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Indore High Court : इंदौर हाई कोर्ट ने ADM पर ठोका 10 हजार रुपये जुर्माना, अधिकार क्षेत्र में ही निर्णय लेने की नसीहत - इंदौर हाई कोर्ट ने लगाया जुर्माना

इंदौर हाई कोर्ट ने एडीएम पर 10 हजार रुपये जुर्माना ठोका है. ये मामला वित्तीय संपत्तियों से संबंधित है. कोर्ट ने ये भी कहा कि और अधिक जुर्माना लगना चाहिए. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एडीएम को नसीहत देते हुए कहा कि अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करें. Indore HC Fined ADM

Indore High Court
इंदौर हाई कोर्ट ने ADM पर ठोका 10 हजार रुपये जुर्माना
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 30, 2023, 4:24 PM IST

इंदौर। इंदौर हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद धर्म अधिकारी और न्यायमूर्ति प्रणव वर्मा की पीठ ने इंदौर में एडीएम पर ₹10 हजार का जुर्माना लगाया है. साथ ही यह भी टिप्पणी की कि उनके कार्यों के कारण कोर्ट का समय बर्बाद हुआ है. जानबूझकर अपनी सुविधा के अनुसार कानून की व्याख्या करने पर इस अधिकारी पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए. कोर्ट ने नसीहत देते हुए कहा कि आगे से अपने अधिकार क्षेत्र में ही निर्णय लें. Indore HC Fined ADM

वसूली रोकने के लिए याचिका : इससे पहले 18 अक्टूबर के आदेश में कहा गया था कि इस अदालत का उपयोग अधिक दबाव वाले मामलों पर निर्णय लेने में किया जा सकता है. अदालत ऐसे मामले में निपट रही थी, जहां एक सुरक्षित ऋणदाता ने एडीएम की कार्रवाई के कारण अधिनियम के तहत वसूली की कार्रवाई रुकने की शिकायत की थी. जब मामले में इंदौर हाई कोर्ट ने अदालत को बताया कि जब सुरक्षित ऋणदाता ने अधिनियम की धारा 14 के तहत कब्जे के लिए एक आवेदन के साथ उनसे संपर्क किया तो एडीएम ने जवाब देने के लिए समय देकर अधिनियम के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया. Indore HC Fined ADM

एडीएम के कार्यों की आलोचना : न्यायालय ने एडीएम के कार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि जिला मजिस्ट्रेट के पास सरफेसी अधिनियम के तहत ऐसी न्यायिक शक्तियां नहीं हैं. न्यायालय ने यह भी कहा कि अदालत ने भी बार-बार दोहराया कि जहां तक सरफेसी अधिनियम की धारा 14 का संबंध है, डीएम एवं एडीएम की भूमिका मंत्री स्तरीय प्रकृति की है, ना कि निर्णय लेने की. पीठ ने यह कहा कि यह दूसरी बार है जब ऋणदाता को मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा. अदालत को बताया गया कि ऋणदाता के पक्ष में उच्च न्यायालय द्वारा परित पहले के आदेश की एडीएम कलेक्टर द्वारा अवहेलना की गई है. Indore HC Fined ADM

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कड़ी नसीहत दी : न्यायालय ने एडीएम को भविष्य में इस तरह के आचरण में शामिल न होने की चेतावनी दी. भविष्य में कम से कम अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट उच्च न्यायालय और सिर्फ न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का अक्षरशः पालन करेंगे और स्वयं आदेशों की व्याख्या करने का साहस नहीं करेंगे. पीठ ने सुरक्षित ऋण दाता को राहत देने के लिए आगे बढ़ी और एडीएम के 28 जून के आदेश को पलट दिया. एडीएम को मामले में नया आदेश जारी करने के आदेश भी कोर्ट ने दिए हैं. Indore HC Fined ADM

इंदौर। इंदौर हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद धर्म अधिकारी और न्यायमूर्ति प्रणव वर्मा की पीठ ने इंदौर में एडीएम पर ₹10 हजार का जुर्माना लगाया है. साथ ही यह भी टिप्पणी की कि उनके कार्यों के कारण कोर्ट का समय बर्बाद हुआ है. जानबूझकर अपनी सुविधा के अनुसार कानून की व्याख्या करने पर इस अधिकारी पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए. कोर्ट ने नसीहत देते हुए कहा कि आगे से अपने अधिकार क्षेत्र में ही निर्णय लें. Indore HC Fined ADM

वसूली रोकने के लिए याचिका : इससे पहले 18 अक्टूबर के आदेश में कहा गया था कि इस अदालत का उपयोग अधिक दबाव वाले मामलों पर निर्णय लेने में किया जा सकता है. अदालत ऐसे मामले में निपट रही थी, जहां एक सुरक्षित ऋणदाता ने एडीएम की कार्रवाई के कारण अधिनियम के तहत वसूली की कार्रवाई रुकने की शिकायत की थी. जब मामले में इंदौर हाई कोर्ट ने अदालत को बताया कि जब सुरक्षित ऋणदाता ने अधिनियम की धारा 14 के तहत कब्जे के लिए एक आवेदन के साथ उनसे संपर्क किया तो एडीएम ने जवाब देने के लिए समय देकर अधिनियम के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया. Indore HC Fined ADM

एडीएम के कार्यों की आलोचना : न्यायालय ने एडीएम के कार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि जिला मजिस्ट्रेट के पास सरफेसी अधिनियम के तहत ऐसी न्यायिक शक्तियां नहीं हैं. न्यायालय ने यह भी कहा कि अदालत ने भी बार-बार दोहराया कि जहां तक सरफेसी अधिनियम की धारा 14 का संबंध है, डीएम एवं एडीएम की भूमिका मंत्री स्तरीय प्रकृति की है, ना कि निर्णय लेने की. पीठ ने यह कहा कि यह दूसरी बार है जब ऋणदाता को मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा. अदालत को बताया गया कि ऋणदाता के पक्ष में उच्च न्यायालय द्वारा परित पहले के आदेश की एडीएम कलेक्टर द्वारा अवहेलना की गई है. Indore HC Fined ADM

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