इंदौर। दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत तमाम पड़ोसी राज्यों के वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की तरह ही अब मध्य प्रदेश में भी सभी गाड़ियों के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट जरूरी किया गया है. राज्य के परिवहन विभाग ने आज इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं, आदेश में स्पष्ट किया गया है कि "प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालय में बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के ना तो पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा, न ही नाम ट्रांसफर, फिटनेस या पता परिवर्तन हो सकेगा.
एमपी में लागू हुई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट: दरअसल देश भर में तमाम वाहनों को हाई सिक्योरिटी के दायरे में लाने के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन ट्रेड की व्यवस्था दी गई थी. बीते कुछ सालों पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लागू किया गया था, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के स्थान पर सामान्य नंबर प्लेट से ही काम चलाया जा रहा था. इसकी एक बड़ी वजह हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का आरटीओ कार्यालय से जारी नहीं हो पाना था, इसके अलावा हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं हो पा रही थी.
लिहाजा 2 साल पहले राज्य सरकार ने सामान्य नंबर प्लेट के जरिए ही वाहनों का पंजीयन और अन्य कार्यों की व्यवस्था दी थी, लेकिन अब जबकि देशभर में वाहनों की सुरक्षा के लिए बारकोड आधारित नंबर प्लेट अनिवार्य की जा रही है तो मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसे लागू करने का फैसला कर लिया है. इसकी शुरुआत राज्य में चलने वाले पुराने वाहनों से होने जा रही है, जिनका नए सिरे से रजिस्ट्रेशन, फिटनेस ट्रांसफर या अन्य किसी कार्य से संबंधित आरटीओ में होने वाले कार्यों के पहले संबंधित वहां में नंबर प्लेट देखी जाएगी. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी होने पर ही वहां के संबंध में विभागीय प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा, अन्यथा वाहन चालक को पहले हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की सलाह दे दी जाएगी.
इसलिए जरूरी है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट: फिलहाल वाहनों के रजिस्ट्रेशन के आधार पर संबंधित वहां की तमाम जानकारी मध्य प्रदेश परिवहन विभाग की वेबसाइट पर सर्च करने पर मिलती है, लेकिन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लगने से किसी भी वहां की नंबर प्लेट के जरिए तत्काल मोबाइल से स्कैन करके संबंधित गाड़ी के बारे में पता लगाया जा सकेगा. वहीं इससे न केवल लोगों को सुविधा होगी, बल्कि वाहनों पर तरह-तरह से लिखे नंबरों की मनमानी से भी मुक्ति मिल सकेगी. राज्य के परिवहन विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं, जिसे आरटीओ कार्यालय में तत्काल अमल में लाया जा रहा है.