इंदौर। कभी आपने गोल्ड वर्क वाली कुल्फी सुनी है, या कभी आपने इसका स्वाद चखा है, अगर नहीं तो इसके लिए आपको इंदौर आना होगा. देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को खाने के शौकीन लोगों के नाम से भी जाना जाता है. खानपान के कई ठिकाने हैं, लेकिन यहां का सर्राफा देशभर में इकलौता ऐसा स्थान है जहां रात में खानपान की चौपाटी गुलजार होती है(Indore gold man serve gold kulfi). इन दिनों सराफा चौपाटी में एक खास तरह की कुल्फी बेहद चर्चा में आ रही है. यह है गोल्डन कुल्फी, जिसको सर्व करने वाले भी 1 करोड़ का गोल्ड पहन कर देते हैं.
गोल्ड कुल्फी की जानें कितनी होती है सेल: इन दिनों इंदौर के सराफा चौराटी में प्रकाश फालूदा कुल्फी वाले बंटी यादव की कुल्फी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है. चर्चा की वजह है कुल्फी बेचने वाले का अंदाज. शहरभर के लोग कुल्फी खाने के साथ ही कुल्फी बेचने वाले को देखने भी आते हैं. इंदौर के सराफा में कुल्फी का स्टॉल लगाने वाले बंटी यादव ने गोल्डन कुल्फी की शुरूआत की है. बंटी यादव के पिता कुल्फी का परंपरागत ठेला लगाते थे(Indore gold kulfi). बंटी व्यापार में कुछ नया करना चाहते थे. उन्हें गोल्ड पहनने का शौक है और लोगों को गोल्ड कुल्फी खिलाने का भी. गोल्ड कुल्फी से स्वाद तो नहीं बदला, लेकिन खाने वाले को रॉयल फील जरूर आता है. महंगी होने के कारण इनकी गोल्ड कुल्फी की सेल ज्यादा तो नहीं होती, लेकिन स्वाद के शौकीन लोग यहां आकर कभी-कभी खा लेते हैं. केसर पिस्ता फ्लेवर पर गोल्ड का वर्क चढ़ाकर ये कुल्फी बनाते हैं, हालांकि ग्राहक जिस फ्लेवर में गोल्ड कुल्फी मांगते है, बंटी उसे तैयार कर देते हैं.
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गोल्ड कुल्फी बेचने का कैसे आइडिया आया: बंटी यादव ये गोल्डन कुल्फी करीब 2 किलो सोने की ज्वेलरी पहनकर बेचते हैं, जो अब चर्चा का विषय बन चुका है. बंटी यादव बताते हैं कि, जब वे गोल्ड पहनकर कुल्फी की दुकान पर पहुंचते हैं तो कई बार ग्राहकों द्वारा पूछा भी जाता है की यह सोना असली है या नकली. उन्होंने बताया कि उन्हें ये आइडिया तब आया जब ग्राहकों ने उनसे कहा कि आप जब इतना गोल्ड पहनकर स्टॉल पर आते हैं, तो आप गोल्ड कुल्फी भी बेचा करो, जिसके बाद उन्हें ये आइडिया अच्छा लगा. इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि, वे गोल्ड वाली कुल्फी बेचेंगे. बंटी यादव ने इसके लिए इंटरनेट समेत आयुर्वेदिक, एलोपैथिक सारे डॉक्टरों की सलाह पर तय किया कि जब स्वर्ण भस्म और गोल्ड को च्यवनप्राश और अन्य दवाइयों में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है, तो कुल्फी पर भी सोने की महीन परत का वर्क लगाकर ग्राहकों को परोसा जा सकता है.
किसी भी फ्लेवर में तैयार हो सकती है गोल्ड कुल्फी: बंटी यादव ने शुद्ध 24 कैरेट गोल्ड का वर्क तैयार कराया जो कुल्फी पर सुविधा पूर्ण तरीके से चिपका कर ग्राहकों को परोसा जा सके. यह प्रयोग जब सफल हुआ तो उन्होंने अपनी केसर पिस्ता समेत अन्य फ्लेवर की कुल्फी में सोने का वर्क भी लगाना शुरू कर दिया जो बंटी यादव को करीब 350 रुपए में पड़ता है. यही वजह है कि उन्होंने अपनी कुल्फी की कीमत भी 351 रुपए तय की है. अब उनकी कुल्फी गोल्डन कुल्फी के नाम से सोशल मीडिया पर खासी चर्चा में है, जिसे खाने के साथ बंटी यादव का स्टाइल देखने सराफा में इन दिनों लोगों की खासी आवाजाही है. बंटी यादव बताते हैं कि वह 2 किलो सोने के आभूषण पहनकर कुल्फी दुकान पर आते हैं. जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए की होगी. हालांकि यह आभूषण उन्होंने शौक के अनुसार थोड़ा थोड़ा कर जमा किया है, लेकिन अब उन्हें उनके इस शौक की वजह से लोग गोल्डनमैन के नाम से जानते हैं.
तीसरी पीढ़ी में मिली दुकान को पहचान: बंटी यादव के मुताबिक उनके दादा जी किशोर लाल यादव ने 1965 में ये स्टॉल शुरू की थी. जिसके बाद पिता रमेशचंद्र यादव ने ये दुकान संभाली. तीसरी पीढ़ी में साल 2000 से वे इस दुकान को संभाल रहे हैं. वर्तमान में उनके पिताजी भी साथ हीं है. बंटी यादव द्वारा प्रतिदिन रात को सराफा बाजार में दुकान लगाते हैं और देर रात तक कुल्फी, फालुदा बेचते हैं. उनकी इस दुकान में 50 रुपए से 110 रुपए तक की कुल्फी मिलती है. शुरुआत में सिर्फ केसर पिस्ता कुल्फी बनाते थे. बिजनेस बढ़ा तो पान, मलाई, जामुन, काजू केवड़ा, काजू गुलकंद, चॉकलेट, शुगर फ्री, मैंगो, सीताफल की कुल्फी भी बनाने लगे हैं. पान कुल्फी को पान के पत्तों से तैयार किया जाता है. कुल्फी के अलावा यहां फालुदा भी है.