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Indore News: SBI पर 2 हजार रुपये जुर्माना ठोका, पर्ची से डिपॉजिट क्यों नहीं किया, बैंक कर्मियों को नसीहत भी दी

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया पर जमा पर्ची से राशि जमा नहीं करने पर ₹2 हजार का जुर्माना किया गया है. इसके साथ ही इंदौर के जिला उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग की इंदौर खंडपीठ ने बैंक कर्मियों को अपना व्यवहार सुधारने की भी नसीहत दी है.

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Published : Aug 19, 2023, 12:23 PM IST

SBI fined Rs two thousand
SBI पर 2 हजार रुपये जुर्माना टोका, पर्ची से डिपॉजिट क्यों नहीं किया

इंदौर/धार। सरकारी बैंकों द्वारा ग्राहकों को परेशान करने के मामले अक्सर सामने आते हैं. ताजा मामले के अनुसार ग्राहक चंचल गुप्ता एक अक्टूबर 2019 को भारतीय स्टेट बैंक की पत्रकार कॉलोनी शाखा में मौजूद अपने खाते में राशि जमा करने के लिए पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने टोकन लिया और करीब 20 मिनट तक लाइन में लगने के बाद नंबर आया. जब कैश काउंटर पर राशि जमा करने के लिए स्लिप दी तो काउंटर पर मौजूद बैंककर्मी ने नगद राशि लेने से मना करते हुए कहा कि मशीन के माध्यम से ही राशि जमा करवाना होगी.

ये है मामला : बैंक कर्मी से गुप्ता ने अपना एटीएम कार्ड पास मौजूद नहीं होने का हवाला देकर स्लिप के माध्यम से राशि जमा करना चाही. लेकिन बैंककर्मियों ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि कार्ड के माध्यम से ही राशि जमा करवाना होगी. शाखा के बाहर मशीन से बिना कार्ड के राशि जमा करवाने पर 25 रुपए शुल्क लिया जा रहा है. लेकिन मशीन में तकनीकी कारणों से रुपए जमा नहीं हुए. जब ग्राहक ने दोबारा बैंक में आकर नगद राशि जमा करने के लिए कहा तो बैंककर्मी ने अभद्रता की.

बैंक में अभद्र व्यवहार : इस पर परिवादी ने नेशनल कंज्युमर हेल्पलाइन में शिकायत की. साथ ही जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की इंदौर खंडपीठ में वाद प्रस्तुत किया. उक्त वाद पर आयोग ने ग्राहक चंचल गुप्ता के पक्ष में फैसला सुनाया. यह भी स्पष्ट किया कि मशीन द्वारा नगद राशि जमा करवाना लोगों में जागरूकता लाने के लिए है. लेकिन किसी भी ग्राहक को इसके लिए विवश नहीं किया जा सकता. साथ ही कहा कि किसी भी ग्राहक को उचित सेवाएं न देते हुए अभद्रतापूर्ण व्यवहार बैंक कर्मचारियों द्वारा किया गया. आयोग ने बैँक के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के तहत 2 हजार रुपए का जुर्माना और प्रकरण व्यय एक हजार रुपए देने के आदेश दिए. खास बात यह है कि मामले में शिकायतकर्ता ने खुद अपनी पैरवी की.

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पूर्व विधायक बालमुकुंद को जमानत मिली : धार जिले में जानलेवा हमले के मामले में 7-7 साल की दोहरी सजा से दंडित पूर्व विधायक व कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम व दो अन्य को एक-एक लाख रुपये की जमानत राशि पर जबलपुर हाई कोर्ट ने रिहा करने का आदेश जारी किया है. उक्त प्रकरण में एमपी एमएलए कोर्ट ने 24 जुलाई को सजा सुनाई थी, जिसके बाद बालमुकुंद सिंह गौतम उनके भाई जिला पंचायत सदस्य मनोज गौतम, कांग्रेस नेता राजेश पटेल, पंकज गौतम, पम्मु गौतम व राकेश गौतम जेल में बंद हैं. जमानत आदेश जारी होने के बाद बालमुकुंद गौतम उनके भाई पम्मु गौतम व भतीजे पंकज गौतम रिहा होंगे.

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