15 वर्षीय लड़की से बातचीत के बाद उसे शहर के एक आश्रय स्थल भेजा गया है. उन्होंने बताया कि लड़की के पिता के निधन के बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी और तब से वह अपने मामा के एक मकान में अकेली रह रही थी. पाठक के मुताबिक वर पक्ष का दावा है कि लड़की के मामा ने उसे वधू की उम्र 21 वर्ष बताई थी.

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गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.

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