इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तक्षशिला परिसर में संचालित स्कूल ऑफ लॉ में बीते कुछ दिनों से छात्रों और विभागाध्यक्ष अर्चना रांका के बीच विवाद चल रहा था. छात्रों ने पूरे मामले की शिकायत कुलपति से की थी. बुधवार को काली पट्टी बांधकर 'छात्र परेशान, कुलपति क्यों शांत' के पोस्टर लहराए गए थे. इसके बाद कुलपति ने मामले में जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. लगातार किए जा रहे प्रदर्शन के चलते शुक्रवार को अर्चना रांका को विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. अब डॉ. विजय बाबू को स्कूल ऑफ लॉ का विभागाध्यक्ष बनाया गया है.
छात्रों ने लगाए थे गंभीर आरोपः स्कूल ऑफ लॉ की विभागाध्यक्ष अर्चना रांका और छात्रों के बीच स्पोर्ट्स डे पर विवाद शुरू हुआ था. इसके बाद छात्र लगातार विभाग के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. विभागाध्यक्ष अर्चना रांका पर छात्रों से अभद्र व्यवहार करना, उन्हें फेल करने की धमकी देना, उनकी बेटी द्वारा विभाग के कामों में दखलअंदाजी करना जैसे आरोप लगाए गए हैं. लगातार प्रदर्शनों के चलते अब अर्चना रांका को विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. विश्वविद्यालय की ओर से जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई करने की बात कही गई है.
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निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा: इस मामले में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय वर्मा ने बताया कि रांका पर कार्रवाई नहीं होने के चलते छात्र लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. इसके मद्देनजर निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए अर्चना रांका को विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह डॉ. विजय बाबू को स्कूल ऑफ लॉ का विभागाध्यक्ष बनाया गया है.