इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े नगरीय निकाय इंदौर में जहां साल भर पहले गठित की गई निगम परिषद ने कई विकास कार्य किए हैं, इसके बावजूद शहर के लोग दूषित पानी और बारिश में जलजमाव की समस्या से अभी भी जूझ रहे हैं. शनिवार को इन तमाम विषयों को लेकर इंदौर नगर निगम के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने अपने वार्षिक कामकाज का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. नगर निगम में यह पहला मौका है जब खुद महापौर ने परिषद में 1 साल में क्या किया यह आगे रहकर बताया हो. दरअसल साल भर पहले आज के ही दिन नगर निगम परिषद गठित हुई थी. उस दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने साल भर के लिए विकास आधारित कार्यों की जो प्राथमिकताएं निर्धारित की थी. इन में से अधिकांश कार्यों के पूरा करने के दावे उन्होंने रिपोर्ट कार्ड में किए हैं.
ये है निगम का रिपोर्ट कार्डः महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक शहर में साल भर में करीब 300 किलोमीटर पाइप डालने की लक्ष्य रखा है, जिसके फलस्वरूप शहर में अधिकांश स्थानों पर खुदा हुआ नजर आ रहा है. लेकिन कुछ दिनों बाद शहर की रंगत बदल जाएगी. उन्होंने बताया प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रोज 11 आवास परिवारों को मकान दिए गए, जबकि 200 से ज्यादा एलईडी लाइट हर दिन लगाई जा रही है. इसी प्रकार 17 युवाओं को प्रतिदिन कौशल विकास की ट्रेनिंग दी गई, जबकि हर 2 दिन में 15 युवाओं को अलग-अलग रोजगार दिए.
वहीं, महापौर ने बताया कि मोतियाबिंद निवारण योजना के तहत हर 2 दिन में करीब 17 लोगों का आंखों का उपचार किया गया. वहीं, हर तीसरे दिन में स्कूलों में बच्चों के लिए एक क्लास रूम विकसित किया गया. लिहाजा साल भर में 128 नए क्लास रूम तैयार हुए, जबकि इसी अनुपात में ड्रेनेज लाइन भी डाली गई. 4 दिन में संजीवनी क्लीनिक और 4 दिन में ही 11 अहिल्या वन का निर्माण किया गया. इसके अलावा साल भर में 5500 मासिक पास युवाओं को बस यात्रा के लिए जारी किए गए, जबकि प्रति 7 दिन के अंदर 100 घरों के नक्शे ऑनलाइन जारी किए गए. इसी प्रकार शहर में 6 मॉडल स्कूल तैयार किए जा रहे हैं. वहीं, करीब 70 किलोमीटर क्षेत्र में साल भर में ड्रेनेज लाइन डाली जा चुकी है. इसी प्रकार नए पुल फाग अर्जुन चौराहों का सौंदर्यीकरण अवैध कॉलोनियों को वैध करने और शहर के मास्टर प्लान पर काम किया गया.
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शहर के लिए दूषित पानी अभी भी बड़ी चुनौतीः इंदौर में नर्मदा योजना के तहत पानी आपूर्ति होती है, लेकिन शहर की अधिकांश जलापूर्ति की लाइनें लीकेज अथवा ड्रेनेज के संपर्क में होने के कारण शहर कई सालों से दूषित पानी की समस्या झेल रहा है. इसके अलावा बारिश के दिनों में पानी की निकासी नहीं होने के कारण जल जमाव की समस्या भी इंदौर में विकराल है. हालांकि अब नगर निगम इस दिशा में फोकस करके नए सिरे से व्यवस्थाओं में जुटा है.