इंदौर। उज्जैन के पीएफ घोटाले की तरह ही इंदौर कोषालय में 1 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. यहां कोषालय में पदस्थ क्लर्क मिलाप चौहान ने वेतन के लिए दी जाने वाली राशि में से 1 करोड़ से अधिक राशि अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिए. लिहाजा गबन के आरोपी के खिलाफ अब मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
कलेक्टर ने तत्काल किया निलंबितः इंदौर जिला प्रशासन को भोपाल कोषालय से मिली एक सूची के जरिए पता चला था कि जो राशि बीते 3 सालों से इंदौर कोषालय को प्राकृतिक आपदा समेत कोविड राहत एवं अन्य मामलों में प्राप्त हो रही है. उसे चालाकी से क्लर्क मिलाप चौहान ने अपनी पत्नी और अपने खाते में ट्रांसफर कर दिया है. इस मामले में कलेक्टर इलैयाराजा टी ने जब पड़ताल की, तो पता चला कि कर्मचारी मिलाप चौहान ने 1 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का गबन शासकीय कोषालय की राशि में किया है. लिहाजा कलेक्टर ने तत्काल क्लर्क को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं.
अपर कलेक्ट के अधीन जांच समिति: मामले में यह भी पता चला है कि कोषालय की तकनीकी का उपयोग करते हुए गबन के लिए बाकायदा साजिश को अंजाम दिया गया है. लिहाजा अपर कलेक्टर राजेश राठौर के अधीन एक जांच समिति भी बनाई गई है, जो पूरी गबन की प्लानिंग का तकनीकी अध्ययन कर इस मामले की रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने कहा "ऐसे आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. उसके खिलाफ शासन स्तर पर भी कठोर कार्रवाई होगी."
एक करोड़ से ज्यादा की राशि का घोटालाः गौरतलब है कि राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं में जो राशि शासन की ओर से प्रदान की जाती है. वह कोषालय में जमा की जाती है एवं कोषालय के माध्यम से ही संबंधित विभाग एवं हितग्राही के खाते में ट्रांसफर की जाती है. इसके लिए बाकायदा पासवर्ड एवं राशि को ट्रांसफर करने की पूरी ऑनलाइन व्यवस्था कोषालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के पास होती है. संभवत इसी बात का फायदा उठाते हुए क्लर्क मिलाप चौहान ने इस पूरे गबन को अंजाम दिया है. बताया जा रहा है कि इस गबन में एक करोड़ से ज्यादा की राशि का घोटाला है, जो कुछ खातों में ट्रांसफर की गई है. इसमें से एक खाता मिलाप चौहान की पत्नी का है, जबकि दूसरा उसी का है. इसमें बीते 3 सालों के दरमियान एक करोड़ से ज्यादा की राशि अलग-अलग समय में ट्रांसफर की गई है.