इंदौर। प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावासों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के हालात कितने अच्छे हैं, इसकी बानगी इंदौर के मोरोद स्थित ज्ञानोदय स्कूल में देखने मिल सकती है. इंदौर के इस आवासीय स्कूल में सालों से मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. बीते दिन एक छात्र के दुर्घटना का शिकार होने के बाद बड़ी संख्या में छात्रों ने कई किलोमीटर चलकर पैदल मार्च निकाला. इस दौरान कई छात्र बेहोश भी गए. छात्रों की मांग के बाद कलेक्टर ने छात्रावास के हालात सुधारने से लेकर दुर्घटना आदि के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं.
स्कूल में सुविधाओं का अभाव: दरअसल सोमवार को इंदौर के ग्राम मोरोद स्थित आवासीय स्कूल में ना तो पढ़ाने के लिए नियमित शिक्षक हैं, ना ही लाइब्रेरी आदि की समुचित व्यवस्था है. जिसे लेकर आवासीय स्कूल में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र काफी समय से परेशान हैं. इस बीच सोमवार को अचानक एक छात्र हॉस्टल की तीसरी मंजिल से गिर गया. जिसके बाद परेशान हॉस्टल के छात्र विरोध करने सड़कों पर उतर आए. इस बीच मंगलवार को अपनी बात जिला प्रशासन के सामने रखने और दुर्घटना के मामले में भी हॉस्टल प्रशासन और वार्डन की लापरवाही की शिकायत करने सैकड़ों छात्र सुबह ग्राम मोरोद से जिला कलेक्ट्रेट तक पैदल ही निकल पड़े.
20 किलोमीटर पैदल चले छात्र: ग्राम मोरोद के ज्ञानोदय स्कूल से पैदल मार्च करते हुए यह सैकड़ों छात्र सुबह 8 बजे रवाना हुए जो 20 किलोमीटर पैदल चलकर करीब 12 बजे कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां उन्होंने अपने घायल साथी के इलाज के अलावा हॉस्टल की शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट के गेट पर धरना दे दिया. इस दौरान अपर कलेक्टर ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन फिर भी छात्र धरना देने पर उतारू नजर आए. इसके बाद सभी ने कलेक्ट्रेट पर धरना दे दिया. जिससे मौके पर जाम की स्थिति बन गई. वहीं पूरे प्रदर्शन के दौरान छात्रों के एक ही ड्रेस में होने के कारण मौके पर गहमागहमी की स्थिति भी नजर आई. इस दौरान छात्रों की मांग थी कि ज्ञानोदय छात्रावास में पहले से ही कोई सुविधा नहीं है और एक छात्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसे उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. मौके पर मौजूद वार्डन ने आर्थिक व्यवस्था नहीं होने और महंगे अस्पताल में छात्र का इलाज नहीं करा पाने की परेशानी दिखाई. जिससे नाराज छात्रों ने खुद ही आपस में चंदा करके कुछ राशि एकत्र की, लेकिन अस्पताल का बिल ज्यादा का होने के कारण छात्र भी अपने स्तर पर घायल छात्र का इलाज कराने में असमर्थ नजर आए.
प्रशासन ने कही जांच की बात: यही वजह रही कि मंगलवार को बड़ी संख्या में छात्र कई किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. हालांकि कई किलोमीटर का सफर करके कलेक्ट्रेट पहुंचने के कारण कुछ छात्र मौके पर बेहोश भी हो गए. हालांकि पूरे मामले की जानकारी जिला प्रशासन को मिलते ही कलेक्टर इलैयाराजा टी ने तत्काल मौके पर एडीएम स्तर के अधिकारी को भेजकर जांच कराई. इसके बाद जिला कलेक्टर ने संबंधित घायल छात्र के इलाज के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने बताया "आवासीय स्कूल में दुर्घटना संबंधी मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा वार्डन ने भी छात्रों की मांग पर ध्यान नहीं दिया, इस मामले को भी जांचा जा रहा है. वहीं ज्ञानोदय स्कूल में नियमित शिक्षक और नियमित तरह-तरह के प्रैक्टिकल या प्रयोग किए जा सके, इसके लिए भी निर्देश दिए हैं. वहीं संबंधित ज्ञानोदय विद्यालय में व्यवस्थित लाइब्रेरी भी स्थापित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं."