ETV Bharat / state

महू में देश के पहले इन्फेंट्री म्यूजियम का 16 दिसंबर को शुभारंभ, तैयार हुआ कारगिल वॉर रूम

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू छावनी में 16 दिसंबर को देश के पहले इंफेंट्री संग्रहालय का शुभारंभ किया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है(MP first infantry museum). लेफ्टिनेंट कर्नल विकास त्रिपाठी ने बताया कि, महू छावनी में इंफेंट्री अनुसंधान केंद्र एवं संग्रहालय के उद्घाटन की तैयारियां अंतिम दौर में हैं

country first infantry museum inaugurate in mhow
महू में देश का पहला इन्फेंट्री म्यूजियम उद्घाटन
author img

By

Published : Dec 11, 2022, 11:01 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू छावनी में 16 दिसंबर को देश के पहले इंफेंट्री संग्रहालय का शुभारंभ किया जाएगा. सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी है. लेफ्टिनेंट कर्नल विकास त्रिपाठी ने संवाददाताओं को बताया कि, “महू छावनी में इंफेंट्री अनुसंधान केंद्र एवं संग्रहालय के उद्घाटन की तैयारियां अंतिम दौर में है(MP first infantry museum). संग्रहालय का उद्घाटन 16 दिसंबर को होगा. 17 दिसंबर से इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा.”

16 दिसंबर को महू में म्यूजियम का उद्घाटन: त्रिपाठी ने कहा कि, यह संग्रहालय 1747 से 2020 तक इंफेंट्री कोर के इतिहास को प्रदर्शित करेगा, जिसमें मूर्तियों, भित्ति चित्रों और फोटो गैलरी के जरिये वीर सैनिकों के शौर्य और बलिदान को दर्शाया गया है. उन्होंने बताया कि, संग्रहालय में प्लासी, सारागढ़ी, बक्सर और 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध के इतिहास के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज और सुभाष चंद्र बोस महान जैसी हस्तियों के इतिहास को संरक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि संग्रहालय का पहला चरण पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे चरण का काम चल रहा है.

देश के पहले इंफेंट्री संग्रहालय का उद्घाटन: लेफ्टिनेंट कर्नल त्रिपाठी ने कहा कि, दो एकड़ जमीन पर फैली तीन मंजिला इमारत में बने संग्रहालय को तीन चरणों में बनाया जा रहा है. इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज और सुभाष चंद्र बोस आदि के इतिहास को संरक्षित किया गया है(country first infantry museum inaugurate in MP). त्रिपाठी के मुताबिक, करगिल वॉर रूम में फोटो और फतेह गैलरी के जरिए वीरों की गाथाओं को दर्शाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय में सेना की 27 रेजीमेंटों के इतिहास को प्रदर्शित किया गया है.

3डी प्रिंटर से बनाई गई कलाकृति: त्रिपाठी के अनुसार, अनुसंधान केंद्र और संग्रहालय का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और 2019 में इसे पूरा कर लिया गया था. उन्होंने कहा कि सैनिकों की मूर्तियों के अलावा सेना के जवानों को जीवंत बनाने के लिए 3डी प्रिंटर से बनाई गई कलाकृति के माध्यम से युद्ध के विभिन्न रूपों में लगे हुए दिखाया गया है.अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक रेजीमेंट के इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं, जिनमें छतरी वाली एलईडी स्क्रीन है. उन्होंने बताया कि आगंतुक ऑनलाइन टिकट बुक कर सकेंगे और एक दिन में लगभग 100 लोग इसका दौरा कर पाएंगे. त्रिपाठी के मुताबिक, इस संग्रहालय में घूमने में दर्शकों को कम से कम ढाई घंटे का समय लगेगा. उन्होंने बताया कि आगंतुकों को 40 के समूह में संग्रहालय का भ्रमण कराया जाएगा.

(पीटीआई)

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू छावनी में 16 दिसंबर को देश के पहले इंफेंट्री संग्रहालय का शुभारंभ किया जाएगा. सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी है. लेफ्टिनेंट कर्नल विकास त्रिपाठी ने संवाददाताओं को बताया कि, “महू छावनी में इंफेंट्री अनुसंधान केंद्र एवं संग्रहालय के उद्घाटन की तैयारियां अंतिम दौर में है(MP first infantry museum). संग्रहालय का उद्घाटन 16 दिसंबर को होगा. 17 दिसंबर से इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा.”

16 दिसंबर को महू में म्यूजियम का उद्घाटन: त्रिपाठी ने कहा कि, यह संग्रहालय 1747 से 2020 तक इंफेंट्री कोर के इतिहास को प्रदर्शित करेगा, जिसमें मूर्तियों, भित्ति चित्रों और फोटो गैलरी के जरिये वीर सैनिकों के शौर्य और बलिदान को दर्शाया गया है. उन्होंने बताया कि, संग्रहालय में प्लासी, सारागढ़ी, बक्सर और 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध के इतिहास के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज और सुभाष चंद्र बोस महान जैसी हस्तियों के इतिहास को संरक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि संग्रहालय का पहला चरण पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे चरण का काम चल रहा है.

देश के पहले इंफेंट्री संग्रहालय का उद्घाटन: लेफ्टिनेंट कर्नल त्रिपाठी ने कहा कि, दो एकड़ जमीन पर फैली तीन मंजिला इमारत में बने संग्रहालय को तीन चरणों में बनाया जा रहा है. इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज और सुभाष चंद्र बोस आदि के इतिहास को संरक्षित किया गया है(country first infantry museum inaugurate in MP). त्रिपाठी के मुताबिक, करगिल वॉर रूम में फोटो और फतेह गैलरी के जरिए वीरों की गाथाओं को दर्शाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय में सेना की 27 रेजीमेंटों के इतिहास को प्रदर्शित किया गया है.

3डी प्रिंटर से बनाई गई कलाकृति: त्रिपाठी के अनुसार, अनुसंधान केंद्र और संग्रहालय का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और 2019 में इसे पूरा कर लिया गया था. उन्होंने कहा कि सैनिकों की मूर्तियों के अलावा सेना के जवानों को जीवंत बनाने के लिए 3डी प्रिंटर से बनाई गई कलाकृति के माध्यम से युद्ध के विभिन्न रूपों में लगे हुए दिखाया गया है.अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक रेजीमेंट के इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं, जिनमें छतरी वाली एलईडी स्क्रीन है. उन्होंने बताया कि आगंतुक ऑनलाइन टिकट बुक कर सकेंगे और एक दिन में लगभग 100 लोग इसका दौरा कर पाएंगे. त्रिपाठी के मुताबिक, इस संग्रहालय में घूमने में दर्शकों को कम से कम ढाई घंटे का समय लगेगा. उन्होंने बताया कि आगंतुकों को 40 के समूह में संग्रहालय का भ्रमण कराया जाएगा.

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.