इंदौर। इंदौर में विधानसभा क्रमांक 1 के उम्मीदवार व बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिया गया एक बयान मुसीबत बन गया है. दरअसल उक्त बयान के आधार पर CJP (सिटी फॉर जस्टिस एंड पीस) द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत की गई. इस शिकायत के बाद आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर जांच के लिए संबंधित अधिकारियों के पास भेजा है.
कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत: दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय ने एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान 5 अक्टूबर को कहा था कि "यदि किसी भी पोलिंग बूथ पर कांग्रेस के पक्ष में यदि एक भी वोट नहीं डाला, तो उस पोलिंग बूथ के एजेंट को उनकी ओर से ₹51000 पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे. यही वीडियो बाद में कैलाश विजयवर्गीय के ट्विटर हैंडल पर भी वायरल हुआ था. इसके बाद पूरे मामले की शिकायत सीजेपी द्वारा निर्वाचन आयोग को की गई थी. इस मामले से जुड़े ईमेल भी आयोग को भेजे गए थे. शिकायत में कहा गया था कि विजयवर्गीय द्वारा दिए गया भाषण जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 का उल्लंघन है. जिसमें खुद प्रत्याशी द्वारा निर्वाचन के दौरान भ्रष्ट प्रथाओं को प्रचारित किया जा रहा है.
कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला ने की कार्रवाई की मांग: शिकायत में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के खिलाफ करवाई की मांग करते हुए आयोग के माध्यम से सार्वजनिक माफी मांगने की भी अपील की गई थी. आयोग ने इस शिकायत को जांच के लिए इंदौर जिले के निर्वाचन कार्यालय भेजा है. जिस पर फिलहाल जवाब आना बाकी है. माना जा रहा है कि यदि इस मामले में विजयवर्गीय सीधे तौर पर दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग की ओर से कार्रवाई हो सकती है. हालांकि विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार संजय शुक्ला ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है.