इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होने के बाद कुलपति नरेंद्र धाकड़ को हटा दिया गया था. लेकिन अबतक विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ती नहीं हो पाई है. पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल ने राज्य सरकार और कुलाधिपति के बीच सामंजस्य नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से नए कुलपति की नियुक्ती नहीं हो पा रही है.
विश्वविद्यालय में जल्द कुलपति की नियुक्ति के लिए पूर्व कार्य परिषद सदस्य अजय चरोड़िया अनशन पर बैठे हैं. चरोड़िया के अनशन को छात्रों और शहर के कई शिक्षाविदों का भी समर्थन मिल रहा है. उनके इस अनशन को पूर्व कुलपति भरत छापरवाल भी समर्थन भी मिल गया है. ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू होना कुलाधिपति की विफलता है. राज्य शासन को विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू करने का विशेष अधिकार है, साथ ही धारा 52 के साथ-साथ नए कुलपति की नियुक्ति भी किया जाना विश्वविद्यालय के नियम में हैं.
डॉ छापरवाल ने कहा कि जैसे ही धारा 52 लागू की जाती है, वैसे ही नवीन कुलपति की नियुक्ति की जानी चाहिए. लंबा समय बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.