इंदौर। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को ट्वीट मामले में इंदौर हाईकोर्ट (indore high court) ने राहत दी है. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस पर अमल करने पर रोक लगा दी है. वहीं इस पूरे मामले में कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कई तरह के जवाब तलब किए हैं.
बंगाल साइबर क्राइम ने जारी किया था नोटिस
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल साइबर क्राइम (West Bengal cyber crime) पुलिस ने एक नोटिस जारी किया गया था. इस नोटिस मेें कैलाश विजवर्गीय को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के फरमान दिए गए थे. इसके बाद इस पूरे मामले को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कोर्ट में याचिका पेश की थी. इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस पर फिलहाल रोक लगा दी है, वहीं इस पूरे मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से सवालों के जवाब भी मांगे हैं.
सुनवाई में विजवर्गीय ने दिया ये तर्क
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने यह भी तर्क रखे कि राजनीतिक दुर्भावना के चलते उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है बल्कि उस मामले में उनका किसी तरह का कोई लेना देना नहीं था.
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ट्वीट के आधार पर जारी किया था नोटिस
पिछले दिनों कैलाश विजवर्गीय (Kailash vijayvargiya) ने पश्चिम बंगाल को लेकर कथित रुप से विवादित ट्वीट कर दिया था. उसी ट्वीट को आधार बनाते हुए पश्चिम बंगाल साइबर क्राइम ने विजयवर्गीय को नोटिस जारी कर बयान देने को कहा था.
अब 6 हफ्ते बाद होगी मामले में सुनवाई
कोर्ट द्वारा स्टे लगाने के बाद अब मामले में अगली सुनवाई 6 हफ्ते के बाद होगी. आपको बता दें जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई वहीं कैलाश विजयवर्गीय की ओर से पैरवी वरिष्ठ एडवोकेट एस के व्यास ने की.