इंदौर। कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी के बाद राज्यों में अध्यक्षों की नई नियुक्ति की संभावना से पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने इनकार किया है. मंगलवार इंदौर में पार्टी के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कहा मल्लिकार्जुन के पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए ऑफर आया था, लेकिन उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने तक राज्य में सक्रिय रहने की मंशा के कारण इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था. (indore new hoarding policy congress protest) कांग्रेस के बड़े नेता लगातार इस मामले में बयान दे रहे हैं कि एमपी में कांग्रेस में किसी किस्म के नेतृत्व परिवर्तन की बात नहीं है.
भारत जोड़ो यात्रा से एमपी में आएगा बदलाव: सज्जन वर्मा ने कहा किसी भी नए अध्यक्ष के आने के बाद कांग्रेस में ऐसा नहीं होता कि वह आते ही पूरे घर को बदल डाले क्योंकि कांग्रेस में एक संविधान के तहत कार्य संपन्न होते हैं. इसलिए उन्हें भी पार्टी के संविधान और रीति नीति के अनुसार कार्य करना होगा. वर्मा ने कहा जिस तरह से पार्टी में बदलाव हो रहे हैं उसी प्रकार राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद राज्य में भी बदलाव की स्थिति नजर आएगी. उन्होंने कहा 2023 में इसका सकारात्मक परिणाम नजर आएगा. एमपी कांग्रेस में बदलाव की चर्चा को यहीं से हवा मिली, जिस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब लगातार सफाई दे रहे हैं.
सज्जन वर्मा का बड़ा आरोप, MP में डैम बनाने वाली कंपनी में शिवराज के 3 कद्दावर मंत्रियों का पैसा
मंत्री सज्जन वर्मा का इंदौर दौरा: लंबे समय बाद शहर में लागू हुई नई होर्डिंग पॉलिसी के विरोध में कांग्रेस एकजुट नजर आई. कांग्रेस ने शहर के हर चौराहे पर इसके विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया और प्रदेश सरकार को व्यापारी विरोधी बताया है. पहली बार कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को अलग-अलग चौराहों पर जवाबदारी सौंपी थी और उसके साथ ही पिछले निगम चुनाव में हारे-जीते पार्षदों को भी अपने-अपने क्षेत्र में माहौल बनाने को कहा गया. इसी को लेकर सज्जन वर्मा भी इंदौर पहुंचे थे, जहां उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर ये सारी बातों की जानकारी दी.
MP Indore : दुकानों पर लगने वाले साइन बोर्ड पर ज्यादा टैक्स वसूली विवाद में अब बनने लगी सहमति
क्या है एमपी में नई होर्डिंग नीति: MP में किसी भी दुकान या व्यवसायिक संस्थान के प्रमोशन के लिए ₹11,800 के पंजीयन शुल्क के बाद 3 साल तक 3 फीट से कम ऊंचाई के बोर्ड लगाने की पात्रता है. इसके अलावा ऊंचाई बढ़ाने के साथ टैक्स की दर भी बढ़ेगी. इसके अलावा व्यावसायिक संस्थाओं कंपनियों के ब्रांड की टैक्स की दरें अलग हैं. फिलहाल इंदौर में ढाई सौ से ज्यादा व्यवसाई इस टैक्स के दायरे में हैं, जिनमें कई बड़े ब्रांड हैं. इसी का राज्य में विरोध हो रहा है और कांग्रेस के नेता इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए इंदौर पहुंचे थे.
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