इंदौर। धनतेरस के अवसर पर धातुओं से निर्मित सामन खरीदने की परंपरा है, लेकिन इस दिन देशभर में आरोग्य और स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा भी की जाती है. इंदौर में सदियों पुरानी इस परंपरा का आज भी उसी तरह पालन किया जाता है. लगभग 180 साल से शुरू की गई ये परंपरा आज भी जारी है. भगवान धनवंतरी की पूजा पूरे विधि- विधान के साथ की जाती है.
होलकर शासनकाल में इंदौर के आधा बाजार में राजघराने के दीवान अशोक कुमार त्रिवेदी की अगुवाई में इंदौर के प्राचीन धनवंतरी मंदिर की स्थापना की गई थी. उस दौरान विनोबा भावे और तत्कालीन गवर्नर की मौजूदगी में यहां विधि विधान से भगवान धनवंतरी की पूजा शुरु कराई गई थी, जिसके बाद से आज तक प्रतिवर्ष धनतेरस के दिन शहर भर के आयुर्वेदाचार्य अपनी-अपनी औषधियां मूर्ति के समक्ष रखते हैं और भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना करते हैं.
मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धनवंतरी मंदिर में मूर्ति के समक्ष रखी जाने वाली औषधियां सिद्ध हो जाती हैं, जिसके बाद संबंधित बीमारियों के मरीजों को यही औषधि दी जाती है. इंदौर के आड़ा बाजार में आरोग्य और स्वास्थ्य की यह परंपरा पिछले 18 दशकों से लगातार चलती आ रही है. इसी क्रम में धनतेरस के मौके पर प्रातः 7:00 बजे मंदिर में भगवान धनवंतरी की पूजा की गई.