इंदौर। भारी शोर- शराबे और हंगामे के बीच इंदौर नगर निगम परिषद की बैठक संपन्न हुई. पहली बार परिषद की बैठक में शहर हित के लिए सर्व सम्मति से कई निर्णय लिए गए. शहर में लगने वाले राजनीतिक दलों के बैनर पोस्टर नहीं लगाए जाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. नेता प्रतिपक्ष ने ये प्रस्ताव रखा था, जिसे पक्ष और विपक्ष दोनों की सहमति मिली, वहीं कंसल्टेंसी के नाम पर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी जमकर हंगामा देखने को मिला. इन्हीं सब के बीच कई पार्षद इस दौरान मोबाइल में व्हाट्सएप और फेसबुक चलाते दिखाई दिए.
इंदौर नगर निगम के परिषद सम्मेलन में कंसल्टेंसी के नाम पर किए गए भुगतान को लेकर जमकर हंगामा हुआ. वहीं हरसिद्धि जोन में कम्युनिटी हॉल की जगह पर सिलाई केंद्र के संचालन के मुद्दे पर भी विपक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. इस दौरान भाजपा पार्षदों और विपक्ष के पार्षदों के बीच तीखी बहस भी हुई. सदन में राज्य शासन से 200 करोड़ की बकाया राशि दिलवाने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित किया गया. सभापति ने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षद दल की नेता फौजिया शेख अलीम से इस मामले में हस्तक्षेप करने और राज्य शासन से बकाया राशि दिलवाने में मदद करने की बात कही. भारी हंगामे के बीच आखिरकार शहर के विकास के लिए प्रस्तावित 13 बिंदुओं को सदन में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
जनप्रतिनिधियों की जागरुकता आई सामने
निगम परिषद सम्मेलन में जनप्रतिनिधि आम जनता के मुद्दों को लेकर कितने जागरूक रहते हैं, इसका उदाहरण देखने को मिला. एक ओर शहर की जनता के लिए आवश्यक मुद्दों पर चर्चा की जा रही थी तो वहीं कई पार्षद इस दौरान मोबाइल में व्हाट्सएप और फेसबुक चलाते दिखाई दिए. इन पार्षदों के द्वारा गंभीर मुद्दों पर चर्चा के दौरान भी मोबाइल में ही ध्यान दिया जा रहा था. इस मुद्दे पर जब सभापति से सवाल किया गया तो उनका कहना था, की पहली बार निगम परिषद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो रहे हैं और जिन लोगों के कारण प्रस्ताव में रुकावटें पैदा की जा रही हैं, वो भी सबके सामने उजागर हो रहे हैं.