हाईकोर्ट के जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस विवेक रुसिया की डबल बेंच के सामने याचिकाकर्ता प्रवीण कक्कड़ की ओर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलील रखी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय और राज्य आयकर विभाग की टीम ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के यहां बिना सूचना के छापे की कार्रवाई की है. जो कि उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर आता है और विभागीय प्रक्रिया और व्यवस्था का उल्लंघन है. आयकर विभाग के वकील संजय जैन ने विभाग का गजट नोटिफिकेशन की प्रति प्रस्तुत कर कहा कि आयकर टीम पूरे देश में कहीं भी छापा मारने के लिए स्वतंत्र है.
याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने प्रवीण कक्कड़ की ओर से प्रस्तुत याचिका के कुछ बिंदुओं में आंशिक संशोधन की मांग भी कोर्ट के सामने की. इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि संशोधन की अनुमति दी जाती है तो आयकर विभाग को नए सिरे से जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाना उचित होगा. मामले में दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में आगामी सुनवाई सोमवार तक बढ़ा दी है. मामले में पैरवी के बाद कपिल सिब्बल ने केस पर चर्चा से इनकार किया है.
आयकर विभाग के वरिष्ठ वकील संजय जैन ने बताया याचिकाकर्ता इस मामले में प्रकाशित हो रही खबरों पर रोक की मांग कोर्ट से कर रहा था. जिसमें भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय प्रस्तुत किए गए. हालांकि कोर्ट ने अब इस मामले में आगामी सुनवाई सोमवार को मुकर्रर कर दी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के इंदौर के स्कीम 74 स्थित घर पर रविवार को दिल्ली के 15 आयकर अधिकारियों की टीम ने छापा मारा था. इसके अलावा बीसीएम हाइट्स, शालीमार टाउनशिप और जलसा गार्डन पर कार्रवाई की थी. प्रवीण कक्कड़ ने आरोप लगाए थे कि आयकर विभाग ने बिना किसी शिकायत और आधार के उनके खिलाफ कार्रवाई की. उनके परिवार को नियम विरुद्ध घर में बंधक बनाकर रखा. घर का दरवाजा तोड़ा जिससे परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. इसी आधार पर उन्होंने इंदौर हाईकोर्ट में उक्त याचिका दायर की है।