ETV Bharat / state

इ्स लारवाही का कौन जिम्मेदार? बारिश से करोड़ों का गेहूं बर्बाद, भुगतान के लिए भटक रहे हैं किसान

इंदौर में पहले ही किसान गेंहू का भुगतान नहीं मिलने से परेशान थे. किसानों से लिया गया गेंहू जिम्मेदारों ने बारिश के पाानी में सड़ने के लिए छोड़ दिया.आलम यह है कि मंडियों में पड़ा गेहूं बारिश में भीग रहा है.

wheat in rain
बारिश में भीगा गेंहू
author img

By

Published : Aug 14, 2020, 1:32 AM IST

इंदौर। प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई फसल का रखरखाव राज्य सरकार ही नहीं कर पा रही है. आलम यह है कि मंडियों में पड़ा गेहूं बारिश में भीग रहा है. जबकि जिन किसानों ने यह गेहूं बेचा था. वह भी गेहूं खराब होने के बाद भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालांकि अब खराब हुए गेहूं की भरपाई शासन स्तर पर कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.

प्रदेश की तमाम मंडियों के अलावा कृषि सोसाइटी द्वारा खरीदा गया करोड़ों रुपए का गेहूं बारिश में भीग कर बर्बाद हो चुका है. इंदौर में आलम यह है कि जिले की 43 सोसायटी द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 2300 क्विंटल गेहूं बारिश में भीग कर खराब हो चुका है. जिसकी कीमत करीब चार करोड़ रुपए बताई गई है. चौंकाने वाली बात यह है कि जिन 241 किसानों ने यह गेहूं कृषि सोसाइटी को बेचा था. उन्हें कई महीनों बाद भी गेहूं का भुगतान नहीं हुआ है.

इन हालातों में कई कृषि उपज सोसायटी द्वारा समय पर मौके से गेहूं को उठाया नहीं जा सका. इसके अलावा गेहूं की खरीदी कोरोना संक्रमण के कारण 12 अप्रैल से 5 जून तक ही हो सकी. इनमें 82 खरीदी केंद्र ऐसे थे जहां 241 किसानों को खराब हुए गेहूं का भुगतान नहीं हो सका हैं.

इंदौर। प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई फसल का रखरखाव राज्य सरकार ही नहीं कर पा रही है. आलम यह है कि मंडियों में पड़ा गेहूं बारिश में भीग रहा है. जबकि जिन किसानों ने यह गेहूं बेचा था. वह भी गेहूं खराब होने के बाद भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालांकि अब खराब हुए गेहूं की भरपाई शासन स्तर पर कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.

प्रदेश की तमाम मंडियों के अलावा कृषि सोसाइटी द्वारा खरीदा गया करोड़ों रुपए का गेहूं बारिश में भीग कर बर्बाद हो चुका है. इंदौर में आलम यह है कि जिले की 43 सोसायटी द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 2300 क्विंटल गेहूं बारिश में भीग कर खराब हो चुका है. जिसकी कीमत करीब चार करोड़ रुपए बताई गई है. चौंकाने वाली बात यह है कि जिन 241 किसानों ने यह गेहूं कृषि सोसाइटी को बेचा था. उन्हें कई महीनों बाद भी गेहूं का भुगतान नहीं हुआ है.

इन हालातों में कई कृषि उपज सोसायटी द्वारा समय पर मौके से गेहूं को उठाया नहीं जा सका. इसके अलावा गेहूं की खरीदी कोरोना संक्रमण के कारण 12 अप्रैल से 5 जून तक ही हो सकी. इनमें 82 खरीदी केंद्र ऐसे थे जहां 241 किसानों को खराब हुए गेहूं का भुगतान नहीं हो सका हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.