इंदौर। भारी भरकम बिजली बिलों के बावजूद एक बार फिर मध्य प्रदेश की जनता को महंगी बिजली का झटका लगने जा रहा है. हालांकि सरकार की दलील है कि बिजली के बिलों की वृद्धि पेट्रोल डीजल के बढ़े हुए दामों के कारण हो रही है. उपभोक्ताओं पर मूल्य वृद्धि का ज्यादा असर न पड़े इसके भी तमाम प्रयास हो रहे हैं. विद्युत मूल्य वृद्धि को लेकर ईटीवी भारत ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (praduman singh tomar exclusive interview) से खास बातचीत कीं.
सवाल: साल भर में लगभग तीसरी बार बिजली की दरें बढ़ने जा रही हैं. इस पर क्या कहना चाहेंगे ?
जवाब: देखिए विद्युत की दरें नहीं बढ़ी हैं. यह फ्यूल कास्ट (electricity rate in mp) के कारण स्थिति बन रही है. डीजल और पेट्रोल के दामों के बढ़ने का असर हर चीज पर हुआ है. इसका असर विद्युत दरों पर भी पड़ रहा है. फिर भी हमारे यहां बेहताशा मूल्यवृद्धि जैसी स्थिति नहीं है.
सवाल: नियामक आयोग के समक्ष मूल्य वृद्धि के लिए विद्युत कंपनियां बार बार पहुंच रही हैं ?
जवाब: विद्युत कंपनियां अपने खर्चों के आधार पर नियामक आयोग के समक्ष अपील करती हैं. सरकार की फिर भी कोशिश है कि विद्युत की दरें न बढ़ें. खर्चों में कैसे कटौती की जाए इसके भी लगातार प्रयास सरकार कर रही है. मूल्य वृद्धि तभी रोकी जा सकती है, जब खर्चों में कटौती की जा सकेगी.
सवाल: अब किस तरह से विद्युत व्यवस्था की समीक्षा की गई है ?
जवाब: उपभोक्ताओं की शिकायतें कैसे कम हो, उपभोक्ता संतुष्टि कैसे हो, जो बिल अत्यधिक खपत दर्शा कर जारी हो रहे हैं, वह कैसे कम हों. इन सारी चीजों पर अधिकारियों से चर्चा हुई है. ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके.
सवाल: सीएम शिवराज कहते थे कि यदि ज्यादा बिल आए तो भरना मत, बिजली कनेक्शन कटे तो मैं खुद जोड़ने आऊंगा. अब तो फिर भारी भरकम बिल आ रहे हैं उनका क्या ?
जवाबः यदि गलत बिल आ रहे हैं तो एई कार्यालय और डीई कार्यालय में तत्काल शिकायत करनी चाहिए. यदि सुधार न हो तो फिर सरकार जिम्मेदार है. उस समय सीएम शिवराज ने जो कहा था हम आज भी उस पर कायम हैं. यदि किसी का गलत बिल आ रहा है, तो उसका सुधार भी किया जा रहा है.
सवाल: कोविड लॉकडाउन के दौरान माफ किए गए बिजली बिलों की वसूली फिर शुरू हो गई है ?
जवाब: लॉकडाउन के दौरान हमने बिजली बिलों को माफ नहीं किया था. उस समय के जो बिल थे उन बिलों को हमने फ्रीज किया था. अब सामान्य स्थिति आई तो 40% बिल की राशि पर मूलधन में छूट दे रहे हैं. इसके अलावा शेष राशि को एकमुश्त जमा करने पर सरचार्ज में छूट भी दे रहे हैं.
सवाल: उपभोक्ता हितैषी कहे जाने वाले ऊर्जा मंत्री नए साल में उपभोक्ताओं को क्या सौगात देने जा रहे हैं ?
जवाबः हमारा पहला लक्ष्य उपभोक्ता की संतुष्टि है. आप देख सकते हैं पड़ोसी राजस्थान में कांग्रेस के शासनकाल में बिजली कटौती हो रही है. मध्यप्रदेश में जो घोषित कटौती है. इसके बावजूद हमारे यहां 5000 करोड़ की उपभोक्ता सब्सिडी दी जा रही है. 16 करोड़ की सब्सिडी किसानों को अलग से मिल रही है. कुल 1 करोड़ 1500000 उपभोक्ताओं में से 18 लाख ऐसे हैं, जिनको सौ यूनिट का बिल 100 रुपये का ही दिया जा रहा है.
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सवालः इसके बावजूद दिल्ली जैसा राज्य हम से बिजली खरीद कर वहां की जनता को न्यूनतम दरों पर बिजली दे रहा है ?
जवाब: दिल्ली की विद्युत व्यवस्था को सभी को समझना पड़ेगा दिल्ली में किसानों को कोई सब्सिडी नहीं है. दिल्ली की तुलना हमसे नहीं कर सकते. वहां के औद्योगिक क्षेत्र से बड़ी वसूली आती है, लेकिन हमारे यहां प्रदेश में हर वर्ग को लेकर साथ चल रहे हैं. उपभोक्ता को किस तरह से सस्ती बिजली मिले इसका प्रयास लगातार किया जा रहा है.