इंदौर। गोलीकांड की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले के मुख्य आरोपी गैंगस्टर सतीश भाऊ और पिंटू ठाकुर को बाईपास के पास से पकड़ लिया गया. पकड़े गए दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है. दरअसल, इंदौर की विजय नगर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दोनों कुख्यात आरोपी बायपास से होते हुए भोपाल, फिर भोपाल से नेपाल भागने की तैयारी में है. जानकारी के बाद फौरन पुलिस ने एक टीम गठित की, जो बाईपास के लिए रवाना हो गई. जहां आरोपियों को कार में बैठा देखा गया. इस दौरान घेराबंदी कर कार को रोका और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी के पास से पिस्टल बरामद
वारदात को अंजाम देने के लिए इन आरोपियों ने जो पिस्टल का उपयोग किया था उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. वहीं अन्य पिस्टल और आरोपियों के बारे में भी जांच पड़ताल जारी है. बता दें, मामले में हेमू ठाकुर फरार चल रहा है, पुलिस उसको भी जल्द ही पकड़ने की बात कह रही है. मामले में करीब चार से पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है.
सख्ती से की जा रही पूछताछ
दोनों आरोपियों के पुलिस काफी सख्ती से पूछताछ कर रही है. घंटों तक पूछताछ के दौरान आरोपियों को नग्न कर थाना प्रभारी, एडिशनल एसपी, और सीएसपी ने पिटाई की. थाने के बाहर काफी देर तक इन आरोपियों के चिल्लाने की आवाज आ रही थी. पुलिस फिलहाल पूरे घटनाक्रम की जानकारी जुटाने में लगी हुई है. अभी तक की पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने शराब दुकान को लेकर ही पूरी घटना को अंजाम दिया था.
गिरफ्तारी के बाद पुलिस पर सवाल
दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि जब भी कोई इंदौर का कुख्यात आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आता है, तो वह बाईपास से ही क्यों पकड़ा जाता है. इसके पहले कुख्यात भू-माफिया बॉबी छाबड़ा को भी पुलिस ने बाईपास से ही गिरफ्तार किया था. पहले भी पुलिस ने कई कुख्यात और बड़े माफियाओं को बाईपास से ही गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस मामले में कॉल डिटेल्स और अन्य तरह की लोकेशन के आधार पर आरोपियों को पकड़ने की बात कर रही है.
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यह है विवाद का कारण
हेमू ठाकुर और अर्जुन ठाकुर के बीच विवाद की शुरुआत गांधीनगर स्थित शराब दुकान से हुई थी. बता दें पूर्व में यह दुकान अर्जुन ठाकुर के पास थी, अर्जुन ठाकुर और एक अन्य पार्टनर दुकान के संचालक हुआ करते थे. लेकिन पिछले दिनों अर्जुन ठाकुर के एक पार्टनर ने इस दुकान का संचालक हेमू ठाकुर को सुपुर्द कर दिया था. हेमू ठाकुर अपने साथियों के साथ गांधीनगर स्थित शराब की दुकान पर पहुंचा और जहां पर अर्जुन ठाकुर के पिता वीरेंद्र ठाकुर का फोटो टंगा हुआ था. जिसे हेमू ठाकुर ने नीचे उतार कर रख दिया था.
जब इस बात की जानकारी अर्जुन ठाकुर को लगी तो दोनों के बीच विवाद हुआ और विवाद के बाद ही इस पूरे मामले में राजीनामे के लिए बैठक विजय नगर स्थित सेंडिकेट के ऑफिस में रखी गई थी. वहीं इसी दौरान हेमू ठाकुर अपने अन्य साथियों के वहां पर पहुंचा और अर्जुन ठाकुर पर बंदूक से हमला कर घटना को अंजाम देकर फरार हो गया.