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इंदौर में अवैध बालगृह पर छापा, कई नाबालिग बच्चियों को दूसरे आश्रम में किया शिफ्ट, आश्रम सील - Indore ashram sealed

Indore Illegal Children Home Raid: इंदौर में प्रशासन की टीम ने अवैध बालगृह पर छाप मारा, जहां कई नाबालिग लड़कियां पाई गईं. जिसके बाद लड़कियों को दूसरे आश्रम में शिफ्ट कर कर दिया गया. वहीं अवैध बालग्रह को भी सील कर दिया है.

Indore Illegal Children Home Raid
इंदौर में अवैध बालगृह पर छापा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 13, 2024, 7:35 AM IST

Updated : Jan 13, 2024, 11:22 AM IST

इंदौर में अवैध बालगृह पर छापा

इंदौर। मध्य प्रदेश में अवैध बालगृह को लेकर सख्त एक्शन देखने को मिल रहा है. कुछ दिन पहले राजधानी भोपाल में अवैध बालगृह संचालित होने का मामला सामने आया था. जिसके बाद अब इंदौर में भी अवैध बालगृह संचालित होने का मामला उजागर हुआ है. शहर के विजयनगर में संचालित बाल आश्रम वात्सल्यपुरम में छापे मार कार्रवाई की गई, जहां कई नाबालिग लड़कियां पाई गईं. जिन्हें सुरक्षित स्थान पर भेज कर आश्रम को सील किया गया है.

अवैध बालगृह पर क्यों मारा छापा

दरअसल इंदौर जिला प्रशासन को बगैर अनुमति तथा बगैर पंजीकरण के संचालित एक बाल आश्रम संचालित होने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर एसडीम घनश्याम धनगर के नेतृत्व में छापे की कार्रवाई की गई. इस दौरान बाल गृह संचालित करने की वैध अनुमति नहीं पाए जाने और संस्था में किसी जिम्मेदार के मौके पर उपस्थित नहीं रहने के कारण वात्सल्यपुरम को सील करने की कार्रवाई की गई. इस दौरान जिला प्रशासन की टीम ने संस्था के सभी दस्तावेजों को भी जब्त किया है. छापे की कार्रवाई के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, बाल कल्याण समिति एवं बाल संरक्षण अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद थी.

पंजीकरण के कोई दस्तावेज नहीं मिले

इस दौरान पाया गया कि विजय नगर क्षेत्र में संचालित वात्सल्यपुरम बाल आश्रम में 25 बच्चियां पंजीकृत हैं जो की 12 वर्ष से कम आयु की हैं. जिसमें पांच बच्चियां अनाथ हैं. संस्था में जेजे एक्ट की धारा-41 के तहत पंजीकरण के कोई भी दस्तावेज नहीं पाये गये. ना ही बाल आश्रम संचालित करने की कोई अनुमति पाई गई. संस्था में सुरक्षा तथा दस्तावेजीकरण में अनेक कमियां पायी गईं. यहां कोई भी जवाबदार व्यक्ति उपस्थित नहीं पाया गया. जिसके फलस्वरुप अधिकारियों द्वारा संस्था के समस्त दस्तावेज जप्त कर संस्था को सील कर दिया गया है.

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बच्चियों को दूसरे आश्रम में किया शिफ्ट

इस आश्रम की समस्त बच्चियों को रेस्क्यू कर मेडिकल कराने के पश्चात राजकीय बाल आश्रम एवं जीवन ज्योति बालिका गृह में भेजा गया. कलेक्टर द्वारा गठित निरीक्षण टीम में अनुविभागीय अधिकारी घनश्याम धनगर, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी भगवान दास साहू आशीष गोस्वामी दिनेश मिश्रा, बाल कल्याण समिति सदस्य संगीता चौधरी, शिक्षा विभाग की अधिकारी शांता तथा विजयनगर पुलिस थाने के पुलिसकर्मी उपस्थित थी.

इनका कहना है

इंदौर एसडीएम घनश्याम धनगर ने जानकारी देते हुए बताया कि ''सूचना मिली थी कि बिना परमिशन के बालगृह संचालित हो रहा है. जिसके बाद औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान कई लड़कियां मिलीं, जिनकी उम्र बहुत कम है. बालगृह के दस्तावेज चेक किये गए, जिसमें कई खामियां पाई गईं. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.''

इंदौर में अवैध बालगृह पर छापा

इंदौर। मध्य प्रदेश में अवैध बालगृह को लेकर सख्त एक्शन देखने को मिल रहा है. कुछ दिन पहले राजधानी भोपाल में अवैध बालगृह संचालित होने का मामला सामने आया था. जिसके बाद अब इंदौर में भी अवैध बालगृह संचालित होने का मामला उजागर हुआ है. शहर के विजयनगर में संचालित बाल आश्रम वात्सल्यपुरम में छापे मार कार्रवाई की गई, जहां कई नाबालिग लड़कियां पाई गईं. जिन्हें सुरक्षित स्थान पर भेज कर आश्रम को सील किया गया है.

अवैध बालगृह पर क्यों मारा छापा

दरअसल इंदौर जिला प्रशासन को बगैर अनुमति तथा बगैर पंजीकरण के संचालित एक बाल आश्रम संचालित होने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर एसडीम घनश्याम धनगर के नेतृत्व में छापे की कार्रवाई की गई. इस दौरान बाल गृह संचालित करने की वैध अनुमति नहीं पाए जाने और संस्था में किसी जिम्मेदार के मौके पर उपस्थित नहीं रहने के कारण वात्सल्यपुरम को सील करने की कार्रवाई की गई. इस दौरान जिला प्रशासन की टीम ने संस्था के सभी दस्तावेजों को भी जब्त किया है. छापे की कार्रवाई के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, बाल कल्याण समिति एवं बाल संरक्षण अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद थी.

पंजीकरण के कोई दस्तावेज नहीं मिले

इस दौरान पाया गया कि विजय नगर क्षेत्र में संचालित वात्सल्यपुरम बाल आश्रम में 25 बच्चियां पंजीकृत हैं जो की 12 वर्ष से कम आयु की हैं. जिसमें पांच बच्चियां अनाथ हैं. संस्था में जेजे एक्ट की धारा-41 के तहत पंजीकरण के कोई भी दस्तावेज नहीं पाये गये. ना ही बाल आश्रम संचालित करने की कोई अनुमति पाई गई. संस्था में सुरक्षा तथा दस्तावेजीकरण में अनेक कमियां पायी गईं. यहां कोई भी जवाबदार व्यक्ति उपस्थित नहीं पाया गया. जिसके फलस्वरुप अधिकारियों द्वारा संस्था के समस्त दस्तावेज जप्त कर संस्था को सील कर दिया गया है.

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बच्चियों को दूसरे आश्रम में किया शिफ्ट

इस आश्रम की समस्त बच्चियों को रेस्क्यू कर मेडिकल कराने के पश्चात राजकीय बाल आश्रम एवं जीवन ज्योति बालिका गृह में भेजा गया. कलेक्टर द्वारा गठित निरीक्षण टीम में अनुविभागीय अधिकारी घनश्याम धनगर, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी भगवान दास साहू आशीष गोस्वामी दिनेश मिश्रा, बाल कल्याण समिति सदस्य संगीता चौधरी, शिक्षा विभाग की अधिकारी शांता तथा विजयनगर पुलिस थाने के पुलिसकर्मी उपस्थित थी.

इनका कहना है

इंदौर एसडीएम घनश्याम धनगर ने जानकारी देते हुए बताया कि ''सूचना मिली थी कि बिना परमिशन के बालगृह संचालित हो रहा है. जिसके बाद औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान कई लड़कियां मिलीं, जिनकी उम्र बहुत कम है. बालगृह के दस्तावेज चेक किये गए, जिसमें कई खामियां पाई गईं. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.''

Last Updated : Jan 13, 2024, 11:22 AM IST
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