इंदौर। एमपी के इंदौर की पुलिस लगातार बदमाशों की धर पकड़ करने में जुटी हुई है, तो वहीं पुलिस के द्वारा अब गूगल लोकेशन के आधार पर भी ट्रैक करने की योजना बनाई जा रही है और इसको लेकर लगातार डाटा एकत्रित किया जा रहा है. फिलहाल इस नई योजना की शुरुआत जोन क्रमांक 1 में की गई है.
आरोपियों पर नजर रखने की पुलिस की नई योजना: दरअसल इंदौर में पिछले कुछ दिनों से लगातार अपराधी घटनाओं में बढ़ोतरी होती जा रही है और कोई भी अपराधी, अपराध को अंजाम देने के बाद अपने घर ना जाकर बल्कि अपने किसी परिचित के घर जाकर छिप जाता है. लेकिन अब पुलिस ने इस चीज पर लगाम लगाने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया है. अब आगर आरोपी पुलिस से बचेगा और छिपने के लिए अपने किसी दोस्त के घर पर पनाह मांगेगा तो पुलिस पता कर लेगी. अब पुलिस ऐसे ही आरोपियों को चिन्हित कर उनकी गूगल लोकेशन ट्रैक करने के साथ ही उनके परिचितों के मोबाइल नंबर और उन्होंने 6 महीने में किन-किन लोगों से बात की इसकी पूरी सूची तैयार कर रही है. इसके साथ ही जिस पते पर आरोपी रहते हैं, उसे घर के आसपास की गूगल लोकेशन के साथ ही उनके किन लोगों के वहां पर आना-जाना है, इसकी भी गूगल लोकेशन का पता निकला जा रहा है.
पुलिस ने क्यों उठाया ऐसा कदम: यह सब कुछ पुलिस इसलिए कर रही है क्योंकि कोई भी अपराधी यदि किसी वारदात को अंजाम देता है तो उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके. इसके चलते जोन एक के डीसीपी आदित्य मिश्रा के द्वारा पूरी गूगल ट्रैकिंग की जा रही है और तकरीबन शुरुआती तौर पर 600 घरों को पुलिस के द्वारा ट्रैक कर लिया गया है, जिसमें शुरुआती तौर पर चाकू बाजी की घटना को अंजाम देने के साथ ही आदतन अपराधियों को शामिल किया गया है. इसी के साथ सीनियर सिटीजनों की भी डाटा एंट्री इस एप्लीकेशन में डाउनलोड की जा चुकी है, साथ ही जिओ ट्रैकिंग का जो डाटा पुलिस के द्वारा तैयार किया जा रहा है. वह इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि यदि किसी भी पुलिस अधिकारी का ट्रांसफर हो जाए तो उसे वापस से किसी भी अपराधी को पकड़ने के लिए कोई ज्यादा कशमकश ना करना पड़े. वह गूगल ट्रैकिंग के माध्यम से उस आरोपी के बारे में पूर्ण जानकारी निकालकर उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सके, साथ ही इस दौरान विभिन्न थाना क्षेत्र की गूगल मेपिंग भी की जा रही है और जहां पर अति संवेदनशील क्षेत्र है और वहां पर किन अवसरों पर पुलिस का बल लगेगा, इसके बारे में भी जानकारी इस ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से दी जा रही है.