इंदौर: कोरोना ड्यूटी में है यदि कोई कंधे से कंधा मिलाकर स्वास्थ्य विभाग का साथ दे रहा है तो वह है पुलिस वहीं यदि पुलिस की बात करें तो पुलिस में कई ऐसे अधिकारी है जो अपने घर को छोड़कर 16-16 घंटे ड्यूटी पर डटे हुए हैं, उन्हीं में से कई ऐसी महिला अधिकारी भी हैं जो लंबे समय से बिना किसी संकोच के और पूरे जोश के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही हैं ऐसी ही एक महिला अधिकारी है इंदौर एरोड्रम थाने पर पदस्थ कल्पना चौहान जो अपने 3 साल के छोटे बच्चे को परिजनों के हवाले कर पिछले डेढ़ महीने से ड्यूटी पर तैनात हैं.
सब इंस्पेक्टर कल्पना चौहान जो अपने 3 साल के बच्चे को सास ससुर वह पति के हवाले छोड़ ड्यूटी पर पिछले डेढ़ महीने से तैनात हैं. इस दौरान यदि बच्चे को मां की याद आती है तो सास-ससुर वीडियो कॉलिंग कर बात करवा देते हैं. थोड़ी देर इधर-उधर की बातें कर बेटे को समझा देती हैं और वापस से अपनी ड्यूटी पर तैनात हो जाती हैं. बच्चा काफी जिद करता है तो थोड़ी देर के लिए बाहर से ही उसे मुलाकात कर वापस अपनी ड्यूटी पर आ जाती हैं. ये सिलसिला पिछले डेढ़ महीने से ही जारी है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कल्पना ने बताया उनके सास ससुर व पति के सपोर्ट के कारण वह आसानी से ड्यूटी कर पा रही हैं. छोटे बच्चे को परिजनों के हवाले कर ड्यूटी करना काफी कठिन होता है लेकिन फर्ज के कारण यह किया जा सकता है और यही कारण है कि आज हम अपने बच्चों को परिजनों के हवाले छोड़ कर ड्यूटी पर तैनात हैं.
कल्पना कहती हैं कि उनका बच्चा बार बार ड्यूटी खत्म होंने के बारे में पूछता है, छोटे बच्चे को परिजनों के हवाले कर ड्यूटी करना काफी कठिन होता है, लेकिन फर्ज के आगे यह छोटा लगता है.
बता दें कि इंदौर में कई ऐसी महिला पुलिस अधिकारी हैं, जिनके छोटे-छोटे बच्चे हैं लेकिन अपने बच्चों को परिजन के हवाले कर खुद कोरोना ड्यूटी पर तैनात हो गई और बखूबी ड्यूटी को अंजाम दे रही हैं.