इंदौर। शहर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या पर नियंत्रण के लिए अब सभी को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. यही नहीं इंदौर में अब संक्रमण रोकने के लिए बाजार रात दस बजे बंद कर दिए जाएंगे. इस दौरान जो लोग भी मास्क नहीं लगाएंगे, उन्हें अर्थ दंड और जुर्माना भुगतना होगा. शुक्रवार को आयोजित क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिए गए हैं.
- आयोजनों को नहीं मिलेगी अनुमति
इंदौर में प्रतिदिन मरीजों की संख्या 200 के आंकड़े के हिसाब से लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा कोरोना से होने वाली मृत्यु भी अब प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन रही है. लिहाजा शुक्रवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया शहर में अभी रात का कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा, लेकिन रात दस बजे के बाद होटल, मॉल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद किए जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया वर्तमान हालातों को देखते हुए विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक और अन्य आयोजनों की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं कोचिंग क्लासेस को भी आधे स्टूडेंट को ही बिठाने की इजाजत दी जाएगी. शासकीय स्कूलों की कक्षा 9 एवं 12 के विद्यार्थियों के लिए भी ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. हालांकि सीबीएसई के स्कूलों को लेकर निर्णय सीबीएसई प्रबंधन का ही रहेगा.
MP में 2,67,176 कोरोना संक्रमित मरीज, 58 % वैक्सीनेशन
- मास्क पहनना अनिवार्य
इसके अलावा अब शहर भर में मास्क पहनने को लेकर सख्ती बरती जाएगी. इस दौरान संभागायुक्त प्रमोद शर्मा ने बताया इंदौर में संक्रमण की स्थिति का आगामी 7 दिनों तक आकलन किया जाएगा. यदि स्थिति नियंत्रण में नहीं आई तो शहर में फिर से लॉकडाउन की स्थिति बन सकती है. उन्होंने बताया शव यात्रा और शादियों में भी अब शामिल होने वाले लोगों की संख्या निर्धारित होगी. आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें राज्य के गृह विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा जा रहा है. शासन स्तर पर स्वीकृति मिलने के बाद ही इंदौर में उक्त आशय के निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए जाएंगे.
- तेजी से बढ़ रहे मामले
गौरतलब है इंदौर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2186 तक पहुंच गई है, इसके अलावा इंदौर में प्रतिदिन 200 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे हैं. इनमें एक चौथाई ऐसे मरीज हैं, जिन्हें दोबारा संक्रमण हो रहा है. इस बीच इंदौर में बीते साल से अब तक संक्रमण से होने वाले मृत्यु की संख्या भी 940 तक पहुंच गई है. फिलहाल जिले में 1528 संक्रमित मरीजों का इलाज जारी है. वहीं शहर के विभिन्न अस्पतालों में करीब ढाई हजार बेड कोरोनावायरस के लिए आरक्षित किए गए हैं.