इंदौर। देश के दिल मध्यप्रदेश में बारिश से कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है. पिछले कुछ दिनों से इंदौर समेत भोपाल,नर्मदापुरम, चंबल, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग के जिलों में बारिश का दौर जारी है. कई इलाके तेज बारिश की वजह से जलमग्न हैं. जहां देखो सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है.
लगातार बारिश से मालवा निमाड़ तरबतर: चक्रवाती बादलों का समूह इस समय पूर्वी मध्य प्रदेश से होते हुए पश्चिम मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में सक्रिय है. यही वजह है कि मौसम विभाग ने इंदौर समेत भोपाल, नर्मदापुरम, चम्बल, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, जबलपुर, सागर एवं शहडोल संभागों के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई थी. इसके चलते इंदौर समेत मालवा निमाड़ के विभिन्न जिलों में बीते दो दिनों से बारिश का दौर जारी है. इस बारिश से जहां सोयाबीन समेत अन्य मौसमी फसलों को जीवन दान मिला है.
बारिश से कई जिलों में जल जमाव और निचले इलाकों में पानी भर गया है. इसके कारण बचाव और राहत कार्य शुरू किए गए हैं. इंदौर जिले में ही बीते 2 दिन में बादल करीब 8 इंच तक बरस चुके हैं. जिले में अब तक 39 इंच बारिश हो चुकी है. लगातार बारिश से शहर के सभी तालाब लबालब हो चुके हैं. यशवंत सागर डैम में भी भरपूर पानी आने के कारण डैम के गेट खोलने पड़े हैं.
इधर शहर के कई निचली बस्तियों में पानी भर गया है. महू के चोरल के पास उतेडिया गांव में पुलिया पर करते हुए एक कार पानी में बह गई. एक मिनी बस पानी में डूबने की खबर भी सामने आई है. अगले 24 घंटे में भी मौसम विभाग की ओर से बारिश का रेड अलर्ट जारी होने के कारण लिहाजा नगर निगम को राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने पड़े हैं. शहर के इंदौर जिला कलेक्टर ने इस स्थिति के कल ही स्कूलों का अवकाश घोषित कर दिया था. आज शहर में जिन इलाकों में पानी भर गया है वहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. उसके अलावा इंदौर समेत आसपास के नागरिकों से घर पर ही सुरक्षित रहने की अपील जारी की गई है. नदी, नालों, रपटों के ऊपर से पानी बहने के दौरान वाहन निकाले जाने की सूचना प्राप्त होने पर दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
फिलहाल इंदौर बुरहानपुर ठीकरी मार्ग बंद कर दिया गया है. नर्मदा नदी के मोटर का पुल पर नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इधर रतलाम के दाहोद क्षेत्र के बीच ट्रैक पर चट्टान गिरने की वजह से ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया. इसके कारण दिल्ली - मुंबई रेल रूट बाधित हुआ है. इस रूट से जाने वाली ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशन पर रोका गया है. यही स्थिति इंदौर एयरपोर्ट पर भी है. यहां विजिबिलिटी प्रभावित होने के कारण का कल एक फ्लाइट को लैंडिंग के लिए कुछ देर इंतजार करना पड़ा.
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महू में भी बारिश का दौर जारी: शुक्रवार सुबह से ही महू इलाके में लगातार तेज बारिश का दौर जारी है. तेज बारिश के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में बहने वाली नदी में अचानक देर उतेडिया इलाके में बहाव बढ़ गया. सिमरोल थाना क्षेत्र के उतेडिया गांव के समीप बहने वाली चोरल नदी की पुलिया पर भी अचानक पानी बढ़ने के चलते नदी पार कर रही थार गाड़ी पानी में बह गई.
पूर्व मंत्री रंजना बघेल के बेटे का किया रेस्क्यू: पुलिस के अनुसार घटना देर रात की है. जब पूर्व मंत्री रंजना बघेल के पुत्र यशवर्धन भाई तेजस सहित अन्य युवक कालाकुंड स्थित अपने फार्म हाउस से लौट रहे थे. इस दौरान उतेडिया पुलिया पर अचानक तेज पानी आ गया. गाड़ी बह गई.
तीनों युवक गाड़ी से बाहर निकले और झाड़ियां में फंस गए. सूचना लगते ही सिमरोल पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कार्य शुरू किया. वहीं पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद तीनों युवकों को सकुशल निकाला गया. मौके पर सिमरोल थाना प्रभारी मंसाराम वगेन,पुलिस जवान जितेंद्र,मदन सहित कई पुलिस जवान मौके पर मौजूद रहे.
छिंदवाड़ा में मचापुरा बांध के 8 गेट खोले: दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते छिंदवाड़ा में सभी नदी नाले उफान पर हैं. इसकी वजह से जिले का सबसे बड़ा बन माता गोरा पूरी तरीके से भर गया है. सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने मचापुरा बांध के सभी 8 गेट खोल दिए हैं. निचले इलाकों के लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है,
जुन्नारदेव, परासिया और तामिया में गुरुवार रात को हुई तेज बारिश से पेंच नदी उफान पर रही. इसका सीधा असर माचागोरा बांध पर दिखाई दिया. कुल 625.75 जलस्तर क्षमता वाले बांध का लेवल शुक्रवार दोपहर तक बढ़कर 625.65 मीटर तक पहुंच गया. यानी कुल क्षमता से डेम महज 10 सेंटीमीटर भरना ही शेष रह गया था.
ऐसे में माचागोरा बांध के सभी आठ गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा. डेम में पानी की आवक करीब 4 हजार क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बनी हुई है. जबकि, आठ गेट को 2.65 तक खोलकर करीब साढ़े तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. कुल 577 एमसीएम ग्रास वाटर स्टोरेज क्षमता वाले बांध में फिलहाल 572 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी स्टोर हो चुका है. यानी कुल केपेसिटी से महज 5 एमसीएम पानी शेष रह गया है.
ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा: बैतूल बांध से पानी छोड़े जाने और लगातार हो रही बारिश से ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर उपर बह रही है. जलस्तर बढ़ने से पिपलघाट, राजघाट, सतियारा घाट सहित अन्य घाट जलमग्न हो गए हैं. इससे बाढ़ का पानी निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों के घरों में घुस गया.
जिला प्रशासन ने होमगार्ड, पुलिस जवान, नगर निगम उमले सहित राजस्व विभाग के टीम को मौके पर भेजा है. निचली बस्तियों से लोगों के घरों को खाली कराकर राहत शिविरों में शिफ्ट कराया गया. हतनुर पुल भी डूब गया है, पुलिया के दोनों साइड होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गई है. निचली बस्तियों को खाली कराया गया है, यहां रहने वाले लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया है. जिला प्रशासन ने लोगों से बाढ़ से दूरी बनाए रखने की अपील की है. कलेक्टर भव्या मित्तल ने अतिवृष्टि के कारण के चलते आदेश जारी करते हुए सभी बोर्ड मान्यता प्राप्त शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों का अवकाश घोषित किया है. साथ ही विद्यालय में पहले चरण की त्रैमासिक परीक्षा यथावत रखने और दूसरे चरण की परीक्षाएं स्थगित कराई है.
नर्मदापुरम में नर्मदा उफान पर: जिले में पिछले 24 घंटे से हो रही तेज बारिश के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश के चलते तवा नदी का जल स्तर में बढ़ोतरी हुई. इसके बाद तवा के बांध के 9 गेटों को 10 फिट खोलकर 150858 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है. सेठानी घाट का जलस्तर भी बड़ा है. यहां सेठानी घाट का जलस्तर 963 फिट खतरे के निशान तक पहुंच चुका है. वहीं जिले में कई क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते गांवों में पानी भरा गया. ऐसे ही तहसील के सिवनी मालवा क्षेत्र के ग्राम बिसौनी में आठ लोग एक टापू पर फंस गए. जिला प्रशासन के अनुसार ग्राम बिसोनी में गांव के आठ लोगों के फसे होने की सूचना मिली है. साथ ही टापू पर जानवरों के फंसे होने की भी सूचना जिला आपदा प्रबंधन को मिली थी ,जिसके बाद सभी का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है.
उज्जैन में शिप्रा का बढ़ा जलस्तर: उज्जैन मध्य प्रदेश में पिछले 15 घंटे से लगातार हो रही बारिश के बाद शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके कारण शिप्रा नदी के आसपास निचली बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए अब रहना दुश्वार हो गया है. प्रशासन ने उन्हें वहां से खाली कर दूसरी एक शिफ्ट कर दिया है. वहीं जहां जल भराव की स्थिति बनी है. वहां मकान डूबना शुरू हो गए है. शिप्रा नदी के पास में छोटा पुल से बड़नगर और उज्जैन को जोड़ने वाले पुल डूबने के बाद स्थित जितनी भी धर्मशालाएं हैं, वहां सब 6 फीट डूब चुकी हैं. इसके बाद लगातार जल स्तर बढ़ रहा है. वहीं शहर में भी जल भराव की स्थिति बनी हुई है.
शहर में बाढ़ नियंत्रण कक्ष का नंबर 0734 2513512 वर्तमान में संचालित है. नियंत्रण कक्ष में भूपेंद्र सूर्यवंशी कार्यरत है. बाढ़ से सम्बंधित आपदा की सूचना इन्हें दी जा सकती है. यह जानकारी एस डी एम कृतिका भीमावद द्वारा दी गई. भूपेन्द्र सूर्यवंशी से मोबाइल नंबर 982752717 पर भी संपर्क किया जा सकता है.