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सफाई कर्मचारी को रिटायर करना भूला इंदौर नगर निगम, 6 महीने बाद होश आने पर वेतन वापस लेने के निर्देश

इंदौर नगर निगम एक महिला सफाई कर्मचारी को रिटायर करना ही भूल गया. 6 महीने के बाद जब अधिकारियों को होश आया, तो आनन-फानन में महिला कर्मचारी को सेवानिवृत्ति दे दी गई. अब नगर निगम महिला कर्मचारी का छह महीने का वेतन वापस लेने की बात कह रही है, जबकि उसने पूरी ड्यूटी की है.

Municipal Corporation forgot to retire female employees
महिला कर्मचारी को रिटायर करना भूला नगर निगम
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Published : Feb 8, 2020, 10:03 AM IST

Updated : Feb 8, 2020, 11:07 AM IST

इंदौर। सफाई कर्मचारियों के दम पर इंदौर नगर निगम पिछले तीन बार से नबंर वन बना हुआ है. अब इंदौर चौथी बार भी नबंर वन पर आने के लिए ताबड़तोड़ मेहनत कर रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर नगर निगम इतना मशगूल हो गया कि एक महिला कर्मचारी को रिटायर करना ही भूल गया. महिला रिटायरमेंट की उम्र होने के बाद भी काम करती रही. 6 महीने के बाद जब अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो आनन-फानन में महिला कर्मचारी को रिटायर कर दिया गया.

महिला कर्मचारी को रिटायर करना भूला नगर निगम

अब नगर निगम महिला कर्मचारी का छह महीने का वेतन वापस लेने की बात कह रही है. बता दें कि प्रेमबाई ग्यारसी शहर के जोन 2 में कार्यरत है. प्रेमबाई के मुताबिक पिछले दिनों निगम अधिकारी राजेश करोसिया ने उन्हें कॉल कर बताया कि उनका रिटायरमेंट छह महीने पहले हो चुका है और उन्हें काम पर आने से मना कर दिया. इतना ही नहीं उन्हें यह भी कहा गया कि छह महीने तक जो वेतन लिया है, उसे भी वापस करना होगा. प्रेमबाई ने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि उनका रिटायरमेंट जुलाई 2019 में था.

प्रेमबाई ग्यारसी का कहना है कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी और न ही निगम की तरफ से कोई सूचना मिली. अधिकारी राजेश करोसिया ने बिना कोई नोटिस दिए अचानक उन्हें काम पर आने से मना कर दिया और छह माह की सैलरी वसूलने की बात कह रहे हैं, जबकि गलती नगर निगम के अफसरों की है. कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका अधिकारियों के पास रहती है, कौन कब रिटायर हो रहा है, ये उनकी जिम्मेदारी है.

प्रेमबाई का कहना है कि मैंने छह माह तक पूरी मेहनत से काम किया है, इसलिए मैं वेतन वापस नहीं करूंगी. दूसरी तरफ स्वच्छता प्रभारी राजेश करोसिया ने इस गलती के लिए प्रभारी क्लर्क विजय भैरवे को जिम्मेदार मानते हुए उसका ट्रांसफर कर दिया है. इस मामले में प्रभारी निगमायुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने बताया कि मामले की जांच करवाई जाएगी.

इंदौर। सफाई कर्मचारियों के दम पर इंदौर नगर निगम पिछले तीन बार से नबंर वन बना हुआ है. अब इंदौर चौथी बार भी नबंर वन पर आने के लिए ताबड़तोड़ मेहनत कर रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर नगर निगम इतना मशगूल हो गया कि एक महिला कर्मचारी को रिटायर करना ही भूल गया. महिला रिटायरमेंट की उम्र होने के बाद भी काम करती रही. 6 महीने के बाद जब अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो आनन-फानन में महिला कर्मचारी को रिटायर कर दिया गया.

महिला कर्मचारी को रिटायर करना भूला नगर निगम

अब नगर निगम महिला कर्मचारी का छह महीने का वेतन वापस लेने की बात कह रही है. बता दें कि प्रेमबाई ग्यारसी शहर के जोन 2 में कार्यरत है. प्रेमबाई के मुताबिक पिछले दिनों निगम अधिकारी राजेश करोसिया ने उन्हें कॉल कर बताया कि उनका रिटायरमेंट छह महीने पहले हो चुका है और उन्हें काम पर आने से मना कर दिया. इतना ही नहीं उन्हें यह भी कहा गया कि छह महीने तक जो वेतन लिया है, उसे भी वापस करना होगा. प्रेमबाई ने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि उनका रिटायरमेंट जुलाई 2019 में था.

प्रेमबाई ग्यारसी का कहना है कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी और न ही निगम की तरफ से कोई सूचना मिली. अधिकारी राजेश करोसिया ने बिना कोई नोटिस दिए अचानक उन्हें काम पर आने से मना कर दिया और छह माह की सैलरी वसूलने की बात कह रहे हैं, जबकि गलती नगर निगम के अफसरों की है. कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका अधिकारियों के पास रहती है, कौन कब रिटायर हो रहा है, ये उनकी जिम्मेदारी है.

प्रेमबाई का कहना है कि मैंने छह माह तक पूरी मेहनत से काम किया है, इसलिए मैं वेतन वापस नहीं करूंगी. दूसरी तरफ स्वच्छता प्रभारी राजेश करोसिया ने इस गलती के लिए प्रभारी क्लर्क विजय भैरवे को जिम्मेदार मानते हुए उसका ट्रांसफर कर दिया है. इस मामले में प्रभारी निगमायुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने बताया कि मामले की जांच करवाई जाएगी.

Intro:स्वच्छता सर्वेक्षण में लगे इंदौर नगर निगम इतना मशगूल हो गया कि एक महिला कर्मचारी को रिटायर करना ही भूल गया। छह महीने बाद जब इसका खुलासा हुआ तो महिला को ताबड़तोड़ घर बैठा दिया और अब उससे छह महीने का वेतन वापस लेने की बात कही जा ही है। इससे महिला और उसके परिजन परेशान है क्योंकि छह महीने महिला ने काम किया है तो वेतन क्यों काटा जाए। Body:
जोन 2 में कार्यरत प्रेमबाई ग्यारसी को पिछले दिनो निगम अधिकारी राजेश करोसिया ने कॉल कर बताया कि उनका रिटायरमेंट छह महीने पहले हो चुका है और उन्हें काम पर आने से मना कर दिया। इतना ही नहीं उन्हें यह भी कहा गया कि छह महीने तक जो वेतन लिया है उसे भी वापस करना होगा। प्रेमबाई ने बताया अधिकारियों का कहना है कि उनका रियाटरमेंट जुलाई 2019 में था। इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी और न ही निगम की तरफ से कोई सूचना मिली। करोसिया ने बिना कोई नोटिस दिए अचानक उन्हें घर बैठने के लिए कह दिया और छह माह की सैलरी वसूलने की बात कह रहे हैं जबकि गलती नगर निगम के अफसरों की है। कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका अधिकारियों के पास रहती है, कौन कब रिटायर हो रहा है ये उनकी जिम्मेदारी है मैंने छह माह तक पूरी मेहनत से काम किया है इसलिए मैं पगार वापस नहीं करूंगी। दूसरी तरफ स्वच्छता प्रभारी राजेश करोसिया ने इस गलती के लिए प्रभारी क्लर्क विजय भैरवे को जिम्मेदार मानते हुए उसका ट्रांसफर कर दिया है। प्रभारी निगमायुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने बताया मामले की जांच करवाई जाएगी।
Conclusion:एस कृष्ण चैतन्य अपर आयुक्त नगर निगम इंदौर
Last Updated : Feb 8, 2020, 11:07 AM IST
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