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Indore Temple Accident: जीवन गंवाने पर भी कई घरों को रौशन कर गए हादसे के दानवीर

इंदौर में हुए मंदिर हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से 8 लोगों के परिजनों ने उनकी त्वचा और नेत्र को दान करने का फैसला लिया है. स्वयंसेवी संगठन मुस्कान ग्रुप के संदीपन आर्य ने कहा,'' भारी मन से परिवारों ने अपने मृत परिजनों को दूसरों में देखने के लिए अंग दान के लिए हामी भर दी."

Indore Temple Accident
परिवारों ने मृत परिजनों के अंग किए दान
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Published : Apr 1, 2023, 10:48 AM IST

इंदौर। कहते हैं दुनिया में देहदान से बड़ा कोई ध्यान नहीं है, इसी मान्यता के चलते इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी का छत गिरने से हुई दुर्घटना में मारे गए 36 व्यक्तियों में से आठ के परिवारों ने अपने मृत परिजनों के अंगदान करने का फैसला लिया है. स्वयंसेवी संगठन मुस्कान ग्रुप ने कहा कि मृतकों के परिवार ने अपने प्रियजनों की त्वचा और आंखें दान करने के लिए सहमत हुए है. जिन्हें उन्होंने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन के दौरान बावड़ी की छत गिरने के बाद खो दिया था. वहीं संगठन के संदीपन आर्य ने कहा, ''परिजनों को समझाने के बाद हमने डॉक्टरों और नौकरशाहों से समन्वय किया. इसके बाद भारी मन से परिवारों ने अपने मृत परिजनों को दूसरों में देखने के लिए अंग दान के लिए हामी भर दी."

इन मृत लोगों के परिजनों ने दी लिखित सहमतिः उन्होंने कहा कि अब तक इंद्र कुमार हरवानी, भुमिका खानचंदानी, जयंतीबाई, दक्षा बेन पटेल, लक्ष्मी बेन पटेल, भारती कुकरेजा, मधु भम्मानी और कंनक पटेल के परिवार के सदस्यों ने आंख और त्वचा दान के लिए अपनी लिखित सहमति दी है. उनकी आंखें इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्था एमवाय अस्पताल और संकरा आई बैंक को दान की गई हैं. आर्य ने कहा कि चोइथराम अस्पताल के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों की ओर से दान की गई त्वचा प्राप्त की है. रोड एक्सीडेंट में मरने वाले नितिन गंगवाल के परिजनों ने भी आंख और त्वचा दान करने के लिए सहमति दी है.

Indore Temple Accident
मंदिर हादसे के मृतकों का अंग दान

इंदौर हादसे से जुड़ी खबरें...

इसको लेकर इंदौर के अतिरिक्त जिलाधिकारी अजयदेव शर्मा ने बताया,''अंगदान के क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था मुस्कान ग्रुप की ओर से एक अनुरोध आया था, जिस पर जिला प्रशासन ने उन्हें सहमति और अन्य सहयोग दिलाने में मदद की. अतिरिक्त जिलाधिकारी ने बताया, '' इंदौर के पटेल नगर में स्थित मंदिर में त्रासदी हुई है. उन्होंने बताया कि बावड़ी को ढकने के बाद हवन कुंड बनाया गया था. वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार,'' मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ थी. इस दौरान बावड़ी की छत पर बड़ी संख्या में भक्त हवन कर रहे थे, जो भक्तों का भार सहन नहीं कर पाई और गिर गई.

(ब्यूरो रिपोर्ट के साथ इनपुट PTI/भाषा)

इंदौर। कहते हैं दुनिया में देहदान से बड़ा कोई ध्यान नहीं है, इसी मान्यता के चलते इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी का छत गिरने से हुई दुर्घटना में मारे गए 36 व्यक्तियों में से आठ के परिवारों ने अपने मृत परिजनों के अंगदान करने का फैसला लिया है. स्वयंसेवी संगठन मुस्कान ग्रुप ने कहा कि मृतकों के परिवार ने अपने प्रियजनों की त्वचा और आंखें दान करने के लिए सहमत हुए है. जिन्हें उन्होंने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन के दौरान बावड़ी की छत गिरने के बाद खो दिया था. वहीं संगठन के संदीपन आर्य ने कहा, ''परिजनों को समझाने के बाद हमने डॉक्टरों और नौकरशाहों से समन्वय किया. इसके बाद भारी मन से परिवारों ने अपने मृत परिजनों को दूसरों में देखने के लिए अंग दान के लिए हामी भर दी."

इन मृत लोगों के परिजनों ने दी लिखित सहमतिः उन्होंने कहा कि अब तक इंद्र कुमार हरवानी, भुमिका खानचंदानी, जयंतीबाई, दक्षा बेन पटेल, लक्ष्मी बेन पटेल, भारती कुकरेजा, मधु भम्मानी और कंनक पटेल के परिवार के सदस्यों ने आंख और त्वचा दान के लिए अपनी लिखित सहमति दी है. उनकी आंखें इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्था एमवाय अस्पताल और संकरा आई बैंक को दान की गई हैं. आर्य ने कहा कि चोइथराम अस्पताल के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों की ओर से दान की गई त्वचा प्राप्त की है. रोड एक्सीडेंट में मरने वाले नितिन गंगवाल के परिजनों ने भी आंख और त्वचा दान करने के लिए सहमति दी है.

Indore Temple Accident
मंदिर हादसे के मृतकों का अंग दान

इंदौर हादसे से जुड़ी खबरें...

इसको लेकर इंदौर के अतिरिक्त जिलाधिकारी अजयदेव शर्मा ने बताया,''अंगदान के क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था मुस्कान ग्रुप की ओर से एक अनुरोध आया था, जिस पर जिला प्रशासन ने उन्हें सहमति और अन्य सहयोग दिलाने में मदद की. अतिरिक्त जिलाधिकारी ने बताया, '' इंदौर के पटेल नगर में स्थित मंदिर में त्रासदी हुई है. उन्होंने बताया कि बावड़ी को ढकने के बाद हवन कुंड बनाया गया था. वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार,'' मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ थी. इस दौरान बावड़ी की छत पर बड़ी संख्या में भक्त हवन कर रहे थे, जो भक्तों का भार सहन नहीं कर पाई और गिर गई.

(ब्यूरो रिपोर्ट के साथ इनपुट PTI/भाषा)

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