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इंदौर ने सीख लिया है नंबर वन बना रहना, जानिए किस वजह से है स्वच्छता में नंबर वन

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Published : Aug 22, 2020, 10:34 AM IST

Updated : Aug 22, 2020, 1:58 PM IST

इंदौर स्वच्छता में चौथी बार नंबर वन आया है. दिलचस्प बात ये है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तीनों क्वार्टर में इंदौर में अपना स्थान नंबर वन का ही बना कर रखा है.

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जानिए किन कामों को करके इंदौर बना है स्वच्छता में नंबर वन

इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर चौथी बार नंबर वन आया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन कार्यक्रम में इस अवार्ड की घोषणा की. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 लीग के तीनों क्वार्टर में इंदौर अव्वल रहा है. वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ सहित कलेक्टर और निगमायुक्त ने उपस्थित रहकर ये अवार्ड लिया. इंदौर के स्वच्छता में नंबर वन बने रहने के पीछे नगर निगम और आम जनता के अथक प्रयासों का नतीजा है. इंदौर में जिस तरह से स्वच्छता के लिए काम किया गया, उस मॉडल को कई शहरों ने अपनाया भी, लेकिन हमेशा की तरह इंदौर बाजी मार ले गया.

जानिए किन कामों को करके इंदौर बना है स्वच्छता में नंबर वन

इंदौर शहर स्वच्छता में चौथी बार नंबर वन आया है. मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में बाजी मारी है. दिलचस्प बात ये है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तीनों क्वार्टर में इंदौर में अपना स्थान नंबर वन का ही बना कर रखा है. स्वच्छता सर्वेक्षण 6000 नंबरों का हुआ था, जिसमें अलग-अलग कैटेगरी में अवार्ड दिए गए थे, केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में भी इंदौर सबसे स्वच्छ शहर बना था. इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग पिछले सभी सालों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसलिए थी, क्योंकि सफाई को साल भर में 3 क्वार्टर में बांट दिया गया था और तीनों क्वार्टर के रिजल्ट भी अलग-अलग जारी किए गए. स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बनने पर इंदौर में जश्न का माहौल है.

स्वच्छता को लेकर किए गए वो काम जिनके कारण इंदौर बन सका फिर से नंबर वन-

  • शुरुआती दौर में नगर निगम के द्वारा सड़कों, फुटपाथ और खाली जगह पर फैले कचरे को साफ किया गया. शहर में जगह-जगह लगी सैकड़ों कचरा पेटियों को हटाया गया और उसकी जगह डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था शुरू की गई.
  • शहर से आवारा पशुओं को बाहर किया गया. आवारा पशु को लेकर नगर निगम ने सख्ती भी दिखाई और अवैध बाड़े भी तोड़े.
  • इंदौर शहर में कचरे के पहाड़ के रूप में पहचान बना चुके ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह साफ किया गया और यहां पर मौजूद पूरे कचरे का सेगरिकेशन कर वहां गार्डन तैयार किया गया.
  • सकरी जगहों पर सफाई करने के लिए जर्मनी से मशीनें मंगवाई गईं. इसके अलावा शहर में रात में भी सफाई अभियान चलाया जाने लगा.
  • शहर को स्वच्छ रखने के लिए 7000 से अधिक सफाई कर्मियों को तैनात किया गया.
  • शहर में 3000 से अधिक लीटर बिन लगाएं जिसमें गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था की गई.
  • शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया गया. डिस्पोजल के स्थान पर बर्तन बैंक की योजना नगर निगम लेकर आया और कम से कम कचरा निकले इसके लिए प्रयास किए जाने लगे.
  • आम जनता को जागरूक करने के लिए कैलाश खेर और शान के द्वारा गाए गए गीतों को निगम की गाड़ियों से बजाया जाने लगा.
  • शहर में जागरूकता आई और सफाई के प्रति लोग जागरूक हुए और शहर के लोगों ने स्वच्छता को अपनी आदत बना लिया
  • लगातार स्वच्छता में चौथी बार नंबर वन बने रहने के लिए इंदौर नगर निगम के द्वारा रेवेन्यू पर भी ध्यान दिया गया. शहर में लगाए गए कचरा संग्रहण शुल्क के कारण स्वच्छता को लेकर चलाए जा रहे अभियान में आर्थिक रूप से भी दिक्कतों का सामना निगम को नहीं करना पड़ा.
  • स्वच्छता को लेकर तैयार किए गए पूरे संसाधनों की फौज का मेंटेनेंस भी इसी राशि से किया जाता रहा.

इंदौर शहर के द्वारा स्वच्छता में लगातार नंबर वन बने रहने की आदत को बनाए रखने के लिए अभी से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. स्वच्छता में पांचवी बार नंबर वन बनने के लिए नगर निगम तरह-तरह के जागरूकता के कार्यक्रम अभी से आयोजित कर रहा है.

इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर चौथी बार नंबर वन आया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन कार्यक्रम में इस अवार्ड की घोषणा की. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 लीग के तीनों क्वार्टर में इंदौर अव्वल रहा है. वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ सहित कलेक्टर और निगमायुक्त ने उपस्थित रहकर ये अवार्ड लिया. इंदौर के स्वच्छता में नंबर वन बने रहने के पीछे नगर निगम और आम जनता के अथक प्रयासों का नतीजा है. इंदौर में जिस तरह से स्वच्छता के लिए काम किया गया, उस मॉडल को कई शहरों ने अपनाया भी, लेकिन हमेशा की तरह इंदौर बाजी मार ले गया.

जानिए किन कामों को करके इंदौर बना है स्वच्छता में नंबर वन

इंदौर शहर स्वच्छता में चौथी बार नंबर वन आया है. मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में बाजी मारी है. दिलचस्प बात ये है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तीनों क्वार्टर में इंदौर में अपना स्थान नंबर वन का ही बना कर रखा है. स्वच्छता सर्वेक्षण 6000 नंबरों का हुआ था, जिसमें अलग-अलग कैटेगरी में अवार्ड दिए गए थे, केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में भी इंदौर सबसे स्वच्छ शहर बना था. इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग पिछले सभी सालों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसलिए थी, क्योंकि सफाई को साल भर में 3 क्वार्टर में बांट दिया गया था और तीनों क्वार्टर के रिजल्ट भी अलग-अलग जारी किए गए. स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बनने पर इंदौर में जश्न का माहौल है.

स्वच्छता को लेकर किए गए वो काम जिनके कारण इंदौर बन सका फिर से नंबर वन-

  • शुरुआती दौर में नगर निगम के द्वारा सड़कों, फुटपाथ और खाली जगह पर फैले कचरे को साफ किया गया. शहर में जगह-जगह लगी सैकड़ों कचरा पेटियों को हटाया गया और उसकी जगह डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था शुरू की गई.
  • शहर से आवारा पशुओं को बाहर किया गया. आवारा पशु को लेकर नगर निगम ने सख्ती भी दिखाई और अवैध बाड़े भी तोड़े.
  • इंदौर शहर में कचरे के पहाड़ के रूप में पहचान बना चुके ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह साफ किया गया और यहां पर मौजूद पूरे कचरे का सेगरिकेशन कर वहां गार्डन तैयार किया गया.
  • सकरी जगहों पर सफाई करने के लिए जर्मनी से मशीनें मंगवाई गईं. इसके अलावा शहर में रात में भी सफाई अभियान चलाया जाने लगा.
  • शहर को स्वच्छ रखने के लिए 7000 से अधिक सफाई कर्मियों को तैनात किया गया.
  • शहर में 3000 से अधिक लीटर बिन लगाएं जिसमें गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था की गई.
  • शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया गया. डिस्पोजल के स्थान पर बर्तन बैंक की योजना नगर निगम लेकर आया और कम से कम कचरा निकले इसके लिए प्रयास किए जाने लगे.
  • आम जनता को जागरूक करने के लिए कैलाश खेर और शान के द्वारा गाए गए गीतों को निगम की गाड़ियों से बजाया जाने लगा.
  • शहर में जागरूकता आई और सफाई के प्रति लोग जागरूक हुए और शहर के लोगों ने स्वच्छता को अपनी आदत बना लिया
  • लगातार स्वच्छता में चौथी बार नंबर वन बने रहने के लिए इंदौर नगर निगम के द्वारा रेवेन्यू पर भी ध्यान दिया गया. शहर में लगाए गए कचरा संग्रहण शुल्क के कारण स्वच्छता को लेकर चलाए जा रहे अभियान में आर्थिक रूप से भी दिक्कतों का सामना निगम को नहीं करना पड़ा.
  • स्वच्छता को लेकर तैयार किए गए पूरे संसाधनों की फौज का मेंटेनेंस भी इसी राशि से किया जाता रहा.

इंदौर शहर के द्वारा स्वच्छता में लगातार नंबर वन बने रहने की आदत को बनाए रखने के लिए अभी से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. स्वच्छता में पांचवी बार नंबर वन बनने के लिए नगर निगम तरह-तरह के जागरूकता के कार्यक्रम अभी से आयोजित कर रहा है.

Last Updated : Aug 22, 2020, 1:58 PM IST
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