इंदौर। जिले के लसूड़िया थाना क्षेत्र में वर्ग विशेष का अधेड़ उम्र का व्यक्ति नाम बदलकर हिंदू नाम से नौकरी कर रहा था. इस बात की जानकारी जब हुई, तो लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.(Police started investigation by taking custody)
ब्रांच मैनेजर ने की थी रिपोर्टः जानकारी के अनुसार कंपनी के ब्रांच मैनेजर की रिपोर्ट पर पुलिस ने सुपरवाइजर के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. मुलजिम ने नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए थे. जब इस मामले की जानकारी कंपनी के मैनेजर को लगी तो इसकी शिकायत पुलिस को की गई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है. मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र के एसआर कंपाउंड पर सुप्रीम ट्रांसपोर्ट सलूशन प्राइवेट लिमिटेड का है. (Branch manager had reported)
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ब्रांच मैनेजर पवन करते हैं कंपनी का संचालनः कंपनी के मालिक आत्मा नाम अग्रवाल है. ट्रांसपोर्ट का संचालन ब्रांच मैनेजर पवन सिंह करते हैं. उन्होंने पिछले दिनों लसूड़िया थाने में आवेदन दिया था. इसमें कहा गया था कि ट्रांसपोर्ट में 9 साल पहले राजस्थान के रहने वाले अधेड़ उम्र के युवक ने अंकसूची और पैन कार्ड आदि दस्तावेज बनवाकर नौकरी हासिल की थी. उसे सुपरवाइजर बनाया गया था. पिछले दिनों जनाकारी लगी कि जिस व्यक्ति ने हिंदू नाम से दस्तावेज दिए है, दरअसल वह मुस्लिम है. इस पर लसूड़िया थाना प्रभारी संतोष दूधी ने दस्तावेजों की जांच करवाई तो पता चला कि मोहम्मद सादिक नौकरी पाने के लिए वेद प्रकाश बना हुआ है. मोहम्मद सादिक बरौनी भादरा हनुमानगढ़ राजस्थान का रहने वाला है. (Branch manager Pawan runs company)
पुलिस के हाथ लगा असली राशन कार्डः सादिक इंदौर स्कीम नंबर 78 में रह रहा था. उसने ट्रांसपोर्ट की बिल्टी और चालान बुक भी फर्जी बना रखी थी. पुलिस के हाथ उसका राशन कार्ड लगा है, जिसमें उसका नाम सही था. उसने किराए रशीद और करार भी फर्जी बना रखे थे. खुद की भी रोडवेज नाम से कंपनी बना ली थी. उसने इसके लिए पंजीयन प्रमाण पत्र ले लिया था. जांच में दस्तावेज नकली निकले तो पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया. पुलिस अब इस मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है कि आरोपी को फर्जी दस्तावेज किसने बनाकर दिए थे. आने वाले दिनों में उसके खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. (Original ration card was found by the police)