इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल को देखने इंदौर के डीएनएस हॉस्पिटल पहुंचे. इस दौरान लिफ्ट के माध्यम से कमलनाथ अपने अन्य साथियों के साथ तीसरी मंजिल पर भर्ती पूर्व मंत्री को देखने के लिए जा रहे थे. उस समय उनके लिफ्ट में कमलनाथ के साथ कांग्रेसियों की पूरी फौज जमा हो गई. जिसके कारण लिफ्ट खराब होकर तकरीबन 10 फीट नीचे जा गिरी. जैसे ही घटनाक्रम की जानकारी आला अधिकारियों को मिली, वैसे ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे ही मामले में जांच करते हुए बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा बटन दबाने के कारण लिफ्ट नीचे चली गई थी. वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए है.
- गलत बटन दबाने से हुआ हादसा
पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल डीएनएस हॉस्पिटल में भर्ती है. जिन्हें देखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे थे. जब कमलनाथ लिफ्ट से तीसरी मंजिल पर भर्ती पूर्व मंत्री पटेल को देखने जा रहे थे, तो उनके साथ पूर्व मंत्रियों की एक पूरी फौज जिसमें सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, बाला बच्चन के साथ विधायक विशाल पटेल, संजय शुक्ला और तकरिबन 20 कांग्रेस कार्यकर्ता लिफ्ट में चढ़ गए. जिसके कारण लिफ्ट ओवरलोड हो गई और इसी दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता ने गलती से तीसरी मंजिल का बटन दबाने की जगह ग्राउंड फ्लोर का बटन दबा दिया. जिसके कारण लिफ्ट तेजी से 10 नीचे चली गई. इस पूरे घटनाक्रम में किसी तरह की कोई दुर्घटना नहीं हुई. ऐतिहात के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री सीढ़ियों से पूर्व मंत्री को देखने के लिए पहुंचे.
- मौके पर पहुंचे एसपी और इंजीनियर
पूरे घटनाक्रम की सूचना जब पुलिस को लगी तो एसपी आशुतोष बागरी सहित एडिशनल एसपी और सीएसपी भी मौके पर पहुंचे. हादसे के बाद हॉस्पिटल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. लिफ्ट इंजीनियर के आने के बाद सभी नेताओं और लोगों को निकाला गया. हादसे में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा. इंदौर में कांग्रेस का आज संभागीय सम्मेलन था जिसमें शामिल होने के लिए प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से नेता इंदौर में जुटे थे.
- मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दिए जांच के आदेश
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की लिफ्ट गिरने की जानकारी लगने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर स्थानीय अधिकारियों को पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को Z पल्स सिक्योरिटी की सुरक्षा होने के कारण कलेक्टर ने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है. इसके बाद दो एडीएम अजय देव शर्मा और हिमांशु चंद्र हॉस्पिटल में पहुंचे और पूरे मामले में मजिस्ट्रेटजांच करने में जुट गए. इसी के साथ एसपी आशुतोष बागरी, एडिशनल एसपी राजेश रघुवंशी, सीएसपी और थाना प्रभारी भी मामले की जांच करने में जुट गए.
- अधिकारियों के बयान से बढ़ रही शंका
पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुए घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. उसके बाद आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे ही मामले की मजिस्ट्रियल जांच कर रहे है. जांच पड़ताल में आला अधिकारियों का कहना है कि बटन दबाने के कारण यह पूरा हादसा हुआ है. लिफ्ट गिरने की बात पूरी तरह से गलत है. यह जरूर कहा कि लिफ्ट में 10 से 12 लोगों के बैठने की क्षमता है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के साथ तकरीबन 20 से अधिक लोग लिफ्ट में बैठ गए थे. इस बयान से कई तरह के प्रश्न खड़े हो रहे हैं. आमतौर पर लिफ्ट में ऊपर जाने की बटन दबाने के बाद लिफ्ट कभी नीचे नहीं जाती. लेकिन इस मामले में अचानक से लिफ्ट नीचे चली गई. वहां पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का भी कहना है कि जैसे ही लिफ्ट नीचे गई अचानक से तेज आवाज आई. वहीं अधिकारियों का कहना है कि लिफ्ट सामान्य तरह से नीचे आई है.
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- इंजीनियर ने खोला लिफ्ट का दरवाजा
अधिकारी इस पूरे मामले में हॉस्पिटल में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाल रहे हैं. प्रारंभिक तौर पर उनका कहना है कि लिफ्ट में मौजूद किसी शख्स के द्वारा बटन दबा दिया गया. जिसके कारण लिफ्ट नीचे चली गई. लिफ्ट में ज्यादा लोग सवार थे जिसके कारण लिफ्ट का दरवाजा नहीं खुला. दरवाजा नहीं खोलने के लिए हॉस्पिटल में मौजूद मेंटेनेंस इंजीनियर को बुलाया गया और लिफ्ट का दरवाजा खोलकर पूर्व मुख्यमंत्री को बाहर निकाला गया.
- ज्यादा लोग सवार होने के कारण हुआ हादसा
पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुए लिफ्ट की घटना को लेकर पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल के बेटे सत्यनारायण पटेल का कहना है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री उनके पिता को देखने के लिए लिफ्ट से ऊपर जा रहे थे, उसी समय वहां पर मौजूद कई कार्यकर्ता और नेता उनके साथ लिफ्ट में सवार हो गए. जिसके कारण लिफ्ट ऊपर नहीं जाते हुए नीचे चली गई. लिफ्ट में अधिक लोग सवार होने के कारण लिफ्ट का दरवाजा लॉक हो गया. फिर हॉस्पिटल में मौजूद अन्य लोगों को बुलाकर लिफ्ट का दरवाजा खोल कर पूर्व मुख्यमंत्री को बाहर निकाला. उसके बाद कमलनाथ सीढ़ियों से ऊपर गए और पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल का हालचाल जाना.