इंदौर। क्राइम ब्रांच ने शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार किया है. कई फरियादियों की तरफ से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत इंदौर क्राइम ब्रांच मे गई थी. इसी कार्रवाई मे क्राइम ब्रांच ने गुजरात से आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं, एक अन्य इसी तरह के एक अन्य मामले में सूरत से एक महिला को गिरफ्तार किया है. महिला पर एक करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है.
पहला मामला: डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध इंदौर शहर के 15 फरियादियों द्वारा करोड़ों की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी. फर्जी तरीके से सुर कैपिटल और वेद कैपिटल के नाम से अपनी कंपनी संचालित कर ठगी कि वारदातों को अंजाम दे रहे थे. आरोपी की तरफ से झूठ बोलकर अधिक निवेश देने के नाम पर लोगों को विश्वास में लिया गया था. बाद मे करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था.
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के नाम अश्विन परमार निवासी गुजरात है. आरोपी कि जानकारी जैसे ही क्राइम ब्रांच को गुजरात में होने की मिली थी. दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया गया है. आरोपी की तरफ से लोगों को चार गुना प्रॉफिट देने जैसी बातों का झांसा दिया जा रहा था. वहीं आरोपियों के खाते में करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन भी होना पाया गया है. फिलहाल आरोपी से और भी पूछताछ की जा रही है.
दूसरा मामला: इंदौर में रहने वाली एक महिला ने ऑनलाइन तरीके से जीरा खरीदने को लेकर ऑनलाइन एक गुजरात की कंपनी सोनल कल्टीवेशन से संपर्क हुआ था. इस दौरान कंपनी की प्रोपराइटर रूपल ने फरियादी को यह आश्वासन दिया था कि यदि वह हमारी कंपनी के अकाउंट में तकरीबन एक करोड़ रुपए ट्रांसफर कर देगी, तो जल्द ही उन्हें जीरे की सप्लाई शुरू कर देंगे. अतः कॉन्ट्रैक्ट होने के बाद संबंधित फरियादी ने एक करोड रुपए रूपल मवानी के कंपनी सोनम कल्टीवेशन में ट्रांसफर कर दिए, लेकिन इसके बाद संबंधित महिला रूपल ने अपना फोन बंद कर लिया.
इस दौरान महिला ने जीरा भी नही पहुंचाया. इसके बाद इंदौर में रहने वाली महिला को अपने साथ हुई ठगी की जानकारी लगी तो उसने पूरे मामले की शिकायत इंदौर क्राइम ब्रांच में की. इंदौर क्राइम ब्रांच ने प्रारंभिक तौर पर संबंधित महिला के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया. प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार महिला रूपल को विभिन्न जगहों पर तलाश रही थी, लेकिन महिला पुलिस की गिरफ्त से लगातार फरार चल रही थी. उसको देखते हुए पुलिस ने उसे पर 10000 का इनाम भी घोषित किया था.
मुखबिर से मिली सूचना के बाद पकड़ाई: इसी दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि फरार महिला गुजरात के सूरत में फरारी काट रही है. इसी सूचना के आधार पर इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम गुजरात के सूरत पहुंची और पूरे ही मामले में आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया. वहीं पकड़ी गई महिला से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है. प्रारंभिक पूछताछ में महिला ने बताया कि उसने ठगी करने के लिए ऑनलाइन तरीके से एक फर्जी कंपनी बनाई थी.उसके माध्यम से वह लगातार इस तरह से धोखाधड़ी की वारदातों तो अंजाम दे रही थी.
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तीसरा मामला: इंदौर लोकायुक्त ने रिश्वत के मामले में एक बड़ी करवाई को अंजाम दिया. वहीं, लोकायुक्त की टीम ने पढ़रीनाथ थाने पर पदस्थ एक एएस आई जितेंद्र कुमार कोकटे पदस्थ है. लोकायुक्त को शिकायत करने वाले फरियादी का पत्नी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. जिसके चलते पत्नी ने पति की शिकायत पढरी नाथ थाने पर की थी. वहीं पढरी नाथ पुलिस ने पत्नी की शिकायत पर फरियादी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया था. इस मामले में जमानत देने के आवाज में 10000 की मांग पढ़री नाथ थाने पर पदस्थ एक एएसआई ने पत्रकार रत्नेश के माध्यम से कर रहे थे.
इस दौरान संबंधित पत्रकार बनकर फोन लगाने वाले व्यक्ति ने फरियादी को जमकर धमकाया भी था. इस बात से आहत होकर फरियादी ने पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की और लोकायुक्त पुलिस ने पूरे ही मामले में पुलिस कर्मी जितेन कुमार और पत्रकार बनकर फोन लगाने वाले रत्नेश को पकड़ने के लिए एक योजना बनाई. उसके तहत विभिन्न तरह के रिकॉर्डिंग भी फरियादी ने लोकायुक्त को सौंपी.
उसके बाद लोकायुक्त ने योजना बनाकर पुलिसकर्मी और पत्रकार को महू नाका चौराहे से दस हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. फिलहाल, पूरे ही मामले में लोकायुक्त आने वाले दिनों में और भी इस पूरे मामले में करवाई करने की बात कर रही है.