इंदौर। मशूहर कथावाचक जया किशोरी इंदौर में हैं. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने फिल्म 'द केरला स्टोरी' के साथ ही भारत की संस्कृति को लेकर अपनी बात रखी. सबसे पहले जया किशोरी ने इंदौर शहर की तारीफ करते हुए कहा कि वह यहां कई बार कथा कर चुकी हैं. देश का सबसे स्वच्छ शहर उन्हें इंदौर काफी पसंद है. इसके बाद जया किशोरी ने युवाओं को संस्कृति से जुड़ने का संदेश दिया. बता दें कि जया किशोरी इंदौर में 20 और 21 मई को भी कथा करेंगी. जया किशोरी इंदौर में बाई को मायरो की संगीतमय कथा कर रही हैं. ये कथा तिलक नगर स्कूल मैदान पर चल रही है.
बच्चों को शुरू से संस्कार दें : हिंदू राष्ट्र के सवाल पर जया किशोरी ने कहा कि सनातनी होने के नाते वह बहुत खुश होंगी. लेकिन कानून और संविधान का भी ध्यान रखना चाहिए. जब कोई व्यक्ति धर्म से दूर होता है तो गलत रास्ते पर जाता है. 'द केरला स्टोरी' फिल्म पर उन्होंने कहा कि फिल्में समाज को संदश देने के लिए बनाई जाती हैं. यह आपके ऊपर है कि आपकी क्या समझ है. उन्होंने कहा कि इस मूवी में दिखाए गए धर्म परिवर्तन की बात सही भी हो सकती है. फिल्म में जितना दिखाया गया है अगर उतना धर्म परिवर्तन नहीं भी हुआ और अगर एक भी हुआ तो क्यों हुआ, क्या ये सोचने का विषय नहीं है. अहम बात यह है कि हमें बच्चों को शुरू से ऐसी बातों के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. माता-पिता को बचपन से ही ऐसे संस्कार देने चाहिए कि किशोर होने पर लड़के-लड़कियां ये जानें कि क्या अच्छा है और क्या गलत.
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राजनीति करो तो श्री कृष्ण की तरह : इसके साथ ही राजनीति करने वालों को भी जया किशोरी ने संदेश दिया. उन्होंने कहा कि अगर राजनीति करनी है तो श्री कृष्ण के जैसी करो. उन्होंने भी महाभारत में राजनीति की थी. जया किशोरी ने कहा कि वह सिसायत के बारे मे ज्यादा नहीं जानती, लेकिन इतना अवश्य जानती हैं कि अगर धर्म के साथ रहोगे तो सब भला होगा. उनका मानना है कि राजनीति में धर्म होना चाहिए लेकिन धर्म में राजनीति कदापि नहीं होनी चाहिए. उदाहरण देते हुए जया किशोरी ने कहा कि महाभारत में श्रीकृष्ण ने राजनीति की. श्री कृष्ण चाहते तो वह दोनों पक्षों को लड़वाकर खुद ही सब अपने पास रख सकते थे. लेकिन श्रीकृष्ण धर्म का साथ दे रहे थे. राजनीति खराब क्षेत्र नहीं है लेकिन ये भूमिका कृष्ण के जैसी होनी चाहिए. जया किशोरी ने कहा कि धर्म के साथ जुड़े रहने से,अपने शास्त्रों से जुड़े रहने से और अपने कैरियर से जुड़े रहने से जीवन काफी अच्छा हो जाता है. विशेषकर परिजनों को अपने बच्चों को संस्कृति के बारे में ज्ञान देना चाहिए. वह खुद आज अपने परिवार के कारण यहां तक पहुंच पाई हैं.