इंदौर। बेलेश्वर मंदिर के आसपास सबसे अधिक तादाद में सिंधी समाज और गुजराती पटेल समाज के लोग ही रहते हैं (Bawdi Collapses in Indore). इसी समाज से जुड़ी हुई महिलाएं और बुजुर्ग यहां पर रोजाना दर्शन और पूजन करने के लिए जाते थे. रामनवमी के अवसर पर भी सिंधी समाज और गुजराती समाज के सबसे अधिक लोग पहुंचे थे. सिंधी समाज के 17 और गुजराती पटेल समाज के 11 लोगों की इस पूरे घटनाक्रम में मौत हुई है. इस हादसे में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है.
हर किसी की आंखें हुईं नम: जब पटेल नगर से 11 लोगों की अंतिम यात्रा एक साथ निकली तो वह क्षेत्र मातम में तब्दील हो गया. वहां पर रहने वाले सभी लोगों की आंखें नम थीं. जिन लोगों को आसपास के रहवासियों ने खुशी मनाते हुए देखा था वह आज चार कंधों पर अंतिम यात्रा करते हुए श्मशान घाट की ओर जा रहे थे. जब अंतिम यात्रा विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए विभिन्न मुक्तिधाम में पहुंची तो वहां पर एक साथ इतनी चिता जलने के कारण पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया. सबसे अधिक अंतिम यात्रा रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम पर पहुंची. बताया जा रहा है कि रीजनल पार्क मुक्तिधाम में गुजराती पटेल समाज के 11 शव लाए गए. वहीं सिंधी समाज के साथ ही अलग-अलग समाज के लोग भी अपनी अंतिम यात्रा को लेकर इसी मुक्तिधाम पर पहुंचे.
बेलेश्वर मंदिर की गली से उठीं 11 अर्थियां: एक साथ इतनी तादाद में अंतिम यात्रा पहुंची तो निगम ने मुक्तिधाम पर भी अलग से कर्मचारियों को तैनात किया. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी वहां मुस्तैद रहे. बता दें कि जिस जगह पर मंदिर मौजूद है, उस एकमात्र गली में तकरीबन 11 लोगों की मौत हुई है. जिसमें से 10 महिलाएं शामिल हैं. इस तरह से पूरे घटनाक्रम में तकरीबन 36 लोगों की मौतें हुई है. जिनमें से 22 महिलाएं शामिल हैं. यह इंदौर की अभी तक की सबसे बड़ी घटना में शामिल हो चुकी है. अभी तक किसी भी घटनाक्रम में इतनी अधिक मौतों की संख्या सामने नहीं आई है.
मीडिया को देख आक्रोशित हुए परिजन: वहीं गुजराती समाज के जिन 11 लोगों की मौत हुई उनके सामने तो काफी विकट परिस्थिति निर्मित हो गई. जिन परिवारों में गमी हुई है उनके परिवार किसी तरह की कोई जानकारी मीडिया को नहीं दे रहे हैं. वहीं जब शव यात्रा परिजनों ने निकाली उस समय मीडिया को देखकर तो परिजन काफी आक्रोशित हो गए और मीडिया को ही भला बुरा कहने लगे.