इंदौर। देवास में पदस्थ खनिज विभाग के अधिकारी मोहन खतेडिया के घर पर सुबह से ही लोकायुक्त की टीम पहुंच गई. इंदौर के तुलसी नगर में उनके आलीशान बंगले पर लोकायुक्त की टीम ने छापा मारा. छापे में लोकायुक्त की टीम को विभिन्न जगहों पर संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं. तुलसी नगर स्थित बंगले के दस्तावेज मिले तो वहीं नायता मुंडला में कीमती प्लॉट की भी जानकारी लोकायुक्त की टीम को मिली. इसी के साथ उज्जैन और पीथमपुर में भी संपत्ति की जानकारी लगी है.
4 स्थानों पर छानबीन : खनिज अधिकारी के बारे में लोकायुक्त को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद लोकायुक्त ने एक टीम बनाई. टीम द्वारा अलसुबह ही जिला खनिज अधिकारी के इंदौर स्थित निवास पर दबिश दी गई. इस दौरान परिवार के सदस्य घर में सो रहे थे. लोकायुक्त की टीम जब दबिश देने पहुंची तो दूध बांटने वाले का कहकर घर के अंदर प्रवेश किया. उसके बाद परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी. लोकायुक्त ने खनिज अधिकारी के 4 ठिकानों पर दबिश दी है. विभिन्न जगहों पर कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.
रेडिमिक्स प्लांट बेटे के नाम : बताया जा रहा है कि पीथमपुर में रेडिमिक्स प्लांट के बारे में भी जानकारी लोकायुक्त की टीम को लगी है. जिसकी कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है. उसके दस्तावेज उसके बेटे के नाम पर दर्ज है. जांच में सोने-चांदी के जेवरात भी लोकायुक्त की टीम को मिले हैं. खनिज विभाग के अधिकारी के परिवार में उनकी पत्नी के साथ ही एक बेटा और बेटी है. दोनों की शादी हो चुकी है. तीन मंजिला आलीशान बंगले में वह अपने बेटे के साथ ही रहते हैं और वह मूल रूप से झाबुआ के रहने वाले हैं. इसी के साथ परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम विभिन्न बैंक अकाउंट भी लोकायुक्त टीम को मिले हैं. 8 से 10 बैंक अकाउंट मिलने की अभी तक पुष्टि हुई है.
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साल 1991 में खनिज विभाग में हुए तैनात : जांच में एक थार गाड़ी के अलावा अन्य दस्तावेज भी लोकायुक्त की टीम के हाथ लगे हैं. लोकायुक्त की टीम को खनिज विभाग के अधिकारी के पास तीन डंपर की भी जानकारी लगी है, जिसकी कीमत डेढ़ करोड़ के आसपास आंकी रही है. आने वाले दिनों में बैंक लॉकर को भी खोलने की बात कही जा रही है. ये खनिज विभाग के अधिकारी सन् 1991 में क्लास टू अधिकारी के रूप में खनिज विभाग में पदस्थ हुए थे. उसके बाद देवास, उज्जैन, धार में ही अपनी सेवाएं दीं और अब 2026 में वह रिटायरमेंट होने वाले हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार उनकी शिकायतें लोकायुक्त को मिल रही थीं. डीसीपी लोकायुक्त आनंद यादव का कहना है कि जांच जारी है.