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इंदौर: मेट्रो रेल प्रोजेक्ट ने पकड़ा जोर, सीमांकन में आ रही जमीन पर फंसा है पेंच

मेट्रो परियोजना के इंजीनियर एसके प्रसाद ने बताया इंदौर मेट्रो परियोजना का काम ढाई से तीन साल में पूरा होने की संभावना है, जिसे मूर्तरूप देने के लिए लगभग एक लाख वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता होगी.

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Published : Jun 15, 2019, 4:41 AM IST

इंदौर। प्रदेश में बाबूलाल गौर सरकार की घोषणा के बाद चली लंबी खीचतान के बाद आखिरकार इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट अब गति पकड़ चुका है. फिलहाल शहर में मेट्रो के रूट के अनुसार सीमांकन और खुदाई का कार्य शुरु हो गया है. मामले में बीते दिन कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक की गयी.

बैठक में तय किया गया कि भोपाल के साथ इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को मूर्तरूप देने के लिए जमीन का सीमांकन कर शीघ्र की भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई की जायेगी. मेट्रो रेल परियोजना के इंदौर शहर के रूट में ही कई स्थानों पर शासकीय, अशासकीय, नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण की जमीन आ रही है. जमीन का सीमांकन जरूरत के मुताबिक इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इंदौर शहर को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की दिशा में मेट्रो रेल परियोजना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

इंदौर: मेट्रो रेल प्रोजेक्ट ने पकड़ा जोर

मेट्रो रेल परियोजना में दावा किया जा रहा है कि इससे शहर में दो पहिया वाहनों को दवाब कम होगा. चूंकि मेट्रो रेल बिजली से चलेगी और मेट्रो रेल से नगर में वायु प्रदूषण भी कम होगा. बैठक के दौरान मेट्रो परियोजना के इंजीनियर एसके प्रसाद ने बताया इंदौर मेट्रो परियोजना का काम ढाई से तीन साल में पूरा होने की संभावना है, जिसे मूर्तरूप देने के लिए लगभग एक लाख वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता होगी.

एक स्टेशन 500 वर्गमीटर में बनेगा
यह परियोजना 5.9 किलोमीटर जमीन पर और 25 किलोमीटर भूमिगत (12 मीटर नीचे) रहेगी. गांधी नगर में एलीवेटेड स्टेशन बनाया जायेगा. मेट्रो के मार्ग में आने वाले मंदिर और मस्जिद को जनता की सहमति से हटाया जायेगा. एक स्टेशन 500 वर्गमीटर में बनेगा. मार्ग में आने वाले सभी वृक्षों को नगर निगम द्वारा ट्रांसप्लांट किया जायेगा, जिस पर 23 लाख रूपये खर्च आयेगा. इसका भुगतान मेट्रो रेल परियोजना कंपनी द्वारा किया जायेगा. मेट्रो रेल परियोजना का काम मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है.

ये रहेगा इंदौर में रूट
मेट्रो रेल परियोजना उज्जैन रोड के भवरासला चौराहे से विजय नगर चौराहा, विजय नगर चौराहा से पलासिया चौराहा, पलासिया चौराहा से रीगल चौराहा, कोठारी मॉकेट से राजबाड़ा और बड़ा गणपति से रामचंद्र नगर होते हुए एयरपोर्ट तक जायेगी. मेट्रो रेल परियोजना के लिए चंद्रगुप्त चौराहा, हीरा नगर, वापट चौराहा, रीगल चौराहा, बड़ागणपति, रामचंद्र नगर, कालानी नगर और सुपर कॉरिडोर पर स्टेशन बनाये जायेगे। सुपर कॉरिडोर पर चार स्टेशन बनेगें.

इंदौर। प्रदेश में बाबूलाल गौर सरकार की घोषणा के बाद चली लंबी खीचतान के बाद आखिरकार इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट अब गति पकड़ चुका है. फिलहाल शहर में मेट्रो के रूट के अनुसार सीमांकन और खुदाई का कार्य शुरु हो गया है. मामले में बीते दिन कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक की गयी.

बैठक में तय किया गया कि भोपाल के साथ इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को मूर्तरूप देने के लिए जमीन का सीमांकन कर शीघ्र की भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई की जायेगी. मेट्रो रेल परियोजना के इंदौर शहर के रूट में ही कई स्थानों पर शासकीय, अशासकीय, नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण की जमीन आ रही है. जमीन का सीमांकन जरूरत के मुताबिक इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इंदौर शहर को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की दिशा में मेट्रो रेल परियोजना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

इंदौर: मेट्रो रेल प्रोजेक्ट ने पकड़ा जोर

मेट्रो रेल परियोजना में दावा किया जा रहा है कि इससे शहर में दो पहिया वाहनों को दवाब कम होगा. चूंकि मेट्रो रेल बिजली से चलेगी और मेट्रो रेल से नगर में वायु प्रदूषण भी कम होगा. बैठक के दौरान मेट्रो परियोजना के इंजीनियर एसके प्रसाद ने बताया इंदौर मेट्रो परियोजना का काम ढाई से तीन साल में पूरा होने की संभावना है, जिसे मूर्तरूप देने के लिए लगभग एक लाख वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता होगी.

एक स्टेशन 500 वर्गमीटर में बनेगा
यह परियोजना 5.9 किलोमीटर जमीन पर और 25 किलोमीटर भूमिगत (12 मीटर नीचे) रहेगी. गांधी नगर में एलीवेटेड स्टेशन बनाया जायेगा. मेट्रो के मार्ग में आने वाले मंदिर और मस्जिद को जनता की सहमति से हटाया जायेगा. एक स्टेशन 500 वर्गमीटर में बनेगा. मार्ग में आने वाले सभी वृक्षों को नगर निगम द्वारा ट्रांसप्लांट किया जायेगा, जिस पर 23 लाख रूपये खर्च आयेगा. इसका भुगतान मेट्रो रेल परियोजना कंपनी द्वारा किया जायेगा. मेट्रो रेल परियोजना का काम मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है.

ये रहेगा इंदौर में रूट
मेट्रो रेल परियोजना उज्जैन रोड के भवरासला चौराहे से विजय नगर चौराहा, विजय नगर चौराहा से पलासिया चौराहा, पलासिया चौराहा से रीगल चौराहा, कोठारी मॉकेट से राजबाड़ा और बड़ा गणपति से रामचंद्र नगर होते हुए एयरपोर्ट तक जायेगी. मेट्रो रेल परियोजना के लिए चंद्रगुप्त चौराहा, हीरा नगर, वापट चौराहा, रीगल चौराहा, बड़ागणपति, रामचंद्र नगर, कालानी नगर और सुपर कॉरिडोर पर स्टेशन बनाये जायेगे। सुपर कॉरिडोर पर चार स्टेशन बनेगें.

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इंदौर: मेट्रो रेल प्रोजेक्ट ने पकड़ा जोर, सीमांकन में आ रही जमीन पर फंसा है पेंच





इंदौर। प्रदेश में बाबूलाल गौर सरकार की घोषणा के बाद चली लंबी खीचतान के बाद आखिरकार इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट अब गति पकड़ चुका है. फिलहाल शहर में मेट्रो के रूट के अनुसार सीमांकन और खुदाई का कार्य शुरु हो गया है. मामले में बीते दिन कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक की गयी. 



बैठक में तय किया गया कि भोपाल के साथ इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को मूर्तरूप देने के लिए जमीन का सीमांकन कर शीघ्र की भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई की जायेगी. मेट्रो रेल परियोजना के इंदौर शहर के रूट में ही कई स्थानों पर शासकीय, अशासकीय, नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण की जमीन आ रही है. जमीन का सीमांकन जरूरत के मुताबिक इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इंदौर शहर को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की दिशा में मेट्रो रेल परियोजना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. 



मेट्रो रेल परियोजना में दावा किया जा रहा है कि इससे शहर में दो पहिया वाहनों को दवाब कम होगा. चूंकि मेट्रो रेल बिजली से चलेगी और मेट्रो रेल से नगर में वायु प्रदूषण भी कम होगा. बैठक के दौरान मेट्रो परियोजना के इंजीनियर एसके प्रसाद ने बताया इंदौर मेट्रो परियोजना का काम ढाई से तीन साल में पूरा होने की संभावना है, जिसे मूर्तरूप देने के लिए लगभग एक लाख वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता होगी. 



एक स्टेशन 500 वर्गमीटर में बनेगा

यह परियोजना 5.9 किलोमीटर जमीन पर और 25 किलोमीटर भूमिगत (12 मीटर नीचे) रहेगी. गांधी नगर में एलीवेटेड स्टेशन बनाया जायेगा. मेट्रो के मार्ग में आने वाले मंदिर और मस्जिद को जनता की सहमति से हटाया जायेगा. एक स्टेशन 500 वर्गमीटर में बनेगा. मार्ग में आने वाले सभी वृक्षों को नगर निगम द्वारा ट्रांसप्लांट किया जायेगा, जिस पर 23 लाख रूपये खर्च आयेगा. इसका भुगतान मेट्रो रेल परियोजना कंपनी द्वारा किया जायेगा. मेट्रो रेल परियोजना का काम मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. 

      

ये रहेगा इंदौर में रूट 

मेट्रो रेल परियोजना उज्जैन रोड के भवरासला चौराहे से विजय नगर चौराहा, विजय नगर चौराहा से पलासिया चौराहा, पलासिया चौराहा से रीगल चौराहा, कोठारी मॉकेट से राजबाड़ा और बड़ा गणपति से रामचंद्र नगर होते हुए एयरपोर्ट तक जायेगी. मेट्रो रेल परियोजना के लिए चंद्रगुप्त चौराहा, हीरा नगर, वापट चौराहा, रीगल चौराहा, बड़ागणपति, रामचंद्र नगर, कालानी नगर और सुपर कॉरिडोर पर स्टेशन बनाये जायेगे। सुपर कॉरिडोर पर चार स्टेशन बनेगें. 


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