इंदौर। देशभर के जल स्त्रोतों के लिए उद्योगों का दूषित जल चुनौती बना हुआ है. जिसे देखते हुए अब इंदौर नगर निगम भी इसका उपयोग पेड़ पौधों के लिए करेगा. स्वच्छता को लेकर कई तरह के आयाम गढ़ने वाला इंदौर नगर निगम अब शहर के औद्योगिक क्षेत्रों के करीब इंडस्ट्रियल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने जा रहा है. जिससे पानी को साफ करने के बाद उसे शहर के तमाम उद्यानों में उपयोग के लिए भेजा जाएगा.
देश में चौथी बार स्वच्छता का रिकॉर्ड बनाने वाला इंदौर नगर निगम अब शहर के उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी से भी हमेशा के लिए मुक्त होने की कोशिशों में जुटा है. इसके लिए सांवेर औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद तमाम फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी को स्थानीय क्षेत्र में साफ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं. नगर निगम द्वारा जारी इस आशय के प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं.
निगम के मुताबिक ट्रीटमेंट प्लांट को बनाने में लगभग डेढ़ करोड़ से ज्यादा की लागत बताई जा रही है. ये पूरा प्रोजेक्ट लगभग 6 माह में पूरा होने की संभावना जताई जा रही है. नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल के अनुसार सांवेर रोड क्षेत्र में चार एमएलडी की क्षमता वाला ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है और अब वहां फैक्ट्रियों से आने वाला गंदा पानी साफ करने के लिए विशेष प्रकार का प्लांट लगाया जा रहा है, जिसे इथिविलीन प्लांट कहा जाता है. ये प्लांट 6 माह में पूरा होने की सम्भावना है. जिसके बाद फैक्ट्रियों का गंदा पानी भी पूरी तरह साफ किया जा सकेगा और उसका उपयोग बगीचे से लेकर विभिन्न कार्यों में किया जा सकेगा.
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बता दें सांवेर रोड क्षेत्र में बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों का गंदा पानी आता है और उसके निराकरण के लिए ही ये प्लांट लगाने पर कई दिनों के मंथन के बाद निर्णय हुआ है. शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में निगम ड्रेनेज का गंदा पानी साफ कर नदी में छोड़ने के साथ बगीचों के उपयोग के लिए कई जगह ट्रीटमेंट प्लांट भी बना रहा है. इनमें कबीटखेड़ी और कुछ अन्य स्थानों पर ट्रीटमेंट प्लांट भी शुरू किए जा चुके हैं.