इंदौर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने धार्मिक कट्टरता को दुनियाभर में आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रेस वार्ता में कहा,‘‘बैठक में ‘मजहबी कट्टरता-दुष्परिणाम और समाधान’ विषय पर एक महत्वपूर्ण संकल्प पारित किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘संकल्प में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि ‘मेरा मजहब ही सही है, बाकी को इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा और यदि वे इसे स्वीकार ना करें तो उनको समाप्त करने का आसमानी आदेश मेरे पास है’ को मानने वाले लोगों ने विश्व की अनेक पुरातन सभ्यताओं को समाप्त कर दिया।’’
वैश्विक स्तर पर समग्र नीति बनाने पर जोर : बैठक में पारित किये गये संकल्प में (VHP resolution against religious radicalism) कहा गया है, ‘‘दुर्भाग्य से कई शताब्दियों के कटु अनुभवों के बावजूद मजहबी कट्टरता संपूर्ण विश्व के लिए आज भी चुनौती बनी हुई है. विश्व में कहीं ना कहीं प्रतिदिन हो रहे आतंकवादी हमलों के लिए भी मजहबी कट्टरपंथ के रास्ते पर चलने वाले लोग जिम्मेदार हैं.’’ आलोक कुमार ने कहा कि ‘‘लव जिहाद के माध्यम से गैर मुस्लिम महिलाओं पर अमानवीय अत्याचारों का सिलसिला और ‘सर तन से जुदा गैंग’ की सक्रियता इसी मजहबी कट्टरता के वीभत्स चेहरे हैं. ’’ उन्होंने कहा कि धार्मिक कट्टरता के दुष्परिणामों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बनानी होगी.
जिहाद के नाम पर हिंसा नहीं करेंगे बर्दाश्त : उन्होंने कहा, ‘‘इस संकीर्ण मानसिकता का बौद्धिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर मुकाबला करना होगा. इस्लाम के एक बड़े वर्ग द्वारा जिहाद के नाम पर हिंसा, लूटपाट और बलात्कार व हत्याओं को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. अब यह नहीं चलेगा. हम भारत के किसी भी हिस्से को ‘दारुल इस्लाम’ नहीं बनने देंगे. विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी पूज्य संतों व समाज के चिंतकों के साथ मिलकर इसका डटकर मुकाबला करता रहा है. इस कार्य को हम और गति देंगे.’’
ईसाई मिशनरियों पर निशाना साधा : विहिप की विज्ञप्ति में कहा गया है,‘‘ईसाई मिशनरी का एक बड़ा वर्ग छल कपट व लालच के हथकंडों से सामाजिक विद्वेष फैलाने, आतंक को पोषित करने तथा मतांतरण करने में जुटा हुआ है. मजहबी कट्टरता ईसाई व मुस्लिम समाज को विकास नहीं, बल्कि आत्मघाती विनाश की ओर ले जाएगी. उनको अपने कट्टरपंथी नेतृत्व को बदलकर विकासवादी व समरसता वादी नेतृत्व लाना चाहिए. लोग मजहबी कट्टरपंथी व अलगाववादी नेतृत्व को हतोत्साहित करके अपने समाज को समरसता और विकास की ओर ले जाने वाले खुले विचार के नेतृत्व को प्रोत्साहित करने में अपनी भूमिका निभाएं.’’
धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून की मांग : विहिप ने अपील की है कि समाज के सभी वर्ग तात्कालिक स्वार्थों के कारण इस राष्ट्रघाती प्रवृत्ति का पोषण ना करें. साथ ही, अवैध मतांतरण और मजहबी कट्टरता को रोकने के लिए केंद्र सरकार से कठोर कानून बनाने तथा पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की भी मांग की गई. विज्ञप्ति में कहा गया है कि हिंदू समाज मजहबी कट्टरता का हमेशा से शिकार रहा है, लेकिन उसने अपने पराक्रम से इस चुनौती का सामना भी किया है.
लव जिहाद के खिलाफ VHP का बड़ा कदम, देश भर में चलाएगी घर वापसी राष्ट्रीय अभियान
2024 में विहिप के 60 साल पूरे : आलोक कुमार ने कहा, ‘‘विहिप इस संबंध में लोगों को जागरूक करने और कट्टरपंथी नेतृत्व के षडयंत्र को उजागर करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में, एक संकल्प के रूप में बाल संस्कार शालाओं, धार्मिक शिक्षा की प्रतियोगिताओं, हिंदू मान्यताओं के प्रसार के माध्यम से संपूर्ण विश्व में विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने की एक कार्ययोजना बनाई गई.’’. विहिप अभी विश्व के 30 देशों में प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं, जिसमें से 24 देशों के प्रतिनिधि कार्यकर्ता दिसंबर के अंत में तीन दिन के लिए मुंबई में विश्व समन्वय बैठक में पहुंचे थे. कुमार ने कहा कि 2024 में विहिप के 60 साल पूरे हो रहे हैं. (PTI)