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इंदौर: धरतेरस के दिन होती है भगवान धनवंतरी की पूजा, 180 सालों से चली आ रही है ये परंपरा

इंदौर में आरोग्य और स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना की गई, जिसमें दूर-दूर से आए लोग शामिल हुए. ये परंपरा पिछले 180 सालों से चली आ रही है.

धनतेरस के अवसर पर की गई भगवान धन्वंतरी की पूजा
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Published : Oct 25, 2019, 3:14 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 3:37 PM IST

इंदौर। धनतेरस के अवसर पर धातुओं से निर्मित सामन खरीदने की परंपरा है, लेकिन इस दिन देशभर में आरोग्य और स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा भी की जाती है. इंदौर में सदियों पुरानी इस परंपरा का आज भी उसी तरह पालन किया जाता है. लगभग 180 साल से शुरू की गई ये परंपरा आज भी जारी है. भगवान धनवंतरी की पूजा पूरे विधि- विधान के साथ की जाती है.

धनतेरस के अवसर पर की गई भगवान धन्वंतरी की पूजा


होलकर शासनकाल में इंदौर के आधा बाजार में राजघराने के दीवान अशोक कुमार त्रिवेदी की अगुवाई में इंदौर के प्राचीन धनवंतरी मंदिर की स्थापना की गई थी. उस दौरान विनोबा भावे और तत्कालीन गवर्नर की मौजूदगी में यहां विधि विधान से भगवान धनवंतरी की पूजा शुरु कराई गई थी, जिसके बाद से आज तक प्रतिवर्ष धनतेरस के दिन शहर भर के आयुर्वेदाचार्य अपनी-अपनी औषधियां मूर्ति के समक्ष रखते हैं और भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना करते हैं.

मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धनवंतरी मंदिर में मूर्ति के समक्ष रखी जाने वाली औषधियां सिद्ध हो जाती हैं, जिसके बाद संबंधित बीमारियों के मरीजों को यही औषधि दी जाती है. इंदौर के आड़ा बाजार में आरोग्य और स्वास्थ्य की यह परंपरा पिछले 18 दशकों से लगातार चलती आ रही है. इसी क्रम में धनतेरस के मौके पर प्रातः 7:00 बजे मंदिर में भगवान धनवंतरी की पूजा की गई.

इंदौर। धनतेरस के अवसर पर धातुओं से निर्मित सामन खरीदने की परंपरा है, लेकिन इस दिन देशभर में आरोग्य और स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा भी की जाती है. इंदौर में सदियों पुरानी इस परंपरा का आज भी उसी तरह पालन किया जाता है. लगभग 180 साल से शुरू की गई ये परंपरा आज भी जारी है. भगवान धनवंतरी की पूजा पूरे विधि- विधान के साथ की जाती है.

धनतेरस के अवसर पर की गई भगवान धन्वंतरी की पूजा


होलकर शासनकाल में इंदौर के आधा बाजार में राजघराने के दीवान अशोक कुमार त्रिवेदी की अगुवाई में इंदौर के प्राचीन धनवंतरी मंदिर की स्थापना की गई थी. उस दौरान विनोबा भावे और तत्कालीन गवर्नर की मौजूदगी में यहां विधि विधान से भगवान धनवंतरी की पूजा शुरु कराई गई थी, जिसके बाद से आज तक प्रतिवर्ष धनतेरस के दिन शहर भर के आयुर्वेदाचार्य अपनी-अपनी औषधियां मूर्ति के समक्ष रखते हैं और भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना करते हैं.

मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धनवंतरी मंदिर में मूर्ति के समक्ष रखी जाने वाली औषधियां सिद्ध हो जाती हैं, जिसके बाद संबंधित बीमारियों के मरीजों को यही औषधि दी जाती है. इंदौर के आड़ा बाजार में आरोग्य और स्वास्थ्य की यह परंपरा पिछले 18 दशकों से लगातार चलती आ रही है. इसी क्रम में धनतेरस के मौके पर प्रातः 7:00 बजे मंदिर में भगवान धनवंतरी की पूजा की गई.

Intro:प्रतिवर्ष धनतेरस के अवसर पर धनधान्य खरीदी की परंपरा तो है ही लेकिन इस दिन देशभर में आरोग्य और स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा का भी विधान है इंदौर में सदियों पुरानी इसी परंपरा के चलते बीते 180 वर्षों से भगवान धनवंतरी और आयुर्वेद की पूजा विधि विधान से हो रही है


Body:गौरतलब है होलकर शासनकाल में इंदौर के आधा बाजार में राजघराने के दीवान अशोक कुमार त्रिवेदी की अगुवाई में इंदौर के प्राचीन धन्वंतरी मंदिर की स्थापना की गई थी उस दौरान विनोबा भावे और तत्कालीन गवर्नर की मौजूदगी में यहां विधि विधान से भगवान धन्वंतरी की पूजा प्रारंभ कराई गई थी इसके बाद से आज तक यहां प्रतिवर्ष धनतेरस पर शहर भर के आयुर्वेदाचार्य झुकते हैं जो धनतेरस के दिन अपनी-अपनी औषधियां मूर्ति के समक्ष रखते हैं मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी मंदिर में मूर्ति के समक्ष रखी जाने वाली औषधियां सिद्ध हो जाती हैं इसके बाद यहीं होर दिया संबंधित बीमारियों के मरीजों को दी जाती हैं इंदौर के आड़ा बाजार में आरोग्य और स्वास्थ्य यह परंपरा बीते 18 दशकों से लगातार चली आ रही है आज भी यहां प्रातः 7:00 मंदिर में भगवान धन्वंतरि की पूजा हुई उसके बाद आयुर्वेदाचार्य ने उपस्थित रहकर यहां आरती और पूजा के आयोजनों में हिस्सा लिया धनतेरस के दिन इस मंदिर में देशभर से लोग भगवान धन्वंतरी की पूजा के लिए पहुंचते हैं मान्यता है कि यहां प्रतिवर्ष पूजा से श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य साल भर के लिए ठीक रहता है


Conclusion:बाइट, पंडित मानवेंद्र त्रिवेदी पुजारी धन्वंतरी मंदिर
Last Updated : Oct 25, 2019, 3:37 PM IST
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