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बारिश के मद्देनजर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दिए निर्देश, प्रदेश के सभी डैम की मेंटेनेंस रिपोर्ट सौंपे अधिकारी

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बारिश को देखते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विभाग के अर्न्तगत आने वाले सभी बांध, तालाब, बैराज, नहर, स्टॉप डेम आदि का रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए.

minister Tulsiram Silavat
मंत्री तुलसीराम सिलावट
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Published : Jun 17, 2020, 7:37 AM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश में इस बार औसत से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है. इसके मद्देनजर जल संसाधन विभाग अब देवतालाब, बैराज, नहर आदि का रखरखाव करने जा रहा है. दरअसल अधिक बारिश की स्थिति में जल संरचनाएं क्षतिग्रस्त ना हो इसलिए इस वर्ष भी प्रभावी मानसून के पहले सभी के मेंटेनेंस के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट निर्देश दिए हैं.

मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दिए निर्देश

मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विभाग के अर्न्तगत आने वाले सभी बांध, तालाब, बैराज, नहर, स्टॉप डेम आदि का रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए और आवश्यकता होने पर उनकी मरम्मत करा ली जाए. विभाग की सभी निर्माण संरचनाओं का भौतिक सत्यापन के साथ आघतन रिपोर्ट बनाई जाए. वर्षा काल में अतिवर्षा की स्थिति होने पर यह सुनिश्चित किया जाये कि संरचनाएं सुरक्षित रहें और पानी के अतिप्रवाह के कारण क्षतिग्रस्त न हों. जिलों में स्थित इन संरचनाओं का उत्तरदायित्व संबंधित सहायक यंत्री और उपयंत्री को सौंपा जाए. निर्धारित मापदंडों के अनुसार सभी नहरों, स्टॉप डेम का मरम्मत कार्य कराकर इसकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए.

इसके लिए तुलसी सिलावट ने भोपाल में विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये. उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि वर्षाकाल में विभाग के अन्तर्गत सभी तालाब, बांधों में स्थित पानी की वास्तविक स्थिति का आंकलन कर विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि बारिश होने पर इनके केचमेंट एरिया से आने वाले पानी से बांध या तालाब में ओवरफ्लो की स्थिति निर्मित होने पर किस प्रकार से व्यवस्थाओं को बनाया जाना है.

बांध या तालाब से पानी छोड़े जाने पर उसकी सूचना तराई वाले क्षेत्रों और संबंधित जिलों के अधिकारियों को पूर्व में ही दी जाए. प्रमुख अभियंता को यह भी सुनिश्चित करें कि सभी तालाबों और बांधों की मजबूती संबंधी रिपोर्ट भी तैयार करें. बारिश में यदि तकनीकी कारणों से कोई तालाब, बैराज, बांध, स्टॉप डेम, नहर आदि क्षतिग्रस्त होता है तो इसी जिम्मेदारी संबंधित कार्यपालन यंत्री की होगी. साथ ही मंत्री ने निर्देश दिये कि सभी जल संरचनाओं के आसपास यदि अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण है तो उसे तुरंत हटाया जाये और अतिक्रमण मुक्त संरचनाओं के संबंध में अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाए.

इंदौर। मध्यप्रदेश में इस बार औसत से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है. इसके मद्देनजर जल संसाधन विभाग अब देवतालाब, बैराज, नहर आदि का रखरखाव करने जा रहा है. दरअसल अधिक बारिश की स्थिति में जल संरचनाएं क्षतिग्रस्त ना हो इसलिए इस वर्ष भी प्रभावी मानसून के पहले सभी के मेंटेनेंस के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट निर्देश दिए हैं.

मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दिए निर्देश

मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विभाग के अर्न्तगत आने वाले सभी बांध, तालाब, बैराज, नहर, स्टॉप डेम आदि का रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए और आवश्यकता होने पर उनकी मरम्मत करा ली जाए. विभाग की सभी निर्माण संरचनाओं का भौतिक सत्यापन के साथ आघतन रिपोर्ट बनाई जाए. वर्षा काल में अतिवर्षा की स्थिति होने पर यह सुनिश्चित किया जाये कि संरचनाएं सुरक्षित रहें और पानी के अतिप्रवाह के कारण क्षतिग्रस्त न हों. जिलों में स्थित इन संरचनाओं का उत्तरदायित्व संबंधित सहायक यंत्री और उपयंत्री को सौंपा जाए. निर्धारित मापदंडों के अनुसार सभी नहरों, स्टॉप डेम का मरम्मत कार्य कराकर इसकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए.

इसके लिए तुलसी सिलावट ने भोपाल में विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये. उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि वर्षाकाल में विभाग के अन्तर्गत सभी तालाब, बांधों में स्थित पानी की वास्तविक स्थिति का आंकलन कर विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि बारिश होने पर इनके केचमेंट एरिया से आने वाले पानी से बांध या तालाब में ओवरफ्लो की स्थिति निर्मित होने पर किस प्रकार से व्यवस्थाओं को बनाया जाना है.

बांध या तालाब से पानी छोड़े जाने पर उसकी सूचना तराई वाले क्षेत्रों और संबंधित जिलों के अधिकारियों को पूर्व में ही दी जाए. प्रमुख अभियंता को यह भी सुनिश्चित करें कि सभी तालाबों और बांधों की मजबूती संबंधी रिपोर्ट भी तैयार करें. बारिश में यदि तकनीकी कारणों से कोई तालाब, बैराज, बांध, स्टॉप डेम, नहर आदि क्षतिग्रस्त होता है तो इसी जिम्मेदारी संबंधित कार्यपालन यंत्री की होगी. साथ ही मंत्री ने निर्देश दिये कि सभी जल संरचनाओं के आसपास यदि अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण है तो उसे तुरंत हटाया जाये और अतिक्रमण मुक्त संरचनाओं के संबंध में अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाए.

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