इंदौर। बेशकीमती जमीनों पर ज्यादा से ज्यादा निर्माण कर करोड़ों रुपए कमाने के लिए अब बिल्डर के साथ मिलकर टीएनसीपी और नगर निगम के अधिकारी बहुमंजिला इमारतों के नक्शे मे फर्जीवाड़ा कर अवैध निर्माण कर रहे हैं. इंदौर के आर्थिक अपराध ब्यूरो (EOW) ने ऐसे ही एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए इंदौर टीएनसीपी के तीन रसूखदार अधिकारियों के अलावा नगर निगम और बिल्डरों समेत 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी फर्जीवाड़ा और षड्यंत्र समेत भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. करोड़ों रुपए के इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद अब बिल्डर के साथ टीएनसीपी और नगर निगम की सांठगांठ एक बार फिर उजागर हो गई है. (Corruption in indore)
निर्धारित एफएआर से अधिक किया निर्माणः यह मामला खजराना चौराहे के पास स्थित सूर्य शक्ति गृह निर्माण सहकारी संस्था और अटलांटा कंस्ट्रक्शन के संचालक धर्मपाल टेकचंदानी और निखिल कोठारी द्वारा निर्मित एक विशाल बहुमंजिला इमारत से जुड़ा है. इन बिल्डरों ने खसरा क्रमांक 1276 पर दर्ज 18803 वर्ग फीट जमीन पर जो मल्टी बनाई, उस पर भूमि विकास नियम के तहत निर्धारित FAR (Floor Area Ratio) से दुगने का निर्माण कर लिया. (fraud for far in indore)
एफएआर के लिए किया फर्जीवाड़ाः इस कारनामे के अंजाम देने के लिए बिल्डरों के साथ मिलकर और नगर निगम के भवन निर्माण शाखा से जुड़े अधिकारियों और टीएनसीपी के अधिकारियों ने मौके पर मौजूद सड़कों को अतिरिक्त रूप से चौड़ा दर्शा दिया. ताकि मल्टी में ज्यादा से ज्यादा एफएआर प्राप्त करके निर्धारित ऊंचाई से ज्यादा अतिरिक्त फ्लोर बनाये जा सकें. इसके लिए नगर निगम और टीएनसीपी में प्रस्तुत नक्शे में यह दर्शाया गया इमारत के पास से गुजरने वाली सड़क की चौड़ाई 9 मीटर प्रस्तावित है, जबकि टीएनसीपी के अधिकारियों ने खुद माना था कि सड़क 7 मीटर चौड़ी थी. (indore municipal corporation)
शिकायत के बाद हुआ खुलासाः इसके बावजूद नगर निगम और टीएनसीपी के अधिकारियों ने 9 मीटर सड़क के अनुसार इमारत को बहुमंजिला बनाने बनाने के साथ नियम के विपरीत अधिक फ्लोर बनाने की स्वीकृति दे दी. शिकायत के बाद जांच में पता चला कि सड़क की चौड़ाई के अनुसार बहुमंजिला इमारत के निर्माण की सीमा भूमि विकास नियम 2012 के तहत अत्यधिक ज्यादा है. लिहाजा आर्थिक अपराध ब्यूरो ने जब पूरे मामले की बारीकी से छानबीन की, तो पता चला इमारत के कई फ्लोर अवैध हैं. इसी आशंका के चलते नगर निगम ने संबंधित इमारत में पहले रिमूवल की कार्रवाई भी की थी, लेकिन अब आर्थिक अपराध ब्यूरो द्वारा पूरे मामले की तफ्तीश के बाद कई रसूखदार अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है. (fir on builders in indore)
कई रसूखदारों पर 420 का प्रकरण दर्जः इंदौर में बिल्डिंग परमिशन में फर्जीवाड़े के मामले में आर्थिक अपराध ब्यूरो ने नगर निगम और टीएनसीपी के अधिकारियों द्वारा बिल्डर के साथ षड्यंत्र करने एवं मिलीभगत कर दस्तावेजों की कूट रचना कर गलत अभिविन्यास स्वीकृत कराने के आरोप में बिल्डर पायोनियर रियल स्टेट के राजेंद्र कुमार, मैंसर्च फोल्डिंग के प्रदीप श्रीमाल, सूर्य शक्ति ग्रह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष धर्मपाल टेकचंदानी, अटलांटा कंस्ट्रक्शन कंपनी के निखिल कोठारी, टीएनसीपी के तत्काल संयुक्त संचालक विजय सावलकर, तत्कालीन संयुक्त संचालक नीरज आनंद, लिखार एवं सहायक मानचित्रकार एस टीमाडे, नगर निगम के तत्कालीन भवन अधिकारी श्याम शर्मा एवं राकेश शर्मा के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7सी एवं 13(1) और 13(2) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है.