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टाइगर की खाल के मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार, एक करोड़ में बेचने की थी योजना

टाइगर की खाल को बेचने के मामले में खजराना पुलिस ने सफलता हासिल की है. पुलिस ने टाइगर की खाल बेचने वाले मुख्य आरोपी सुनिल अग्रवाल को पकड़ लिया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके पास टाइगर की खाल 100 वर्षों से रखी हुई थी और यह भी बताया कि वह उसकी पुश्तैनी खाल थी, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसने इसे बेचने की योजना बनाई थी.

Police Station Khajrana
खजराना पुलिस थाना
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Published : Jan 18, 2021, 12:10 PM IST

इंदौर। इंदौर की खजराना पुलिस ने पिछले दिनों टाइगर की खाल और कछुआ के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए आरोपियों ने सुनील अग्रवाल नाम के एक व्यक्ति का जिक्र किया था जो गाडरवारा में हलवाई का काम करता है. जिसके बाद खजराना पुलिस ने सुनिल अग्रवाल को पकड़ने की योजना बनाई और उसे गिरफ्तार भी कर लिया है. पकड़े गए आरोपी से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके पास टाइगर की खाल 100 वर्षों से रखी हुई थी और यह भी बताया कि वह उसकी पुश्तैनी खाल थी, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसने इसे बेचने की योजना बनाई थी.

एक करोड़ में बेचने की बनाई थी योजना

पुलिस पूछताछ में हलवाई सुनील अग्रवाल ने बताया कि यह खाल तकरीबन 100 साल पुरानी है और उसके दादाजी के जमाने से घर में रखी थी, लेकिन घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण इसे बेचने की योजना बनाई और इन तीनों के माध्यम से इसे बेचने की तैयारी की गई थी. ऐसी जानकारी भी पुलिस को मिली है कि तीनों इस खाल को एक करोड़ में बेचने की तैयारी कर रहे थे. फिलहाल पकड़े गए अब चारों आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है.

वन विभाग ने खाल के भेंजे सैंपल

फिलहाल इस पूरे मामले में खजराना पुलिस व वन विभाग भी तस्दीक करने में जुटा हुआ है. बता दें कि वन विभाग ने खाल के सैंपल भी लिए हैं और उसका डीएनए भी करवाया जा रहा है. डीएनए के आधार पर यह जानकारी लग सकती है की खाल कितनी पुरानी हो सकती है. वहीं विभिन्न नेशनल पार्क को पत्र लिखकर भी वहां के टाइगरों की जानकारी मांगी गई है. जिससे यह अनुमान लग सकता है कि कही आरोपियों ने किसी टाइगर का शिकार कर तो यह खाल बनाई.

इंदौर। इंदौर की खजराना पुलिस ने पिछले दिनों टाइगर की खाल और कछुआ के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए आरोपियों ने सुनील अग्रवाल नाम के एक व्यक्ति का जिक्र किया था जो गाडरवारा में हलवाई का काम करता है. जिसके बाद खजराना पुलिस ने सुनिल अग्रवाल को पकड़ने की योजना बनाई और उसे गिरफ्तार भी कर लिया है. पकड़े गए आरोपी से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके पास टाइगर की खाल 100 वर्षों से रखी हुई थी और यह भी बताया कि वह उसकी पुश्तैनी खाल थी, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसने इसे बेचने की योजना बनाई थी.

एक करोड़ में बेचने की बनाई थी योजना

पुलिस पूछताछ में हलवाई सुनील अग्रवाल ने बताया कि यह खाल तकरीबन 100 साल पुरानी है और उसके दादाजी के जमाने से घर में रखी थी, लेकिन घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण इसे बेचने की योजना बनाई और इन तीनों के माध्यम से इसे बेचने की तैयारी की गई थी. ऐसी जानकारी भी पुलिस को मिली है कि तीनों इस खाल को एक करोड़ में बेचने की तैयारी कर रहे थे. फिलहाल पकड़े गए अब चारों आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है.

वन विभाग ने खाल के भेंजे सैंपल

फिलहाल इस पूरे मामले में खजराना पुलिस व वन विभाग भी तस्दीक करने में जुटा हुआ है. बता दें कि वन विभाग ने खाल के सैंपल भी लिए हैं और उसका डीएनए भी करवाया जा रहा है. डीएनए के आधार पर यह जानकारी लग सकती है की खाल कितनी पुरानी हो सकती है. वहीं विभिन्न नेशनल पार्क को पत्र लिखकर भी वहां के टाइगरों की जानकारी मांगी गई है. जिससे यह अनुमान लग सकता है कि कही आरोपियों ने किसी टाइगर का शिकार कर तो यह खाल बनाई.

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