ETV Bharat / state

देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होने पर छिड़ा घमासान, पूर्व कुलपति ने कुलाधिपति पर लगाया आरोप - mp news

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में राज्य शासन और कुलाधिपति के बीच सामंजस्य न होने से कुलपति की नियुक्ति अटकी पड़ी है. पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने आरोप लगाया कि कुलाधिपति की विफलताओं के कारण ही विवि में धारा 52 लगी है.

पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने कुलाधिपति पर लगाया आरोप
author img

By

Published : Jul 23, 2019, 3:08 AM IST

Updated : Jul 23, 2019, 1:35 PM IST

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होने के बाद कुलपति नरेंद्र धाकड़ को हटा दिया गया था. लेकिन अबतक विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ती नहीं हो पाई है. पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने राज्य सरकार और कुलाधिपति के बीच सामंजस्य नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से नए कुलपति की नियुक्ती नहीं हो पा रही है.

पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने कुलाधिपति पर लगाया आरोप

विश्वविद्यालय में जल्द कुलपति की नियुक्ति के लिए पूर्व कार्य परिषद सदस्य अजय चरोड़िया अनशन पर बैठे हैं. चरोड़िया के अनशन को छात्रों और शहर के कई शिक्षाविदों का भी समर्थन मिल रहा है. उनके इस अनशन को पूर्व कुलपति भरत छापरवाल भी समर्थन भी मिल गया है. ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होना कुलाधिपति की विफलता है. राज्य शासन को विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करने का विशेष अधिकार है, साथ ही धारा 52 के साथ-साथ नए कुलपति की नियुक्ति भी किया जाना विश्वविद्यालय के नियम में हैं.

डॉ छापरवाल ने कहा कि जैसे ही धारा 52 लागू की जाती है, वैसे ही नवीन कुलपति की नियुक्ति की जानी चाहिए. लंबा समय बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होने के बाद कुलपति नरेंद्र धाकड़ को हटा दिया गया था. लेकिन अबतक विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ती नहीं हो पाई है. पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने राज्य सरकार और कुलाधिपति के बीच सामंजस्य नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से नए कुलपति की नियुक्ती नहीं हो पा रही है.

पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने कुलाधिपति पर लगाया आरोप

विश्वविद्यालय में जल्द कुलपति की नियुक्ति के लिए पूर्व कार्य परिषद सदस्य अजय चरोड़िया अनशन पर बैठे हैं. चरोड़िया के अनशन को छात्रों और शहर के कई शिक्षाविदों का भी समर्थन मिल रहा है. उनके इस अनशन को पूर्व कुलपति भरत छापरवाल भी समर्थन भी मिल गया है. ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होना कुलाधिपति की विफलता है. राज्य शासन को विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करने का विशेष अधिकार है, साथ ही धारा 52 के साथ-साथ नए कुलपति की नियुक्ति भी किया जाना विश्वविद्यालय के नियम में हैं.

डॉ छापरवाल ने कहा कि जैसे ही धारा 52 लागू की जाती है, वैसे ही नवीन कुलपति की नियुक्ति की जानी चाहिए. लंबा समय बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

Intro:इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में बीते कई दिनों से धारा 52 लागू है धारा 52 लागू होने के बाद कुलपति नरेंद्र धाकड़ को हटा दिया गया था वहीं करीब एक माह होने को आया पर प्रदेश की एक मात्र एक ग्रेट यूनिवर्सिटी में अब तक कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पाई है कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति राज्यपाल द्वारा की जाती है शासन द्वारा कुलपति के लिए कई नामों के पैनल बनाकर भेजी गई है


ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत


Body:विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति ना होने पर छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ के विरोध में और जल्द कुलपति की नियुक्ति के लिए पूर्व कार्य परिषद सदस्य अजय चरोडिया अनशन पर बैठे हैं अजय चरोडीया के अनशन को एक और जहां विश्वविद्यालय के छात्रों का समर्थन मिल रहा है वहीं अब शहर के कई शिक्षाविदों का भी अनशन को समर्थन मिलने लगा है अनशन के समर्थन में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ भरत छापरवाल अभी आ गए हैं डॉ भरत छापरवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होना कुलाधिपति की विफलता है विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करना शासन का विशेष अधिकार है वही धारा 52 के साथ-साथ नए कुलपति की नियुक्ति भी किया जाना विश्वविद्यालय के नियम में हैं इतना समय बीत जाने के बाद भी कुलपति की नियुक्ति ना होना विश्वविद्यालय का हनन होना है


Conclusion:पूर्व कुलपति डॉ भरत छापरवाल ने आरोप लगाया है कि राज्य शासन और कुलाधिपति के बीच सामंजस्य नहीं होने के चलते विश्वविद्यालय की यही स्थिति बन रही है विश्वविद्यालय का नियम कहता है कि जैसे ही विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू की जाती है वैसे ही नवीन कुलपति की नियुक्ति की जाती है धारा 52 लागू होने और कुलपति की नियुक्ति के आदेश साथ ही दिए जाते हैं लंबा समय बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति नहीं होने के चलते छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है इस खिलवाड़ के जिम्मेदार डॉ भरत छापरवाल ले विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को ठहराया है

एक्सक्लूसिव
बाइट डॉ भरत छापरवाल पूर्व कुलपति देवी अहिल्या विश्वविद्यालय
Last Updated : Jul 23, 2019, 1:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.