इंदौर। शहर की खजराना पुलिस ने 7 अप्रैल 2008 को मुखबिर की सूचना के आधार खजराना में हीरो होंडा कंपनी में काम करने वाले इरफान को गिरफ्तार किया था. वह सिमी की गतिविधियों में संलग्न होकर फंड इकट्ठा कर रहा था. इसके साथ ही वह मुस्लिम बहुल इलाकों में दो समुदायों के बीच विवाद फैलने का प्रयास कर रहा था. उसकी कोशिश थी कि मुसलमान एवं हिंदू समुदाय के बीच दंगे हों. खजराना पुलिस ने उसे विवादित पर्चे वितरित करते पकड़ा था. उस पर चंदा वसूली का भी आरोप था.
विवादास्पद सामग्री जब्त : पुलिस ने शहर की कादर कॉलोनी जाकर आरोपी के मकान की तस्दीक की और कॉलोनी से मिनी बस स्टाफ जाने वाले रास्ते पर घेराबंदी करने पर दबोच लिया. उस दौरान वह काली शर्ट, पैंट पहने था और सफेद रंग की पॉलिथीन लिए था. उसे रोककर पूछताछ करने पर उसने अपना नाम मोहम्मद नावेद इरफान बताया. उसके पास पॉलिथीन की तलाशी लेने पर उसमें से एक उर्दू में छपी पत्रिका मिली. वह प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंधित कुछ आपत्तिजनक पंपलेट लिए था. पूछताछ में उसने बताया कि हिंदू लोग मुसलमान पर जुल्म कर रहे हैं.
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पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था : उसने बताया था कि वह सिमी के झंडे तले संगठित होकर अपने फैसले खुद करेगा. चाहे कुछ हो जाए. वह इस तरह से फंड इकट्ठा कर संगठन को मजबूत करने की तैयारी कर रहा था. आरोपियों से प्राप्त पर्चे प्रतिबंधित थे, जो यदि वितरित जाते तो इस क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम दंगा हो सकता था. इस पर आरोपी के खिलाफ क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1967 की धारा 10, 11 13 एवं भारतीय दंड विधान की धारा 153 का 153 का दंडनीय अपराध पाए जाने पर गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया गया.