इंदौर। 'आप संयोजक को प्रवर्तन निदेशालय का समन मिलना 'काफी स्वाभाविक' है', ये बयान बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने दिया है. साथ ही उन्होंने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप भी लगाया. बता दें, ईडी ने अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में मामले में 2 नवंबर को समन जारी करते हुए, पूछताछ के लिए बुलाया है. ये पहली बार है कि अरविंद केजरीवाल को इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
पूरा मामला शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने को लेकर जुड़ा है. इसमें आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के बीच उत्पाद शुल्क नीति में गुटबाजी को अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया. इसके लिए रिश्वत देने का आरोप भी है. वहीं, आप पार्टी ने इस मामले में सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि इस बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया. वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस मामले में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच सिफारिश की थी. जिसके बाद प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने मामला दर्ज कर लिया था.
इधर, बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने मामले में प्रेस से बात करते हुए कहा कि जिस तरह का भ्रष्टाचार उन्होंने किया है, और जिस तरह से उन्होंने अपने ही सहयोगी मनीष सिसोदिया को फंसाया है, दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए ईडी का समन मिलना स्वाभाविक है.
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केजरीवाल को बताया साजिशकर्ता: बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने केजरीवाल को साजिशकर्ता बताते हुए कहा, ऐसा व्यक्ति कभी भी अपने कामों से नहीं बच सकता. इस मामले में उनके खिलाफ बहुत सारे सबूत मिल रहे हैं. इसके कारण उनको तलब किया गया है.
पीएम मोदी एक प्रभावी नेता हैं: इधर, राज्य में चल रहे विधानसभा चुनाव को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी एक प्रभावी नेता हैं. वह जहां भी जाते हैं, जनता पर प्रभाव छोड़ते हैं."
प्रियंका को लोग देखने आते हैं, सुनने नहीं: इधर, उन्होंने प्रियंका गांधी के जनता में प्रभाव को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि लोग उन्हें देखने आते हैं. उनकी बात नहीं सुनते. बता दें, कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश चुनाव में इंदौर-1 विधानसभा चुनाव से उम्मीदवार हैं. उन्होंने पार्टी में चल रही बगावत पर कहा कि पार्टी ने उन 90 प्रतिशत नेताओं से बाद की है, जो पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ इलाके में पार्टी से नाराज थे और जिन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने भरोसा जताया कि ये नेता अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे.