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Indore Farming इंदौर में हो रही थाईलैंड के इस हाई प्रोफाइल फ्रूट की खेती, किसानों को हो रहा फायेदमंद साबित

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Published : Aug 31, 2022, 9:07 AM IST

Updated : Aug 31, 2022, 10:43 AM IST

इंदौर समेत महू के किसानों ने तेलंगाना से ड्रैगन फ्रूट के पौधे मंगाकर उनकी खेती की है.पहली उपज के तौर पर जामली के किसान 16 क्विंटर ड्रैगन फ्रूट बेच चुके हैं. नवाचार के तौर पर इंदौर के किसानों द्वारा की गई यह खेती काफी फायदेमंद साबित हो रही है.Indore Farming,Indore Mhow Farmer Dragon Fruit Farming, Indore News

Indore Farming
इंदौर में ड्रैगन फ्रूट की खेती

इंदौर। तरह-तरह की महंगी और औषधीय फसलों के बाद अब इंदौर के किसान उद्यानिकी और खेती में लगातार नवाचार कर रहे हैं. इसी नवाचार का परिणाम है इंदौर में थाईलैंड के चर्चित फल ड्रैगन फ्रूट की खेती. जिसकी साल भर में ही अच्छी पैदावार इंदौर के खेतों में भी होने लगी है.

हाई प्रोफाइल फ्रूट की खेती

16 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट बेच चुके हैं किसान

दरअसल इंदौर समेत महू के किसानों ने इंदौर के शॉपिंग मॉल और बाजारों में ड्रैगन फ्रूट को बिकते देखा था. इसके बाद जब किसानों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इस फल को लेकर पड़ताल की तो पता चला तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में डॉ स्वामीनाथन नर्सरी में ड्रैगन फ्रूट के पौधे उपलब्ध हैं. लिहाजा इंदौर के किसानों को ड्रैगन फ्रूट के पौधे तेलंगाना से मंगा कर पिछले साल मार्च में अपने खेतों में लगाए थे. अब जबकि ड्रैगन फ्रूट के पौधे और फसल को साल भर हो चुका है तो पहली उपज के तौर पर जामली के किसान दिनेश पाटीदार अपनी 2 एकड़ में लगी फसल से 16 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट बेच चुके हैं. हालांकि इस सीजन में अभी 45 क्विंटल फल और निकलेगा जो बाजार में करीब डेढ़ सौ से ₹200 किलो बिक रहा है.

Indore Farming
इंदौर में ड्रैगन फ्रूट की खेती

फिलहाल महू क्षेत्र में एक दो नहीं बल्कि अब धीरे-धीरे कई किसान ग्राम मानपुर जामली कोदरिया में अपने सीमित रकबा में अब ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगा रहे हैं. इसके अलावा सांवेर के चंद्रावतीगंज में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती होने लगी है. जहां किसानों को प्रति एकड़ 5 से 6 टन उत्पादन मिलने के आसार हैं.

MP में गोबर-गौमूत्र बन रहे खेती का बड़ा आधार, गोबर उत्पाद बनाने के जरिए महिलाओं को रोजगार के अवसर



एक पौधे से 60 फल की पैदावार
इंदौर के उद्यानिकी विस्तार अधिकारी सौरभ व्यास बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट के एक पौधे से 50 से 60 फल प्राप्त हो रहे हैं. जो 1 फल 50 से ₹60 में बिकता है. ड्रैगन फ्रूट की न्यूट्रीशन वैल्यू इतनी ज्यादा है कि गर्भवती महिलाओं के अलावा यह डायबिटीज के रोगियों और हृदय रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके अलावा ड्रैगन फ्रूट विटामिन सी का महत्वपूर्ण स्त्रोत है जो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है. सौरभ व्यास बताते हैं कि फिलहाल इंदौर के किसानों की फसल शहर के शॉपिंग मॉल में बिक रही है.

उबड़ खाबड़ जमीन में भी अच्छी पैदावार

उद्यानिकी विशेषज्ञ बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में ना तो ज्यादा पानी लगता है ना ही अत्याधिक उपजाऊ जमीन की आवश्यकता होती है. क्योंकि यह मरुस्थली और कैक्टस श्रेणी की फसल है, इसलिए कम पानी में भी ऊपर खबर जमीन पर इसे तैयार किया जा सकता है. इसके पौधों को सहारा देने के लिए सीमेंट के अलग प्रकार के पोल उपयोग में लाए जाते हैं. जो 1 हेक्टेयर में करीब 277 की संख्या में लगाने पड़ते हैं. जिससे कि पोल के सहारे ड्रैगन फ्रूट के पौधे खेतों में खड़े होते हैं. जिस पर साल भर में ही सामान्य आकार के फल आने लगते हैं.(Indore Farming,Indore Mhow Farmer Dragon Fruit Farming, Indore News)

इंदौर। तरह-तरह की महंगी और औषधीय फसलों के बाद अब इंदौर के किसान उद्यानिकी और खेती में लगातार नवाचार कर रहे हैं. इसी नवाचार का परिणाम है इंदौर में थाईलैंड के चर्चित फल ड्रैगन फ्रूट की खेती. जिसकी साल भर में ही अच्छी पैदावार इंदौर के खेतों में भी होने लगी है.

हाई प्रोफाइल फ्रूट की खेती

16 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट बेच चुके हैं किसान

दरअसल इंदौर समेत महू के किसानों ने इंदौर के शॉपिंग मॉल और बाजारों में ड्रैगन फ्रूट को बिकते देखा था. इसके बाद जब किसानों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इस फल को लेकर पड़ताल की तो पता चला तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में डॉ स्वामीनाथन नर्सरी में ड्रैगन फ्रूट के पौधे उपलब्ध हैं. लिहाजा इंदौर के किसानों को ड्रैगन फ्रूट के पौधे तेलंगाना से मंगा कर पिछले साल मार्च में अपने खेतों में लगाए थे. अब जबकि ड्रैगन फ्रूट के पौधे और फसल को साल भर हो चुका है तो पहली उपज के तौर पर जामली के किसान दिनेश पाटीदार अपनी 2 एकड़ में लगी फसल से 16 क्विंटल ड्रैगन फ्रूट बेच चुके हैं. हालांकि इस सीजन में अभी 45 क्विंटल फल और निकलेगा जो बाजार में करीब डेढ़ सौ से ₹200 किलो बिक रहा है.

Indore Farming
इंदौर में ड्रैगन फ्रूट की खेती

फिलहाल महू क्षेत्र में एक दो नहीं बल्कि अब धीरे-धीरे कई किसान ग्राम मानपुर जामली कोदरिया में अपने सीमित रकबा में अब ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगा रहे हैं. इसके अलावा सांवेर के चंद्रावतीगंज में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती होने लगी है. जहां किसानों को प्रति एकड़ 5 से 6 टन उत्पादन मिलने के आसार हैं.

MP में गोबर-गौमूत्र बन रहे खेती का बड़ा आधार, गोबर उत्पाद बनाने के जरिए महिलाओं को रोजगार के अवसर



एक पौधे से 60 फल की पैदावार
इंदौर के उद्यानिकी विस्तार अधिकारी सौरभ व्यास बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट के एक पौधे से 50 से 60 फल प्राप्त हो रहे हैं. जो 1 फल 50 से ₹60 में बिकता है. ड्रैगन फ्रूट की न्यूट्रीशन वैल्यू इतनी ज्यादा है कि गर्भवती महिलाओं के अलावा यह डायबिटीज के रोगियों और हृदय रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके अलावा ड्रैगन फ्रूट विटामिन सी का महत्वपूर्ण स्त्रोत है जो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है. सौरभ व्यास बताते हैं कि फिलहाल इंदौर के किसानों की फसल शहर के शॉपिंग मॉल में बिक रही है.

उबड़ खाबड़ जमीन में भी अच्छी पैदावार

उद्यानिकी विशेषज्ञ बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में ना तो ज्यादा पानी लगता है ना ही अत्याधिक उपजाऊ जमीन की आवश्यकता होती है. क्योंकि यह मरुस्थली और कैक्टस श्रेणी की फसल है, इसलिए कम पानी में भी ऊपर खबर जमीन पर इसे तैयार किया जा सकता है. इसके पौधों को सहारा देने के लिए सीमेंट के अलग प्रकार के पोल उपयोग में लाए जाते हैं. जो 1 हेक्टेयर में करीब 277 की संख्या में लगाने पड़ते हैं. जिससे कि पोल के सहारे ड्रैगन फ्रूट के पौधे खेतों में खड़े होते हैं. जिस पर साल भर में ही सामान्य आकार के फल आने लगते हैं.(Indore Farming,Indore Mhow Farmer Dragon Fruit Farming, Indore News)

Last Updated : Aug 31, 2022, 10:43 AM IST
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