इंदौर। हिंसा समेत तरह-तरह की प्रताड़ना का सामना करने वाले 71 देशों के मूक बधिर दिव्यांगों को भी अब पुलिस की मदद मिल सकेगी. दरअसल हाल ही में इंदौर की तर्ज पर कामनवेल्थ देशों की दिव्यांग सलाहकार समिति ने विभिन्न देशों में मूक बधिर फ्रेंडली थाना शुरू करने के फैसले को मंजूरी दे दी है. इसकी शुरुआत इंदौर के बाद मॉरीशस में खुलने जा रहा है.
71 देशों में दिव्यांग फ्रेंडली थाना खोलने का प्रस्ताव: दरअसल हाल ही में इंदौर में आयोजित हुए एनआरआई(NRI) सम्मेलन में मॉरीशस के कॉमनवेल्थ देशों की सलाहकार समिति के सदस्य सूवन शर्मा डूकू भी इंदौर आए थे. इंदौर में उन्हें दिव्यांग होने के कारण खासी परेशानी का सामना करना पड़ा तो उन्होंने भारत में मूक बधिर दिव्यांगों के लिए सुविधाएं नहीं मिल पाने का जिक्र अपने ट्वीट में किया था. इसी दौरान आनंद मुक बधिर संस्थान ने एनआरआई सूवन शर्मा की मदद करते हुए उन्हें इंदौर में शुरू किए गए मूकबधिर फ्रेंडली थाने का विजिट कराया था. इसके अलावा इंदौर में दिव्यांगों को उपलब्ध सारी सुविधाएं मुहैया कराते हुए उन्हें तमाम संसाधनों और दिव्यांगों के लिए संचालित योजना की जानकारी दी थी. जिस से प्रभावित होकर मॉरीशस के एनआरआई सूवन शर्मा ने कामनवेल्थ देशों की दिव्यांग सलाहकार समिति के सदस्यों को सभी 71 देशों में दिव्यांग फ्रेंडली थाना खोलने का प्रस्ताव दिया था. जिसे अब मंजूरी दी जा रही है.
मॉरीशस में भी खुलेगा थाना: इसके अलावा इस प्रस्ताव के तहत इंदौर के बाद मॉरीशस में भी मूक बधिर फ्रेंडली थाना खोला जा रहा है.आनंद मूक बधिर संस्थान के प्रमुख ज्ञानेंद्र पुरोहित के मुताबिक मॉरीशस पुलिस ने इसके लिए संपर्क भी किया है. लिहाजा साल के अंत तक ऑनलाइन माध्यम से इंदौर में मूक बधिर दिव्यांगों की एफआईआर दर्ज करने के तरीके से लेकर उनके साथ होने वाले अपराध पर नियंत्रण पर कार्रवाई की प्रक्रिया मॉरीशस के साथ साझा की जानी है, इसके अलावा मॉरीशस पुलिस को इसके लिए भारत से ही ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी.
इंदौर में 20 साल पहले खुला था दिव्यांगों फ्रेंडली थाना: दरअसल इंदौर में दिव्यांग छात्राओं और अन्य दृष्टिहीन के खिलाफ अपराध के मामले सामने आने के बाद आनंद मूक बधिर संस्थान की पहल पर इंदौर पुलिस ने थाना तुकोगंज परिसर में ही मूक बधिर दिव्यांग पीड़ितों के लिए हेल्प डेस्क तैयार की थी. इस हेल्पडेस्क के जरिए दिव्यांगों से साइन लैंग्वेज में उनकी परेशानी जानकार एफआईआर दर्ज की जाने की व्यवस्था है. इसके अलावा दृष्टिहीन से भी साइन लैंग्वेज और संवाद के साथ उन्हें पुलिस मदद दी जाने की व्यवस्था है. अब इस प्रयोग को अन्य देशों में भी लागू किए जाने की संभावना जताई जा रही है. जिसे लेकर कार्रवाई की प्रक्रिया भी ऑनलाइन शेयर की जा सकेगी.