इंदौर। शहर को भिक्षुक रहित करने की कोशिश जारी है. इंदौर नगर निगम की टीम लगातार भिक्षुकों को पकड़कर उन्हें रैन बसेरा में छोड़ रही है. इसके बावजूद भी अभियान में कोई सफलता मिलती दिखाई नहीं दे रही है. त्यौहारों के चलते मंदिरों के बाहर भिक्षुकों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है, इनमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं. अब इंदौर नगर निगम भिक्षुकों को पुनर्वास केंद्र लाने के लिए पुलिस की मदद लेगी. जल्द ही मंदिरों के बाहर और चौराहों पर घूमने वाले बच्चों को पकड़कर रैन बसेरा छोड़ा जाएगा.
इंदौर में नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा भिक्षुक अभियान फिलहाल कमजोर होता नजर आ रहा है. तमाम कोशिशों के बाद भी शहर के विभिन्न मंदिरों के बाहर भिक्षुक नजर आ रहे हैं. भिक्षुक मुक्त अभियान के तहत इंदौर नगर निगम ने रैन बसेरा में स्थाई रूप से भिक्षुओं के लिए पुनर्वास केंद्र बनाया है. निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि धार्मिक आयोजन और सावन के महीने में अन्य जिलों और राज्य से भी भिक्षुक इंदौर का रुख करते हैं. हालांकि नगर निगम लगातार अपना काम कर रहा है.
सामाजिक कल्याण विभाग के भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में रेनोवेशन का काम चल रहा है. बारिश का समय है, ऐसे में फिलहाल इन सभी भिक्षुक को रैन बसेरों में शिफ्ट किया जा रहा है. जिनके परिजन भिक्षुकों को वापस लेने आ रहे हैं, उनके शपथ पत्र लेकर छोड़ा जा रहा है. नगर निगम की कोशिश है कि आने वाले समय में भिक्षुकों को सड़क पर देखा ना जा सके.
-प्रतिभा पाल, निगमायुक्त