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इंदौर में ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए नया प्रयोग, चौराहों पर येलो बॉक्स क्यों है कारगर

इंदौर में ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए अब येलो बॉक्स का प्रयोग किया जा रहा है. यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश के किसी शहर में रेड लाइट क्रॉस करने वालों को चिह्नित करने के लिए येलो बॉक्स का प्रयोग किया जा रहा हो. इंदौर के देवास नाका चौराहे पर एक चौराहे को येलो बॉक्स में तब्दील किया गया है, जहां वाहन चालक रेड लाइट पर चौराहा क्रॉस नहीं कर सकेंगे. ऐसा करने पर उन्हें भारी जुर्माना भुगतना होगा. Indore traffic problem

Indore traffic problem news experiment deal traffic
इंदौर में ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए नया प्रयोग
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 22, 2023, 12:56 PM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी होने के कारण इंदौर की जनसंख्या भले 40 लाख के करीब हो लेकिन यहां सड़कों पर वाहनों की संख्या करीब 22 लाख हैं. इनमें से चार लाख वाहन ऐसे हैं जो 15 साल पुराने हैं लेकिन वह आज भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं. यही स्थिति लोडिंग और अन्य वाहनों की है, जो शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव के साथ प्रदूषण का कारण भी बने हुए हैं. वहीं इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जहां हर साल बड़ी संख्या में वाहनों का पंजीयन होता है. जनसंख्या के दबाव और वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण शहर के अधिकांश इलाकों में फिलहाल ट्रैफिक जाम की समस्या है. इस समस्या की बड़ी वजह है लोगों का ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना. Indore traffic problem

चौराहों पर ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन : अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन होने के कारण आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. अब इंदौर नगर निगम ने इस स्थिति से निपटने के लिए जहां रिमूवल की कार्रवाई शुरू की है वहीं यातायात में सुधार के लिए तरह-तरह के प्रयास हो रहे हैं. इनमें येलो बॉक्स एक महत्वपूर्ण प्रयोग है. चौराहे पर वाहन चालकों को येलो बॉक्स के बाहर रुकना होगा. येलो बॉक्स के अंदर वाहन चालक तभी प्रवेश कर पाएंगे, जब उनका एग्जिट प्वाइंट क्लियर होगा. यानी ग्रीन सिग्नल के बाद यदि बॉक्स के बाहर गाड़ी खड़ी है तो वाहन चालकों को रुकना होगा. अभी इंदौर के अधिकांश चौराहों पर स्थित यह है कि एक साइड का सिग्नल और पॉइंट ग्रीन होने के दूसरी तरफ से लोग रेड लाइट में भी सड़क पार करना शुरू कर देते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका के साथ ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है. Indore traffic problem

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इंदौर में ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए नया प्रयोग

देवास नाके से येलो बॉक्स की शुरुआत : अब इसके लिए फिलहाल देवास नाके से येलो बॉक्स की शुरुआत हुई है. बताया जाता है कि भारत के बेंगलुरु में इस प्रयोग को प्रभावी रूप से लागू किया गया है. हालांकि इस तरह के येलो बॉक्स का ट्रेंड विदेश में भी है. येलो बॉक्स के जरिए ऐसे वाहन चालकों पर भी कठोर कार्रवाई की जा सकेगी जो रेड लाइट में भी चौराहा क्रॉस करके आए दिन ट्रैफिक जाम की वजह बनते हैं. इंदौर में पहली बार इस तरह की मार्किंग के पीछे कोशिश यही है कि लोग सही ट्रैफिक का कायदा सीख और समझ सकें.

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लेफ्ट टर्न चौड़ीकरण को लेकर समीक्षा बैठक : इंदौर नगर निगम में यातायात विभाग द्वारा अब शहर के लेफ्ट टर्न कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण करने की तैयारी की गई है. यातायात प्रभारी राकेश जैन द्वारा शहर के व्यस्ततम चौराहे पर यातायात रेगुलेशन के लिए ट्रैफिक पुलिस की मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा शहर के विजयनगर चौराहे के विकास एवं चौराहे के सौंदर्यकरण को लेकर भी बैठक की गई. शहर के यातायात सुधार के लिए हर सप्ताह समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं. Indore traffic problem

इंदौर। मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी होने के कारण इंदौर की जनसंख्या भले 40 लाख के करीब हो लेकिन यहां सड़कों पर वाहनों की संख्या करीब 22 लाख हैं. इनमें से चार लाख वाहन ऐसे हैं जो 15 साल पुराने हैं लेकिन वह आज भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं. यही स्थिति लोडिंग और अन्य वाहनों की है, जो शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव के साथ प्रदूषण का कारण भी बने हुए हैं. वहीं इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जहां हर साल बड़ी संख्या में वाहनों का पंजीयन होता है. जनसंख्या के दबाव और वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण शहर के अधिकांश इलाकों में फिलहाल ट्रैफिक जाम की समस्या है. इस समस्या की बड़ी वजह है लोगों का ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना. Indore traffic problem

चौराहों पर ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन : अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन होने के कारण आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. अब इंदौर नगर निगम ने इस स्थिति से निपटने के लिए जहां रिमूवल की कार्रवाई शुरू की है वहीं यातायात में सुधार के लिए तरह-तरह के प्रयास हो रहे हैं. इनमें येलो बॉक्स एक महत्वपूर्ण प्रयोग है. चौराहे पर वाहन चालकों को येलो बॉक्स के बाहर रुकना होगा. येलो बॉक्स के अंदर वाहन चालक तभी प्रवेश कर पाएंगे, जब उनका एग्जिट प्वाइंट क्लियर होगा. यानी ग्रीन सिग्नल के बाद यदि बॉक्स के बाहर गाड़ी खड़ी है तो वाहन चालकों को रुकना होगा. अभी इंदौर के अधिकांश चौराहों पर स्थित यह है कि एक साइड का सिग्नल और पॉइंट ग्रीन होने के दूसरी तरफ से लोग रेड लाइट में भी सड़क पार करना शुरू कर देते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका के साथ ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है. Indore traffic problem

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इंदौर में ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए नया प्रयोग

देवास नाके से येलो बॉक्स की शुरुआत : अब इसके लिए फिलहाल देवास नाके से येलो बॉक्स की शुरुआत हुई है. बताया जाता है कि भारत के बेंगलुरु में इस प्रयोग को प्रभावी रूप से लागू किया गया है. हालांकि इस तरह के येलो बॉक्स का ट्रेंड विदेश में भी है. येलो बॉक्स के जरिए ऐसे वाहन चालकों पर भी कठोर कार्रवाई की जा सकेगी जो रेड लाइट में भी चौराहा क्रॉस करके आए दिन ट्रैफिक जाम की वजह बनते हैं. इंदौर में पहली बार इस तरह की मार्किंग के पीछे कोशिश यही है कि लोग सही ट्रैफिक का कायदा सीख और समझ सकें.

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