इंदौर। हाईकोर्ट में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म के एक आरोपी ने अपनी सजा में राहत के लिए याचिका प्रस्तुत की. इस पूरे मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी की सजा को 20 साल करते हुए पुलिस की जांच पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं. इंदौर एमआईजी थाना क्षेत्र में कुछ साल पहले 3 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. मामले में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में आरोपी ने अपनी सजा को लेकर एक याचिका प्रस्तुत की थी. हाईकोर्ट ने इस दौरान यह भी टिप्पणी की कि जिस तरह से 3 साल की मासूम बच्ची के साथ आरोपी ने दरिंदगी के साथ व्यवहार किया और उसके बाद उसे जीवित छोड़ दिया यह दया है. (indore crime news)
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ये है पूरा मामला: हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए निचली कोर्ट ने जिस तरह से आरोपी को आजीवन सजा सुनाई थी, उन्हीं साक्ष्यों को एक बार देखा. मामले में पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई थी, पुलिस ने एसएफएल की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर नहीं लिया था. इस पर कोर्ट ने कहा कि इससे यह सिद्ध नहीं हो जाता कि आरोपी दोषी नहीं है. इसके साथ ही डॉक्टर ने भी निचली अदालत में खड़े होकर आरोपी के खिलाफ गवाही दी थी और उसी के आधार पर निचली अदालत ने आरोपी को आजीवन सजा से दण्डित किया था. पुलिस की पूरे मामले में कई तरह की लापरवाही थी. उसी के चलते हाईकोर्ट ने आरोपी के आजीवन सजा को बदल 20 साल की सजा से दंडित कर दिया. (indore bench new decision) (mp high court decision)( mp high court decision on rape case)