इंदौर। जिला प्रशासन ने इंदौर में एक राशन घोटाले का खुलासा किया था और इस पूरे घोटाले में जो भी आरोपी थे, उन आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाते हुए कई आरोपियों को पुलिस के हवाले किया था. वहीं कई आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं, इसी कड़ी में एक आरोपी ने इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए और विभिन्न पक्षों से सहमत होते हुए आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी.
महिला आरोपी चंद्रिका पुरोहित को राहत
राशन घोटाले से संबंधित एक महिला आरोपी चंद्रिका पुरोहित के द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की थी,जिस पर इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई, सुनवाई होने के बाद आरोपी महिला के वकील के विभिन्न तरह के तर्कों से सहमत होते हुए इंदौर हाईकोर्ट ने महिला को अग्रिम जमानत दे दी है. वहीं महिला की ओर से एडवोकेट जितेंद्र रोहित ने विभिन्न तरह के तर्क इंदौर हाईकोर्ट के समक्ष रखें कि जिस समय की यह घटना है, उस समय महिला पुणे में थी और वहां की स्थाई निवासी है, इसी के साथ एडवोकेट ने यह भी तर्क रखा कि जिस समय यह पूरा घटनाक्रम हुआ, वहां पर कड़ा लॉकडाउन था और महिला वहीं अपनी किडनी का इलाज करवा रही थीं, जिसके बाद एडवोकेट जितेंद्र पुरोहित के तर्कों से सहमत होते हुए जस्टिस विवेक रूसिया ने महिला को अग्रिम जमानत दे दी. वहीं एडवोकेट जितेंद्र पुरोहित के तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने कहा कि महिला को केवल सोसायटी के उपाध्यक्ष होने के नाते आरोपी बनाया गया है, राशन दुकान पर महिला के दैनिक क्रियाकलाप के बारे में रिकॉर्ड में कुछ नहीं है, जिससे उसे अपराध के प्रति उत्तरदाई माना जा सके. इसलिये अग्रिम जमानत दी जाती है.
करोड़ों रुपये का था राशन घोटाला
पिछले साल कोरोना काल के बाद जिला प्रशासन ने करोड़ों रुपए के राशन घोटाले का खुलासा किया था और इस पूरे घोटाले में कई आरोपियों के खिलाफ इंदौर के विभिन्न थानों में प्रकरण भी दर्ज करवाए थे. वहीं कुछ आरोपियों को तो जिला प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, तो वहीं कई आरोपी पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए फरार हो गए थे, और कई आरोपी लगातार अग्रिम जमानत के लिए प्रयास कर रहे थे, इसी कड़ी में आरोपी चंद्रिका पुरोहित ने भी इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पेश की और कोर्ट ने आरोपी पक्ष के वकीलों के विभिन्न तर्कों से सहमत होते हुए अग्रिम जमानत दे दी
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फिलहाल इंदौर हाईकोर्ट ने एडवोकेट के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को अग्रिम जमानत तो दे दी है लेकिन इंदौर में जिस तरह से राशन घोटाला सामने आया था, तो उससे संबंधित जितने भी दस्तावेज हैं, उसे पुलिस को सौंपने होंगे, वहीं अपने बयान भी दर्ज करवाने के लिए इंदौर आना होगा, फिलहाल अब देखना होगा कि महिला कब तक इंदौर आकर अपने बयान पुलिस के सामने दर्ज करवाती है.
राशन घोटाले की महिला आरोपी को राहत, इंदौर हाईकोर्ट ने दी अग्रिम जमानत, लंबी बहस के बाद अदालत ने सुनाया फैसला
इंदौर जिला प्रशासन ने राशन घोटाले का खुलासा किया था. जिसमें महिला आरोपी को इंदौर हाईकोर्ट ने राहत दी है. हाईकोर्ट ने महिला की अग्रिम जमानत को मंजूर कर लिया है.
इंदौर। जिला प्रशासन ने इंदौर में एक राशन घोटाले का खुलासा किया था और इस पूरे घोटाले में जो भी आरोपी थे, उन आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाते हुए कई आरोपियों को पुलिस के हवाले किया था. वहीं कई आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं, इसी कड़ी में एक आरोपी ने इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए और विभिन्न पक्षों से सहमत होते हुए आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी.
महिला आरोपी चंद्रिका पुरोहित को राहत
राशन घोटाले से संबंधित एक महिला आरोपी चंद्रिका पुरोहित के द्वारा इंदौर हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की थी,जिस पर इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई, सुनवाई होने के बाद आरोपी महिला के वकील के विभिन्न तरह के तर्कों से सहमत होते हुए इंदौर हाईकोर्ट ने महिला को अग्रिम जमानत दे दी है. वहीं महिला की ओर से एडवोकेट जितेंद्र रोहित ने विभिन्न तरह के तर्क इंदौर हाईकोर्ट के समक्ष रखें कि जिस समय की यह घटना है, उस समय महिला पुणे में थी और वहां की स्थाई निवासी है, इसी के साथ एडवोकेट ने यह भी तर्क रखा कि जिस समय यह पूरा घटनाक्रम हुआ, वहां पर कड़ा लॉकडाउन था और महिला वहीं अपनी किडनी का इलाज करवा रही थीं, जिसके बाद एडवोकेट जितेंद्र पुरोहित के तर्कों से सहमत होते हुए जस्टिस विवेक रूसिया ने महिला को अग्रिम जमानत दे दी. वहीं एडवोकेट जितेंद्र पुरोहित के तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने कहा कि महिला को केवल सोसायटी के उपाध्यक्ष होने के नाते आरोपी बनाया गया है, राशन दुकान पर महिला के दैनिक क्रियाकलाप के बारे में रिकॉर्ड में कुछ नहीं है, जिससे उसे अपराध के प्रति उत्तरदाई माना जा सके. इसलिये अग्रिम जमानत दी जाती है.
करोड़ों रुपये का था राशन घोटाला
पिछले साल कोरोना काल के बाद जिला प्रशासन ने करोड़ों रुपए के राशन घोटाले का खुलासा किया था और इस पूरे घोटाले में कई आरोपियों के खिलाफ इंदौर के विभिन्न थानों में प्रकरण भी दर्ज करवाए थे. वहीं कुछ आरोपियों को तो जिला प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, तो वहीं कई आरोपी पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए फरार हो गए थे, और कई आरोपी लगातार अग्रिम जमानत के लिए प्रयास कर रहे थे, इसी कड़ी में आरोपी चंद्रिका पुरोहित ने भी इंदौर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पेश की और कोर्ट ने आरोपी पक्ष के वकीलों के विभिन्न तर्कों से सहमत होते हुए अग्रिम जमानत दे दी
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फिलहाल इंदौर हाईकोर्ट ने एडवोकेट के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को अग्रिम जमानत तो दे दी है लेकिन इंदौर में जिस तरह से राशन घोटाला सामने आया था, तो उससे संबंधित जितने भी दस्तावेज हैं, उसे पुलिस को सौंपने होंगे, वहीं अपने बयान भी दर्ज करवाने के लिए इंदौर आना होगा, फिलहाल अब देखना होगा कि महिला कब तक इंदौर आकर अपने बयान पुलिस के सामने दर्ज करवाती है.