इंदौर। शहर के जूनी थाना क्षेत्र में 2023 में रामनवमी के दिन हुए एक बड़े हादसे में 36 लोगों की मौत के मामले में जिम्मेदारी तय हो गई है. इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट हादसे के 9 माह बाद हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में पेश कर दी गई है. रिपोर्ट में नगर निगम अधिकारी और मंदिर ट्रस्ट को जिम्मेदार ठहराया गया है. आपको बता दें कि इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में रामनवमी के दिन पूजा पाठ के दौरान एक बावड़ी ढह गई थी और बावड़ी में गिरने से 36 लोगों की मौत हो गई थी.इस मामले में इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका लगी थी और याचिका पर पिछले दिनों सुनवाई के दौरान बेंच ने जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे.
क्या है मामला
इंदौर के जूनी थाना क्षेत्र में रामनवमी के दिन बड़े हादसे में 36 लोगों की बावड़ी ढह जाने के कारण मौत हो गई थी. दरअसल बेलेश्वर मंदिर में एक पुरानी बावड़ी थी और मंदिर ट्रस्ट ने उस बावड़ी को बंद कर ऊपर से सीमेंट करवाकर ढक दिया था. इसी बावड़ी के ऊपर हवन कार्यक्रम चल रहा था. भीड़ ज्यादा बढ़ने से बावड़ी धसक गई और इसमें लोगों के गिरने से 36 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हुए थे और अब जाकर उसकी रिपोर्ट आई है.
कोर्ट के आदेश के बाद जांच रिपोर्ट
इस मामले को लेकर हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगी थी और याचिका पर पिछले दिनों सुनवाई भी हुई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जांच रिपोर्ट को कोर्ट के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए थे. तकरीबन 9 महीने बाद जांच रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में मंदिर ट्रस्ट और नगर निगम अफसरों को हादसे का जिम्मेदार ठहराया गया है. बता दे जांच रिपोर्ट तकरीबन 17 पन्नों की है.
जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारी तय
जांच रिपोर्ट में कई तरह की जानकारी देते हुए यह भी बात कही गई है कि नगर निगम की टीम ने सर्वे में लापरवाही बरती है. रिकॉर्ड में कहीं बावड़ी है की नहीं इसका उल्लेख नहीं है. रिपोर्ट में तो इस बात का भी जिक्र है कि निगम के तात्कालिक व वर्तमान जोनल अधिकारी, जल मंत्रालय विभाग के तत्कालीन व वर्तमान अधिकारी भी इसके लिए दोषी हैं. साथ ही मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी ने भी मंदिर के अंदर जहां बावड़ी थी उसको लेकर किसी तरह की कोई सूचना नहीं लगाई थी. यही लोग इस पूरे हादसे के दोषी हैं.
स्लैब में था कमजोर सरिया
जांच रिपोर्ट में कई और तथ्य भी सामने आए हैं. जांच रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी है की बावड़ी पर स्लैब डाल दी गई थी और उसमें जो सरिया था वह कमजोर था. अचानक उस पर हवन होने के कारण वह सरिया पिघल गए और बड़ा हादसा हो गया. साथ ही बावड़ी में 10 से 15 फीट गंदा पानी था जो मंदिर से रिस कर गिर रहा था. कीचड़ बदबू में लोग उसी में धस गए और उनकी मौत हुई.
अब फैसले का इंतजार
फिलहाल अब जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद दोषी अधिकारियों पर कोर्ट किस तरह से कार्रवाई करता है यह देखने लायक रहेगा. वहीं जूनी इंदौर पुलिस ने इस पूरे ही मामले में विभिन्न धाराओं में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था.