इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब पहली ग्रीन बांड सिटी बनने जा रहा है.जहां विशाल सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए ग्रीन बांड के जरिए राशि जुटाई जाएगी. 286 करोड़ से तैयार होने वाले विशाल सोलर प्लांट के लिए ग्रीन बांड जारी करने की मंजूरी फिलहाल सेबी ने जारी कर दी है.
286 करोड़ की योजना तैयारः दरअसल इंदौर शहर में महेश्वर स्थित जलूद वाटर प्लांट से नर्मदा का पानी विद्युत मोटरों के जरिए लिफ्ट करके कई किलोमीटर दूर इंदौर पहुंचाया जाता है. जाहिर है, इस प्रयास में नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपए बिजली बिल के लिए चुकाने होते हैं. ऐसी स्थिति में नगर निगम ने अब जलूद प्लांट को सोलर प्लांट में परिवर्तित करने के लिए 286 करोड़ रुपए की योजना तैयार की थी. इस योजना की मंजूरी के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी भेंट की थी. नगर निगम द्वारा इस राशि को जुटाने के लिए पहली बार ग्रीन बांड जारी करने का फैसला किया था.
सेबी से अनुमति मिलने से नगर निगम खुशः मिली जानकारी के अनुसार ग्रान बांड के लिए बाकायदा सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) से भी अनुमति मांगी गई थी. जिससे कि नगर निगम द्वारा करीब 3 करोड़ रुपए के बांड जारी करके प्लांट के लिए राशि ओपेन मार्केट से जुटाई जा सके. इस आशय का प्रस्ताव सेबी के आधीन मिलने के बाद यह पाया गया कि इंदौर नगर निगम आर्थिक रूप से सक्षम होने एवं विशाल सोलर प्लांट योजना को पर्याप्त रूप से स्थापित कर प्रोजेक्ट को सफल करने की क्षमता रखता है. लिहाजा सेबी ने हाल ही में इंदौर नगर निगम को ग्रीन बांड जारी करने की मंजूरी दे दी है. इसको लेकर निगम प्रशासन भी खासा उत्साहित है.
एमआईसी की बैठक में होगा फैसलाः इंदौर को ग्रीन बांड जारी करने की अनुमति मिलने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने दावा किया है कि इंदौर देश का पहला ऐसा नगरीय निकाय है, जिसे सेबी ने ग्रीन बांड जारी करने की अनुमति दी है.इस फैसले के बाद अब निगम को सोलर प्लांट स्थापित करना है. लिहाजा 30 जनवरी को होने वाली एमआईसी की बैठक में बांड जारी करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. इंदौर नगर निगम इस फैसले के बाद ऐसा पहला नगर निगम होगा जहां पानी की आपूर्ति के लिए बिजली की निर्भरता खत्म हो जाएगी.